नई दिल्ली/जयपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजस्थान को पहली वंदे भारत ट्रेन (Vande Bharat Train) की सौगात दे दी है। उन्होंने इस ट्रेन को आज हरी झंडी दिखा दी है। उन्होंने इस कार्यक्रम को वर्जुअली संबोधित किया। इस वीसी को प्रदेश भर में लाइव देखा गया। जयपुर से इस कार्यक्रम में राज्यपाल कलराज मिश्र, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव, नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ समेत कई मंत्री शामिल रहे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( Narendra Modi) ने कार्यक्रम के संबोधन में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) को अपना मित्र कहकर संबोधित किया। उन्होंन मंच पर बैठे सभी नेताओं का अभिवादन किया। उन्होंने कहा कि राजस्थान की धरती को आज पहली वंदे भारत ट्रेन मिल रही है। दिल्ली कैंट, अजमेर वंदे भारत एक्सप्रेस से जयपुर दिल्ली आना जाना बेहद सुगम होगा।
लोगों का समय बचा रही है Vande Bharat Train
पीएम ने कहा कि यह Vande Bharat Train राजस्थान के टूरिज्म इंडस्ट्री को भी बहुत मदद करेगी चाहे तीर्थराज पुष्कर हो या फिर अजमेर शरीफ, आस्था के इन महत्वपूर्ण स्थलों तक पहुंचने में भी अब श्रद्धालुओं को ज्यादा आसानी होगी। बीते 2 महीनों में यह छठी वंदे भारत एक्सप्रेस है, जिसे हरी झंडी दिखाने का सौभाग्य मिला है। मुंबई-सोलापुर वंदे भारत एक्सप्रेस, मुंबई-शिरडी वंदे भारत एक्सप्रेस, रानी कमलापति-हजरत निजामुद्दीन वंदे भारत एक्सप्रेस, सिकंदराबाद-तिरुपति वंदे भारत एक्सप्रेस, चेन्नई-कोयंबटूर वंदे भारत एक्सप्रेस और अब जयपुर-दिल्ली वंदे भारत एक्सप्रेस शुरू हो रही है।
जब से ये ट्रेन (Vande Bharat Train) शुरू हुईं हैं तबसे करीब 60 लाख लोग इन ट्रेनों में सफर कर चुके हैं। तेज रफ्तार वंदे भारत के सबसे बड़ी विशेषता है के लोगों का समय बचा रही है और एक स्टडी है एक वंदे भारत की यात्रा करने पर लोगों के कुल मिलाकर हर करीब करीब ढाई हजार घंटे बचते हैं। यात्रा में बसने वाले यह ढाई हजार घंटे लोगों को अन्य कार्यों को उपलब्ध हो रहे हैं। मेन्यूफैक्चरिंग कौशल से लेकर सुरक्षा गारंटी तक, तेज रफ्तार से लेकर खूबसूरत डिजाइन तक वंदे भारत तमाम खूबियों से लैस है। इन्हीं खूबियों को देखते हुए आज देशभर में वंदे भारत ट्रेन का गौरव गान हो रहा है।
राजनीति के अखाड़े ने कभी रेलवे को पनपने ही नहीं दिया
यह ट्रेन (Vande Bharat Train) एक सेमी हाई स्पीड ट्रेन है। मेड इन इंडिया है। यह पहली ऐसी ट्रेन है जो इतनी कॉन्टैक्ट और एफिशिएंट है, यह पहली ट्रेन है जो स्वदेशी सेफ्टी सिस्टम के अनुकूल है। हमारे देश का दुर्भाग्य रहा कि रेलवे जैसे महत्वपूर्ण व्यवस्था जो सामान्य मानवीय जीवन का इतना बड़ा हिस्सा रहा है। उसे भी राजनीति का अखाड़ा बना दिया गया था। आजादी के बाद भी भारत को एक बड़ा रेलवे नेटवर्क मिला था लेकिन रेलवे के आधुनिकीकरण पर हमेशा राजनीतिक स्वार्थ हावी रहा। राजनीतिक स्वार्थ को देखकर तब ये तय किया जाता था कि कौन रेल मंत्री बनेगा कौन नहीं बनेगा। यही तय करता था कि कौन सी ट्रेन किस स्टेशन पर जाएगी किस पर रुकेगी।
लोगों की जमीनें छीनकर रेलवे में नौकरी का लालच दिया
इसी तरह बजट बजट में ऐसी कई ट्रेनों की घोषणा करवाई, जो कभी चली ही नहीं हालत यह थी रेलवे की भर्तियों में राजनीति होती थी। बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार होता था। गरीब लोगों की जमीन छीनकर उन्हें रेलवे में नौकरी का झांसा दिया गया था। देश में मौजूद हजारों मानवरहित कोचेज को भी अपने हाल पर छोड़ दिया गया था। रेलवे की सुरक्षा, रेलवे की स्वच्छता, रेलवे प्लेटफार्म की स्वच्छता, सब कुछ नजरअंदाज किया गया था।
इन सभी परिस्थितियों में बदलाव 2014 के बाद से आना शुरू हुआ। जब देश के लोगों ने स्थिर सरकार बनवाई। जब देश के लोगों ने पूर्ण बहुमत वाली सरकार बनवाई। जब सरकार पर राजनीतिक सौदेबाजी का दबाव हटा तो रेलवे ने भी चैन की सांस ली और नई ऊंचाई पाने के लिए दौड़ पड़ी। आज हर भारतवासी भारतीय रेल का कायाकल्प होते देखकर गर्व से भरा हुआ है।
राजस्थान के लिए ये कार्य बेहद महत्वपूर्ण
शूरवीरों की धरती को हमारी सरकार नई संभावनाओं ने अफसरों की धरती भी बना रही है। राजस्थान देश के टॉप टूरिस्ट डेस्टिनेशन में एक है यह बहुत जरूरी है कि राजस्थान आने वाले सैलानियों का समय बचे उन्हें ज्यादा से ज्यादा सुविधा मिले। इसमें बहुत बड़ी भूमिका कनेक्टिविटी की है। राजस्थान की कनेक्टिविटी को लेकर जो काम बीते सालों में केंद्र सरकार ने किया है, वह वाकई स्वीकार करना होगा। यह काम अभूतपूर्व हुआ है।
राजस्थान में सरकार के गिनाए विकास कार्य
पीएम मोदी ने कहा कि फरवरी में मुझे दिल्ली -मुंबई-दौसा एक्सप्रेसवे के लोकार्पण का मौका मिला था। जिससे अलवर, भरतपुर, सवाई माधोपुर, टोंक, बूंदी ,कोटा जिलों के लोगों को बहुत लाभ होगा। केंद्र सरकार राजस्थान की सीमावर्ती क्षेत्रों में भी लगभग 1400 किलोमीटर सड़कों पर काम कर रही है। अभी करीब 1000 किलोमीटर की सड़केें राजस्थान में और बनाने का प्रस्ताव है। हमारी सरकार सड़कों के साथ ही राजस्थान में रेल कनेक्टिविटी को भी सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है। तरंगा हिल से अंबाजी होते हुए आबूरोड तक नई रेल लाइन के निर्माण पर भी काम शुरू हो चुका है। इस रेल लाइन की मांग 100 साल से भी ज्यादा पुरानी है। जो अब भाजपा सरकार ने ही पूरी की है। उदयपुर से अहमदाबाद रेलवे लाइन को भी ब्रॉडगेज में बदलने का काम पूरा कर चुके हैं। इससे मेवाड़ क्षेत्र गुजरात सहित देश के अन्य भागों से बड़ी लाइन से कनेक्ट हो गया है।
रेलवे लाइ के गेज परिवर्तन का सबसे बड़ा लाभ प्रदेश के जनजातीय जिलों को
बीते 9 सालों में राजस्थान के करीब 75% नेटवर्क का इलेक्ट्रिफिकेशन पूरा किया जा चुका है। 2014 से पहले की तुलना में राजस्थान के रेल बजट में 14 गुना से अधिक बढ़ोतरी की गई है। 2014 से पहले या रेल बजट 700 करोड़ के आसपास था लेकिन अब यह 9 हजार करोड़ के लगभग है।
इस दौरान रेल लाइनों को डबल करने की गति भी दोगुनी से अधिक हो गई है। रेलवे में गेज परिवर्तन और दोहरीकरण के जो काम 20 सालों में हुए हैं उनका बहुत बड़ा लाभ राजस्थान की जनजाति क्षेत्रों को हुआ है। डूंगरपुर, उदयपुर, चित्तौड़गढ़, पाली, सिरोही जिलों में रेल सुविधाओं का विस्तार हुआ है। रेलवे लाइनों के साथ ही राजस्थान के रेलवे स्टेशनों का वे कायाकल्प किया जा रहा है। दर्जनों स्टेशनों को अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत विकसित किया जा रहा है।
सर्किट ट्रेनों का भी संचालन
टूरिस्ट की सहूलियत को ध्यान में रखते हुए सरकार अलग-अलग तरह की सर्किट ट्रेनों का भी संचालन कर रही है। भारत गौरव सर्किट ट्रेन अब तक 70 से ज्यादा ट्रिप लगा चुकी है। इन ट्रेनों में 15,000 से ज्यादा यात्री सफर कर चुके हैं। अयोध्या, काशी या फिर दक्षिण के क्षेत्रों के दर्शन हों, द्वारिका जी के दर्शन हों, सिख समाज के तीर्थ हों। ऐसे अनेक स्थानों के लिए भारत गौरव की ट्रेनें चलाई जा रही हैं।
राजनीतिक संकट के बावजूद आपने विकास के लिए समय निकाला
प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं अशोक गहलोत का विशेष रूप से आभार व्यक्त करता हूं कि इन दोनों वह राजनीति आपदा में में अनेक संकटों से गुजर रहे हैं। उसके बावजूद भी विकास के काम के लिए समय निकालकर आए। रेलवे कार्यक्रम में हिस्सा लिया। उनका मैं स्वागत भी करता हूं, अभिनंदन भी करता हूं और मैं गहलोत जी को कहना चाहता हूं कि आपके तो दोनों हाथ में लड्डू हैं। आपके रेल मंत्री राजस्थान के हैं। रेलवे बोर्ड के चेयरमैन भी राजस्थान के हैं। जो काम आजादी के तुरंत बाद होना चाहिए था अब तक नहीं हो पाया लेकिन आपका मुझ पर इतना भरोसा है कि आज वह काम भी मेरे सामने रखे हैं। आपका यह विश्वास यही मेरी मित्रता की ताकत है और एक मित्र के नाते आप जो भरोसा रखते हैं, वह मुझे प्रेरणा देता है।