राजस्थान के मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने सरकार गिरने को लेकर एक बड़ा बयान दिया है। जिसमें उन्होंने कहा है कि जो लोग यह सोच रहे हैं कि उनके बूते यह सरकार बची है। वह लोग गलतफहमी में ना रहें। सरकार 102 विधायकों के बलबूते बची थी, ना कि किसी एक व्यक्ति के ऊपर।
सोनिया, राहुल के नेतृत्व पर भरोसा
खाचरियावास ने कहा कि इसके साथ ही कांग्रेस के आलाकमान राहुल गांधी के चेहरे और विजन के दम पर कांग्रेस में यहां सरकार बचाई थी लेकिन इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का नाम लिया जा रहा है, तो इस बारे में मुझे कुछ पता नहीं। अशोक गहलोत की सरका को कांग्रेस की एकजुटता ने बचाया था क्योंकि सरकार सोनिया गांधी राहुल गांधी के चेहरे पर भरोसा रखती है। पार्टी के 102 विधायकों तब एकता का परिचय दिया था।
पार्टी पर संकट आया…मैं हमेशा आगे रहा
प्रताप सिंह खाचरियावास ने आगे कहा कि जब-जब सरकार पर संकट आया है, तो सबसे आगे मैं खड़ा रहा हूं। कांग्रेस के नेताओं ने सोनिया गांधी, राहुल गांधी पर भरोसा जताया है। इसी के चलते राजस्थान सरकार बनी है और बची हुई है। बगैर राहुल और सोनिया गांधी के इस सरकार को बचाना नामुमकिन था। सोनिया गांधी ने अपने दूत के रूप में रणदीप सुरजेवाला, अजय माकन और केसी वेणुगोपाल को यहां भेजा है, जिसके चलते सरकार बच पाई है। क्योंकि सोनिया, राहुल गांधी ने जो संदेश दिया था, नेताओं को वही करना था। हमारे सभी नेता एक साथ एकजुट रहे हैं, उन्होंने एकता का परिचय दिया है। जिसके चलते हमारी सरकार बची है।
वसुंधरा राजे के मामले में मुझे कुछ नहीं पता
वसुंधरा राजे के मामले में प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि यह बयान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दिया है। वही इस बारे में ज्यादा जानकारी दे सकते हैं। मुझे इस बारे में कुछ नहीं पता कि उनकी क्या भूमिका रही है। बता दें कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत हाल ही में बयान दिया था कि सरकार बचाने में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, कैलाश चौधरी और रानी कुशवाहा की सराहना करते हैं। इसे लेकर ही राजस्थान का राजनीति का रुख बदला हुआ, भाजपा और कांग्रेस के नेता लगातार इस पर बयानबाजी कर रहे हैं, जो कि थम नहीं रही बल्कि और ज्यादा बढ़ती जा रही है।