Potash mining in Rajasthan : जयपुर। खनिज उत्पादन के क्षेत्र में राजस्थान देश को बड़ी सौगात देने जा रहा है। देश में पहली बार राजस्थान में पोटाश का खनन शुरू होगा। इसके लिए राज्य के माइंस विभाग ने चूरू जिले के घड़सीसर और करौली सपोटरा के खीदरपुर में पोटाश ब्लॉक के कंपोजिट लाइसेंस के लिए ई-ऑक्शन प्रक्रिया शुरू कर दी है। गौरतलब है कि देश के किसी भी क्षेत्र में अब तक पोटाश का खनन नहीं हो रहा था।
पोटाश के लिए भारत दूसरे देशों पर निर्भर है। अब प्रदेश में पोटाश के खनन से विदेशों से आयात पर निर्भरता कम होने के साथ ही हजारों करोड़ रुपए की विदेशी मुद्रा की भी बचत हो सकेगी। अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस, पेट्रोलियम व उद्योग वीनू गुप्ता ने बताया कि दो ब्लॉकों की नीलामी के लिए भारत सरकार के ई पोर्टल पर ई- ऑक्शन प्रक्रिया 31 जुलाई से शुरू कर दी गई है, जो 4 सितंबर को पूरी होगी। बता दें कि कृषि क्षेत्र में पोटाश का उर्वरक के रूप में प्रयोग होता है। उर्वरक के अलावा पोटाश का अन्य उपयोग ग्लास, बारूद, रसायन व पेट्रोरसायन आदि बनाने में भी किया जाता है।
चार सितंबर को लगेगी बोली
निदेशक माइंस एवं पेट्रोलियम संदेश नायक ने बताया कि घड़सीसर और खीदरपुर पोटाश ब्लॉकों के लिए 16 अगस्त तक टेंडर डाक्यूमेंट की बिक्री की जाएगी, वहीं 4 सितंबर को बोली लगाई जा सके गी। नायक ने बताया कि घड़सीसर पोटाश ब्लॉक सरदारशहर तहसील से लगभग 30 किमी उत्तर-पश्चिम में स्थित है एवं इसका क्षेत्रफल 11.72 वर्ग किमी है। यहां पर पोटाश के 2 जोन पाए गए हैं। बोरहोल में पोटाश खनिजीकरण 587.88 से 695.53 मीटर गहराई पर पाया गया है। इसी तरह से खीदरपुर ब्लॉक गंगापुर, जिला सवाईमाधोपुर से लगभग 20 किमी दूरी पर स्थित है एवं इसका क्षेत्रफल 9.464 वर्ग किमी है। यहांं 74.57 मिलियन टन तथा औसत के 2ओ प्रतिशत 4.72 प्रतिशत पर पोटाश भंडारों का आकलन किया गया है।
दस हजार करोड़ का आयात
वीनू गुप्ता ने बताया कि देश का 95 प्रतिशत से भी अधिक पोटाश के भंडार राजस्थान में संभावित हैं। उत्तर-पश्चिमी राजस्थान के चुरू, बीकानेर, हनुमानगढ़ और श्रीगंगानगर जिलों के नागौर-श्रीगंगानगर बेसिन के भरूसरी ब्लॉक, सतिपुरा ब्लॉक, झंडावाली नाॅर्थ ब्लॉक, झंडावाली साउथ ब्लॉक, खुजां नाॅर्थ वेस्ट ब्लॉक, जोरकीया साउथ ब्लॉक, लखासर ब्लॉक, जेतपुर ब्लॉक इत्यादी में कार्य जारी है। उन्होंने बताया कि देश में करीब दस हजार करोड़ से अधिक के पोटाश का मुख्यतः कनाडा, बेलारूस, रूस, जाॅर्डन आदि से आयात किया जा रहा है। कुछ मात्रा में इजराइल, सउदी अरब, जर्मनी से भी आयात होता है।
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