अजमेर। राजस्थान के ब्यावर जिले में नाबालिग बच्ची के अपहरण के मामले में पुलिस पूछताछ के लिए बुजुर्ग व्यक्ति को थाने लेकर आई। पुलिस ने पूछताछ के दौरान थाने के अंदर बुजुर्ग व्यक्ति से मारपीट की। पुलिस ने बुजुर्ग को इतना पीटा कि उसकी तबीयब बिगड़ गई। अब बुजुर्ग व्यक्ति का अजमेर के जेएलएन अस्पताल में भर्ती है।
पीड़ित के परिजनों ने मसूदा थाना पुलिस पर बुजुर्ग से मारपीट करने के गंभीर आरोप लगाए हैं। मसूदा के किराप निवासी सीमा रावत ने बताया कि शनिवार को मसूदा थाना पुलिस उसके पिता छगन सिंह रावत को ले गई थी। इसके बाद उसके पिता के बेरहमी से पिटाई की गई। जिससे उनकी तबीयत बिगड़ी तो मसूदा के राजकीय अस्पताल पहुंचाया। जहां से उसकी गंभीर अवस्था को देखते हुए जेएलएन अस्पताल के लिए रेफर किया।
सीमा ने कहा कि उसके पिता के साथ मारपीट करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ जब तक कार्रवाई नहीं होगी तब तक वह और उसके परिजन शांत नहीं बैठेंगे। रिटायर्ड आरएएस रामसुख गुर्जर ने कहा कि किसी नाबालिग बच्ची के अपहरण के मामले में छगन सिंह को भले थाने बुलाया गया। लेकिन, ऐसा बर्बरतापूर्ण रवैया अपनाया जाना कहां तक सही है। वह ऐसे पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हैं।
सच बेधड़क ने थानाधिकारी सुरेंद्र सिंह से दूरभाष पर बातचीत की तो उन्होंने सभी आरोपों को सिरे से खारिज किया। उन्होंने कहा कि नाबालिग बच्ची के अपहरण के मामले में पूछताछ के लिए छगन सिंह को लाया गया था। पूछताछ के दौरान अचानक छगन सिंह गिर गया था। उसे मसूदा के अस्पताल पहुंचाया गया जहां पर चिकित्सकों ने पुरानी हर्निया की बीमारी के चलते तबीयत बिगड़ने की जानकारी दी। छगन सिंह के परिजन व अन्य पुलिस पर दबाव बनाने के लिए झूठे आरोप लगा रहे हैं। वह छगन सिंह की किसी भी तरह की मेडिकल जांच के लिए भी तैयार हैं।
(इनपुट-नवीन वैष्णव)