जयपुर। कांग्रेस सचिन पायलट को पार्टी से निष्कासित करने के बजाय इस कोशिश में है कि खुद पार्टी छोड़कर चले जाएं। इसलिए पार्टी ने उन्हें अभी कोई नोटिस नहीं दिया है। वैसे, पार्टी किसी प्रकार के रियायत देने के मूड में नहीं है। पार्टी मान रही है कि सचिन ने 11 अप्रैल को जो भी कदम उठाया वह इस सोची-समझी रणनीति के तहत था कि पार्टी उनके खिलाफ करवाई करे और वे उसे भुनाएं। सचिन ने पिछले दो दिन में यहां संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल और मध्यप्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ से मिल यही सफाई देने की कोशिश की कि उन्होंने मुख्यमंत्री के खिलाफ कुछ नहीं बोला। सूत्रों की मानें तो दोनों नेताओं ने उन्हें कोई भरोसा नहीं दिलाया है।
पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे समेत पार्टी के सभी बड़े नेता सचिन के धरने को पार्टी के खिलाफ और नुकसान पहुंचाने वाला मान रहे हैं। यही नहीं, प्रदेश प्रभारी रंधावा की चेतावनी के बाद धरने पर बैठना अनुशासनहीनता के दायरे में माना जा रहा है। रंधावा ने 10 अप्रैल की देर रात नोटिस जारी कर संकेत देदिया था कि धरना पार्टी के खिलाफ माना जाएगा। उसके बाद भी सचिन धरने पर बैठे और वहां जो पोस्टर बाजी की, वह पूरी तरह इस बात का संकेत थी कि कांग्रेस आलाकमान पर अब उनका भरोसा नहीं रहा।
भाजपा को रास आ रहा वसुंधरा पर हमला
पार्टी चुनावी साल होने के चलते जल्दबाजी में ऐसा कोई कदम नहीं उठाना चाहती है कि जिसका सचिन लाभ उठा सकें , इसलिए मामले को कुछ दिन टाला जा सकता है। पार्टी के रणनीतिकार मान रहे हैं कि सचिन ने धरना दे जिस तरह वसुंधरा राजे पर हमला बोला वह बीजेपी आलाकमान को रास आने वाला है, क्योंकि बीजेपी का आलाकमान इस बार राजे को चेहरा बनाने के मूड में नहीं है। वहीं, शुक्रवार को केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने अलवर सांसद के एक कार्यक्रम में कह भी दिया कि अगर सचिन या कोई भी बीजेपी की विचारधारा और प्रधानमंत्री मोदी को अपना नेता मानता है तो उन्हें गले लगाने में कोई ऐतराज नहीं है।
इधर, विधानसभा में विपक्ष के नेता राजेंद्र राठौड़ ने शुक्रवार को सवाल किया कि अगर पायलट के पास अपने आरोप के समर्थन में सबूत हैं तो उन्होंने विधानसभा सत्रों में या सरकार के शुरुआती दिनों में इन मुद्दों को क्यों नहीं उठाया। राठौड़ ने कहा कि पायलट का विमान ऑटो-पायलट मोड पर है और विमान कहां उतरेगा, यह समय ही बताएगा।
17 अप्रैल को पायलट की शेखावाटी में सभाएं
पूर्ववर्ती वसुंधरा सरकार में हुए कथित भ्रष्टाचार के मामलों में कार्रवाई की मांग को लेकर एक दिन का अनशन करने के बाद सचिन पायलट सोमवार को दो जनसभाओं में शामिल होंगे। पायलट के कार्यालय के अनुसार वे जयपुर के शाहपुरा में परमानंद धाम में सोमवार सुबह 11 बजे एक कार्यक्रम में शामिल होंगे और उसके बाद उसी दिन दोपहर एक बजे झुंझुनूं के खेतड़ी में शहीद शिरोमणि की प्रतिमा के अनावरण कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। पायलट के दौरे को लेकर माना जा रहा है कि वे आलाकमान को अपना जनाधार दिखाने की कोशिश में जुट गए हैं।