Parliament Monsoon Session : नई दिल्ली। संसद का मॉनसून सत्र में आज से शुरू हो रहा है, जो काफी हंगामेदार रहने के आसार है। इस सत्र में विपक्ष मणिपुर हिंसा, महंगाई, ओडिशा रेल हादसे, यूनिफॉर्म सिविल कोड सहित कई मुद्दों पर मोदी सरकार को घेरेगा। सर्वदलीय बैठक में विपक्ष की तरफ से इस बात को साफ भी किया जा चुका है। हालांकि, संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी का कहना है कि सरकार मानसून सत्र में मणिपुर समेत सभी मुद्दों पर चर्चा कराने के लिए तैयार, बशर्ते कि वे नियमों के तहत और अध्यक्ष से स्वीकृत हों।
इधर, मानसून सत्र शुरू होने से पहले आज सुबह विपक्षी दलों के नए गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव एलायंस (इंडिया)’ के नेताओं की बैठक होने वाली है। जिसमें संसद के मानसून सत्र में सरकार को घेरने की रणनीति पर चर्चा की जाएगी। जानकारी के मुताबिक राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के संसद भवन स्थित कक्ष में सुबह विपक्षी गठबंधन की बैठक होगी।
31 विधेयक हो सकते हैं पेश
संसद का मानसून सत्र 11 अगस्त तक चलेगा। इस दौरान संसद के दोनों सदनों की कुल 17 बैठकें प्रस्तावित हैं। सरकारी कार्यों की संभावित सूची में 31 नए विधेयकों को पेश व पारित करने के लिए शामिल किया गया है। इसमें दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र सरकार संशोधन विधेयक 2023 भी शामिल है। यह विधेयक संबंधित अध्यादेश का स्थान लेने के लिए पेश किया जाएगा। आम आदमी पार्टी इस मुद्दे को लेकर सरकार पर निशाना साध रही है
सर्वदलीय बैठक में बन गई बात!
संसद के मानसून सत्र से एक दिन संसदीय ग्रंथालय भवन में सर्वदलीय बैठक बुलाई गई। जिसमें विपक्षी दलों ने मणिपुर की स्थिति के बारे में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बयान की मांग करते हुए ओडिशा रेल हादसे, भारत-चीन सीमा स्थिति, महंगाई, संघीय ढांचे पर प्रहार जैसे मुद्दों पर चर्चा कराने एवं महिला आरक्षण विधेयक पारित कराने कहा। मीटिंग के बाद संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि मणिपुर की स्थिति के बारे में चर्चा कराने की विभिन्न दलों की मांग पर सरकार को कोई आपत्ति नहीं है तथा आसन की अनुमति एवं संबंधित नियमों के तहत सदन में इस विषय पर चर्चा कराई जा सकती है। सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस ने कहा कि अगर सरकार सदन चलाना चाहती है तो उसे विपक्ष को अपनी बात रखने का मौका देना चाहिए।
कार्य स्थगन प्रस्ताव लाना चाहते हैं: चौधरी
बैठक में हिस्सा लेने के बाद लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने संवाददाताओ से कहा, बैठक में हमने संसद के ं मानसून सत्र के दौरान मणिपुर की स्थिति पर चर्चा कराने की मांग की। हमारी मांग है कि प्रधानमंत्री सदन में आएं और मणिपुर की स्थिति पर चर्चा हो।चौधरी ने कहा, दो महीने गुजर गए लेकिन प्रधानमंत्री चुप हैं। मैं उनसे आग्रह करना चाहता हूं कि उन्हें संसद में बयान देना चाहिए और चर्चा करानी चाहिए। हम गुरुवार को कार्यस्थगन प्रस्ताव लाना चाहते हैं क्योंकि मणिपुर की स्थिति खराब हो रही है।
चौधरी ने कहा कि सत्तारूढ़ पार्टी को हमारे दिल की बात सुननी चाहिए और विपक्ष को बोलने का मौका देना चाहिए। कांग्रेस नेता ने कहा कि उनकी पार्टी ने चीन से लगने वाली सीमा पर स्थिति, महंगाई, ओडिशा रेल हादसे, बेरोजगारी, संघीय ढांचे पर प्रहार जैसे मुद्दों पर भी चर्चा कराने की मांग की है। मैंने मांग की है कि भारत-चीन सीमा मुद्दे और कारोबार असंतुलन पर भी चर्चा कराई जानी चाहिए। ताली एक हाथ से नहीं बजती। अगर सरकार सदन में कामकाज चलाना चाहती है तो उसे विपक्ष को मुद्दे उठाने और अपनी बात रखने का मौका देना चाहिए।
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