अलवर। राजस्थान के अलवर जिले के बहरोड़ में अजीबोगरीब मामला सामने आया है। बहरोड़ प्रशासन ने डेढ साल पहले मरे हुए व्यक्ति को नोटिस जारी कर कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया है। इस बीच मृतक के परिजन परेशान है कि मृतक व्यक्ति को कहां से लाएं और कोर्ट में कैसे पेश किया जाए।
दरअसल, 25 नवंबर को विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग होनी है। न्यायालय उपखंड मजिस्ट्रेट की ओर से बहरोड़, नीमराना, मांढण और बहरोड़ सदर थाना क्षेत्र में निवास करने वाले ऐसे लोगों को छह महीने के लिए पाबंद किया गया है, जो चुनाव के दौरान व्यवधान डालें या जिनसे शांति व्यवस्था को खराब होने की संभावना हो। इस दौरान पुलिस ने बहरोड़ उपखंड के कांकर छाजा गांव के विनोदी पुत्र कंदनलाल यादव को भी नोटिस भेजा है, जबकि उसका निधन 27 जून 2022 को हो चुका है। परिवार के लोगों ने 11 जनवरी 2023 को उसका मृत्यु प्रमाण पत्र भी बना लिया है।
मृतक के बेटे के पास सम्मन आया तो चौंक गए
मृतक के बेटे रामचंद्र यादव ने बताया कि शनिवार शाम करीब 5 बजे जैसे ही उनके पास सम्मन आया तो वे चौंक गए। उन्होंने बताया कि मेरे पिता के खिलाफ कभी कोई मुकदमा नहीं हुआ। पिता विनोदी लाल किसान थे। उनका गांव में अच्छा व्यवहार रहा है। जब पिताजी जीवित थे, तब चुनाव के दौरान कभी भी सम्मन नहीं आए और ना ही कभी पाबंद किया गया, लेकिन उसके निधन के बाद पहली बार सम्मान लेकर पुलिस का जवान आया तो भोचक्के रहे गए। उन्होंने कहा कि हमारे घर सम्मन भेजकर जिम्मेदार अधिकारियों के द्वारा परिवार की स्वच्छ और साफ छवि को खराब किया जा रहा है।
बता दें कि आचार सहित से लेकर 5 नवंबर तक न्यायालय उपखंड मजिस्ट्रेट बहरोड़ को करीब 382 इस्तगासे मिले हैं। जिसमें 618 लोग शामिल हैं। इनकी सूचना संबंधित थानों को दी गई। पुलिस की छानबीन के बाद मिली सूचना पर कल तक 389 लोगों को पाबंद किया जा चुका है। जबकि 604 लोगों को पाबंद करना है। थाना प्रभारी राजपाल यादव ने बताया कि मामले में जानकारी ले रहे हैं कि कहां गलती हुई है। उसके बारे में पता कर रहे हैं।