जयपुर। राजस्थान की भजनलाल सरकार (Bhajanlal Government) लोकसभा चुनावों से पहले श्रमिक वर्ग को साधने में जुट गई है। इसके तहत प्रदेश का श्रम विभाग श्रमिकों के लिए अपनी योजनाओं के साथ-साथ केंद्र की योजनाओं का प्रचार-प्रचार करेगा। इसके लिए श्रम विभाग 100 दिवसीय कार्ययोजना में श्रमिकों के लिए केंद्र सरकार की दो योजनाओं एक ई-श्रम कार्ड और दूसरी प्रधानमंत्री श्रमयोगी मानधन योजना पर फोकस बनाए हुए है। इसके लिए श्रम विभाग एक फरवरी से हर पंचायत समिति पर विशेष कैंप लगाएगा। इसमें श्रम विभाग की योजनाओं के साथसाथ असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए केंद्र की योजनाओं से श्रमिकों को जोड़ा जाएगा।
रौचक बात ये भी है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने श्रम विभाग के लिए कोई मंत्री नहीं लगाया है। बल्कि इस विभाग का जिम्मा खुद अपने कंधों पर रखा है। प्रदेश में इस विभाग के लिए जो भी योजनाएं बनेगी उसमें सीधा जुड़ाव विभाग के मंत्री होने के नाते मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा का रहेगा। प्रदेश सरकार असंगठित क्षेत्रों के श्रमिकों को भी भाजपा से जाेड़ने के लिए योजनाओं में मामूली परिवर्तन कर इस वर्ग को खुश करने में जुटी हुई है।
प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी के जयपुर दौरे के दौरान उनके सामने ही मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने इंदिरा रसोई का नाम परिवर्तन कर अन्नपूर्णा रसाेई कर दिया था। साथ ही खाने की थाली में पहले मिल रही 450 ग्राम मात्रा को बढ़ाकर 650 ग्राम कर दिया गया। पहले योजना में दी जा रही रोटी, दाल व सब्जी के साथ अब चावल या खिचड़ी भी जोड़ी गई है। साथ ही मोटे अनाज के आहार भी देने की घोषणा कर दी गई। ऐसे में साफ है भजनलाल सरकार हर वर्ग को जोड़कर चुनावों में फायदा लेने की जुगत बिठा रही है।
25 लाख ई-श्रम कार्ड बनाने का लक्ष्य
श्रम विभाग को सरकार ने ई-श्रम कार्ड योजना और प्रधानमंत्री श्रमयोगी मानधन योजना के जरिए असंगठित क्षेत्रों के ज्यादा से ज्यादा श्रमिकों को जोड़ने के निर्देश दिए हैं। इसके तहत श्रम विभाग को 100 दिवसीय कार्य योजना में 25 लाख से ज्यादा ई-श्रम कार्ड बनाने का लक्ष्य दिया है। हालांकि अभी सवा लाख के करीब ही कार्ड बन पाए हैं। इसी तरह प्रधानमंत्री श्रमयोगी मानधन योजना में 50 हजार से ज्यादा लोगों को जोड़ने का लक्ष्य दिया गया है।
यह है ई-श्रम कार्ड के फायदे
ई-श्रम कार्ड योजना से मजदूरों के डाटा जुटाकर योजनाएं तैयार की जा रही है। इसमें 12 अंकों का एक यूनिक नंबर मिलेगा। यह कार्ड कोई भी असंगठित क्षेत्र का मजदूर जिसका पीएफ व ईएसआई नहीं कट रहा हो वह बनवा सकता है। कार्ड बनवाने पर 2 लाख का दुर्घटना बीमा मिलेगा। वहीं श्रम विभाग की तरफ से वर्तमान में बनाया जा रहा मजदूरी कार्ड भी ई-श्रम कार्ड से जोड़ा जाएगा। इससे योजनाओं के दुरुपयोग पर नजर रखी जा सकेगी।
श्रमयोगी मानधन योजना से जुड़ने पर मिलेगी पेंशन
केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री श्रमयोगी मानधन योजना असंगठित श्रमिकों की वृद्धावस्था सुरक्षा और सामाजिक सुरक्षा के लिए है। इसकी पात्रता 18 से 40 वर्ष के बीच की रहेगी। वहीं मासिक आय 15 हजार रुपए तक रहनी चाहिए। इसके 60 साल बाद श्रमिकों को 3 हजार रुपए मासिक पेंशन दी जाएगी।
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