(पंकज सोनी) : जयपुर। नोटबंदी के बाद एक बार फिर से दो हजार के नोटों को चलन से बाहर करने की प्रक्रिया के बीच राजस्थान में नकली नोटों के चलन को लेकर बेहद चौकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं। 2016 को की गई नोटबंदी (Notebandi Effect) के प्रदेश में असर को लेकर प्रदेश गृह विभाग के जुटाए गए आंकड़ों में सामने आया है कि नोटबंदी के पांच साल पहले और पांच साल बाद के जाली नोटों प्रकरण के आंकड़ों में 36.16% की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। यानी नोटबंदी के बाद प्रदेश के अलग-अलग थानों में नकली नोट संबंधी दर्ज एफआईआर में 36.16% की बढ़ोतरी निकल कर सामने आई है।
प्रदेश में नोटबंदी के बाद 9 नवंबर 2016 से 31 जनवरी 2023 तक जाली नोटों के 305 प्रकरण दर्ज हुए हैं। वहीं पुलिस में नोटबंदी से पहले जनवरी 2010 से आठ नवंबर 2016 तक जाली नोटों के कुल 224 प्रकरण दर्ज हुए हैं। आरबीआई रिपोर्ट की मानें तो पकड़े गए नकली नोट पांच सौ और दो हजार के है। इन प्रकरणों में कई मामलों में तो घरों पर ही नोट छापने का खुलासा पुलिस ने किया।
यू-ट्यूब से सीखा था नोट बनाने का तरीका
जयपुर, सीमावर्ती जिलों में ज्यादा मामले पिछले पांच साल में जाली नोट संबंधी मामले बीकानेर, हनुमागढ़, श्रीगंगानगर जोधपुर और जयपुर में दर्जकिए गए। जयपुर में 27 मामले नकली नोटों के दर्जकिए गए। नकली नोट के ज्यादातर मामलों में तस्करी से नोट आने की जानकारी मिली है। यह पंजाब और पश्चिम बंगाल के रास्ते राजस्थान में खपाने के लिए लाए जा रहे हैं। यह भी खुलासा हुआ कि पश्चिम बंगाल के तस्कर बांग्लादेश से खेप लेकर 40 से 50 हजार के बदले 1 लाख रु. तक के नकली नोटों की सप्लाई दे रहे हैं।
नोटबंदी का असर नहीं
जाली नोटों के गोरखधंधे पर नोटबंदी का कोई असर नहीं हुआ है, बल्कि इसके बाद फे क करेंसी के मामले बढ़ेहैं। राजस्थान में पहले जाली नोट पाकिस्तान के रास्तेही आया करते थे, लेकिन सख्ती के बाद वहां से नोट आने बंद हो गए और अब कई गिरोह यहां पर ही नकली नोट छाप रहे हैं।