अजमेर। रिश्वत लेते पकड़े गए भाजपा के पूर्व पार्षद वीरेंद्र वालिया की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। उन्होंने राजस्थान हाईकोर्ट में जमानत के लिए अर्जी लगाई थी जिस पर हाईकोर्ट ने सुनवाई के लिए 4 सप्ताह के बाद तारीख दी है, क्योंकि वकीलों की हड़ताल के चलते आज सुनवाई नहीं हो पाई थी।
मकान बनाने के एवज में मांगी थी रिश्वत
बता दें कि वीरेंद्र वालिया को 20 हजार रूपए की रिश्वत लेते अजमेर एसीबी ने ट्रैप किया था, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया था। वीरेंद्र वालिया ने यह रिश्वत मकान मालिकों से मकान बनाने के लिए रिश्वत में मांगी थी। उसने 40 हजार रूपए मकान मालिकों से मांगे थे। पूर्व पार्षद वीरेन्द्र वालिया पर आरोप है कि ईदगाह कॉलोनी क्षेत्र में निर्माणाधीन भवन को अवैध जमीन पर बनाना बताते हुए आए दिन नगर निगम के अधिकारियों का नाम लेकर धमकी देता था।
इन धमकियों से ही तंग आकर मकान मालिक ने एसीबी में मामला दर्ज कराया था। इसकी जांच में पता चला कि वीरेंद्र वालिया और दलाल रोशन चीता ने मकान मालिक से रिश्वत के रूप में 20 हजार रूपए की पहली किस्त ले ली है। यह निर्माण कार्य दो भूखंडों पर चल रहा था, जिसके चलते वालिया ने 25 हजार रूपए प्रति भूखंड के हिसाब से 50 हजार रूपए मांगे थे लेकिन इसके बाद सौदा 40 हजार में तय हुआ था। दलाल रोशन चीता ने 40 हजार में से 20 हजार रूपए की पहली किस्त मकान मालिक से ले ली थी, जिसे वह वीरेंद्र वालिया को दे रहा था।
भाजपा ने पार्टी से किया निलंबित
वहीं भाजपा ने भी इस वारदात के 18 दिन बाद पार्टी से निलंबित कर दिया और 15 दिन में इस मामले पर स्पष्टीकरण भी मांगा था। हालांकि अभी तक वीरेंद्र वाले की तरफ से अभी कोई जवाब पेश नहीं किया गया है।
(रिपोर्ट- नवीन वैष्णव)