अजमेर। दो करोड़ की रिश्वत मामले में निलंबित एएसपी दिव्या मित्तल की जमानत अर्जी पर आज अपर जिला सेशन कोर्ट में सुनवाई हुई। अब अगली सुनवाई 10 अप्रैल को होगी। दिव्या मित्तल ने 4 अप्रैल को जमानत के लिए अर्जी लगाई थी। आज कोर्ट में दिव्या की जमानत अर्जी का विरोध किया गया।
लोक अभियोजक राजेंद्र राठौड़ ने पेश किए तथ्य
लोक अभियोजक राजेंद्र सिंह राठौड़ ने कोर्ट को बताया कि दिव्या मित्तल उस मामले की जांच अधिकारी थी जो अजमेर के रामगंज थाने में एनडीपीएस एक्ट के दो मामले दर्ज है। इस मामले में आरोपी को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया जा चुका था, जबकि दूसरे मामले में दिव्या मित्तल ने अभियुक्त को गिरफ्तार नहीं किया था। बल्कि विभाग से आरोपी को गिरफ्तार ना करने की मांग की थी।
कल SOG ने कियाथा पेश, मिली 18 अप्रैल तक की कस्टडी
बता दें कि दिव्या मित्तल को एनडीपीएस मामले में बीती 4 अप्रैल को एसओजी ने पेश किया था। तब मित्तल को 18 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में भेजा गया था। इसके साथ ही मित्तल ने तब अपने लिए जमानत अर्जी पेश की थी, जिस पर आज सुनवाई हुई। कोर्ट ने दोनों पक्षों की बहस को सुना और 10 अप्रैल को अगली सुनवाई का आदेश दिया।
NDPS मामले में रिश्वत लेने का है आरोप
निलंबित एएसपी दिव्या मित्तल के खिलाफ दवा कम्पनी के मालिक ने दो करोड़ रूपए की रिश्वत मांगने की रिपोर्ट दी थी। एसीबी ने ट्रैप की योजना भी बनाई थी लेकिन मित्तल को भनक लगने से कार्रवाई सफल नहीं हो पाई। बाद में कोर्ट से वारंट लेकर दिव्या मित्तल को गिरफ्तार भी किया और बाद में जेल भेज दिया। चार्जशीट पेश होने के बाद हाईकोर्ट ने उसे जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए। जैसे ही दिव्या मित्तल जेल से निकली तो उसे एसओजी की टीम ने दबोच लिया और कल कोर्ट में पेश किया जहां से दिव्या को 18 अप्रैल तक कस्टडी में भेज दिया गया ।