(श्रवण भाटी): जयपुर। प्रदेश के सभी सरकारी विभागों, मंत्रियों, आईएएस सहित आला अफसरों के नंबर संबंधित विभाग की वेबसाइट पर अंकित है, लेकिन प्रदेश की सबसे बड़ी यूनिवर्सिटी की मुख्य वेबसाइट के हाल बेहाल है। राजस्थान यूनिवर्सिटी में हजारों स्टूडेंट को मदद के लिए वेबसाइट पर पहलेविभागों की आवश्यक जानकारी सहित विभागाध्यक्ष, प्रोफेसरों की जानकारी ऑनलाइन रहती थी, लेकिन करीब 4 साल पहले महिला प्रोफेसरों के साथ हुए घटनाक्रम के बाद जानकारी हटा दी गई थी। इसके बाद वेबसाइड से पुरुष प्रोफेसरों की भी जानकारी हटा दी गई। दरअसल स्टूडेंट्स की सुविधा के लिए विभागाध्यक्ष, प्रोफेसरों, डीन सहित सभी अधिकारियों के मोबाइल नंबर, घर का पता, शोध, ईमेल सहित अन्य जानकारी वेबसाइट पर अंकित थी। इससे छात्र- छात्राएं, शोधार्थी जरूरत पर संपर्क कर सकें।
Rajasthan University : कई साल से साइट नहीं होती अपडेट
यूनिवर्सिटी में होने वाले कार्यक्रमों की जानकारी भी समय पर वेबसाइट पर अपडेट नहीं होती। यूनिवर्सिटी और संघटक कॉलेज मेंकरीब 35 हजार स्टूडेंट्स अध्ययनरत है। वेबसाइट पर कल्चर इवेंट के टाइम टेबल भी अंकित नहीं है। वेबसाइट पर जानकारी नहीं मिलने से छोटे-छोटे कामों के लिए स्टूडेंट्स सैकड़ों किलोमीटर का सफर तय कर यूनिवर्सिटी पहुंचते हैं। ऐसे में अब किसी छोटी सी जानकारी के लिए भी स्टूडेंट्स को भटकने लिए मजबूर होना पड़ता हैं। इससे उनका समय खराब होने के साथ आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ रहा है। वहीं आरयू से संबध रखने वाली कॉलेज के स्टूडेंट्स तो सबसे ज्यादा परेशान होते हैं।
हेल्पलाइन नंबर पर नहीं उठाते फोन
यूनिवर्सिटी ने स्टूडेंट्स की सहायता के लिए विभिन्न विभागों के हेल्पलाइन नंबर भी दिए हुए हैं, लेकिन उस नंबर पर कई बार कोशिश करने के बावजूद कोई कॉल नहीं उठाते हैं। सबसे ज्यादा स्टूडेंट्स माइग्रेशन और मार्कशीट सहित कई विभागों में कॉल करते हैं, लेकिन कोई कॉल नहीं उठाता। ऐसे में अब आगामी दिनों में प्रवेश परीक्षा शुरू होगी, इसमें कई छात्र आवश्यक जानकारी से वंचित होंगे। यूनिवर्सिटी प्रशासन के इस रवैये से स्टूडेंट्स को मजबूरन छात्र नेताओं का सहारा लेना पड़ता हैं।
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चार साल पहले इस कारण हटाए थे महिला प्रोफेसरों के नंबर
करीब चार साल पहले यूनिवर्सिटी की 30-40 महिला प्रोफेसर को इंटरनेट कॉल के जरिये एक मनचले द्वारा फोन कर धमकियां दी गई थी। बदमाश अश्लील बातें करता था। उसने दुष्कर्म की धमकी भी दी थी। कई महिला प्रोफेसरों को कैश ऑन डिलीवरी से गिफ्ट भेजे गए थे। उसके बाद प्रोफेसरों ने कुलपति से शिकायत दर्ज करवाई थी और गांधीनगर थाने में भी मामला दर्ज हुआ था। इस घटना के बाद सभी महिला प्रोफेसर के फोटो भी वेबसाइट से हटा दिए गए। हालांकि पुलिस ने फोन करने वाले मनचले नाबालिग युवक को हरियाणा के कॉलेज से निरुद्ध किया था। मनचला एक प्रोफेसर का बेटा निकला था।
इनका कहना है
स्टूडेंट्स कुश शर्मा ने कहा कि आरयू प्रदेश का सबसे बड़ा विश्वविद्यालय है। ऐसे में वेबसाइट मेंटेन होनी चाहिए। कई जानकारी छात्रों तक नहीं मिल पाती है। वेबसाइट पर समय से जानकारी से छात्रों को राहत मिलेगी। चीफ प्रॉक्टर एचएस पलसानिया का कहना है कि मोबाइल नंबर निजी जानकारी है तो कैसे कोई सार्वजनिक रूप से उसे दे देगा। पहले भी कई प्रोफेसरों ने नंबर देने से मना कर दिए था। प्रोफेसर अधिक कॉल आने से पीछे हटते हैं। वेबसाइट पर नंबर देना कोई जरूरी नहीं है। कई बड़े विश्वविद्यालयों में मोबाइल नंबर सार्वजनिक नहीं किए हुए हैं। डीएसडब्ल्यू के नरेश मलिक ने कहा कि मुझे इस बारे में जानकारी नहीं है। कल ही दिखवा लेता हूं। प्रोस्पेक्ट की मीटिंग में चर्चा कर जल्दी ही इसको वेबसाइट पर अंकित करवाएंगे।