कोटा। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के प्रयासों से कोटा-बूंदी के दोनों टाइगर रिजर्व को जल्द बड़ी सौगात मिलेगी। मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व और रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व में जल्द एक-एक बाघिन छोड़ी जाएगी। इसके अलावा दोनों टाइगर रिजर्व के विकास के लिए केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय 8 करोड़ रुपए भी जारी करेगा। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव की उपस्थिति में गुरुवार को मुकुंदरा हिल्स और रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व को लेकर बैठक हुई।
बैठक में स्पीकर बिरला तत्काल दोनों टाइगर रिजर्व में बाघिन तथा अन्य वन्यजीवों छोड़े जाने की आवश्यकता पर बल दिया। चर्चा के बाद तय हुआ कि दोनों टाइगर रिजर्व में एक-एक बाघिन और अन्य वन्यजीव छोड़े जाएंगे। बैठक में केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय में महानिदेशक वन सीपी गोयल, एनटीसीए के सदस्य सचिव डॉ. एसपी यादव, वन विभाग के प्रमुख शासन सचिव शिखर अग्रवाल, लोक सभा में संयुक्त सचिव सिद्धार्थ महाजन, लोक सभा अध्यक्ष के ओएसडी राजीव दत्ता उपस्थित रहे।
चंबल में रिवर क्रूज की भी मिलेगी मंजूरी
चंबल नदी में रिवर क्रूज को लेकर भी बैठक में चर्चा की गई। चंबल नदी में राष्ट्रीय घड़ियाल अभयारण्य होने के कारण उसमें रिवर क्रूज के संचालन के लिए केंद्रीय स्तर से स्वीकृति की आवश्यकता है। बैठक में तय किया गया कि आरटीडीसी या अन्य किसी एजेंसी से इस संबंध में प्रस्ताव आने पर उसे स्वीकृति प्रदान कर दी जाएगी। इस स्वीकृति के जारी होने के बाद चम्बल नदी में कोटा बैराज से जवाहर सागर तक रिवर क्रूज प्रारंभ होने की संभावना बढ़ जाएगी।
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राजस्थान में पहली बार आएंगे गौर
बैठक में मुकुंदरा और रामगढ़ में जिन अन्य वन्यजीवों को छोड़ने पर सहमति बनी उनमें गौर और वाइल्ड डॉग्स शामिल हैं। राजस्थान में संभवतः पहली बार गौर को लाया जा रहा है। गौर दक्षिण एशिया और दक्षिण पूर्व एशिया मे पाया जाने वाला एक बड़ा, काले लोम से ढका गोजातीय पशु है। आज इसकी सबसे बड़ी आबादी भारत में पाई जाती हैं। गौर जंगली मवेशियों मे से सबसे बड़ा होता है।
दोनों टाइगर रिजर्व में किए जाएंगे विकास कार्य
केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय दोनों टाइगर रिजर्व में विकास कार्यों के लिए 8 करोड़ रुपए देगा। इस राशि का उपयोग टाइगर रिजर्व क्षेत्र में वॉटर पाइंट, सुरक्षा संबंधी उपायों तथा अन्य आवश्यक विकास कार्यों के लिए किया जाएगा।