भरतपुर। भिवानी मामले के आरोपी की पत्नी से मारपीट और बर्बरता के आरोपों के बीच अब सांसद रंजीता कोली ने भरतपुर पुलिस की मुश्किलें बढ़ा दी है। भरतपुर सांसद रंजिता कोली ने दो युवकों के जिंदा जलाने के मामले में आरोपी श्रीकांत के घर राजस्थान पुलिस की तरफ से लिए गए एक्शन पर उठाए है। साथ ही राजस्थान की भरतपुर पुलिस के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के लिए राष्ट्रीय महिला आयोग अध्यक्ष रेखा शर्मा को पत्र लिखा है। रंजीता कोली ने पत्र में लिखा कि श्रीकांत के घर नहीं मिलने के बाद पुलिस ने आरोपी के घर में तोड़फोड़ की और महिलाओं के साथ अभद्र व्यवहार की। घर की एक गर्भवती महिला को पुलिस ने बेरहमी से पीटा है, जिससे उसके गर्भ में पल रहे बच्चे की मौत हो गई।
सांसद रंजिता कोली ने सोमवार को राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा के नाम लिखे पत्र में कहा कि भरतपुर के दो युवकों को जिंदा जलाने की घटना सामने आई वह अत्यंत निंदनीय है। लेकिन इस घटनाक्रम में राजस्थान पुलिस पर गंभीर आरोप लगे हैं। मृतकों के परिजनों ने जिनके नाम पर रिपोर्ट दर्ज कराई थी उसी रिपोर्ट के आधार पर राजस्थान की पुलिस 16 फरवरी को रात 3 बजे आरोपी श्रीकांत को पकड़ने के लिए गई, लेकिन वह घर पर नहीं मिला।
पत्र में बताया कि राजस्थान पुलिस ने उसके परिवार वालों के साथ जिस तरीके से मारपीट की और अधिकारियों द्वारा एक गर्भवती महिला के साथ बर्बरता की और उन पर अत्याचार किया एक महिला होने के नाते में एक महिला का दर्द समझ सकती हूं। जब एक महिला अपने पुत्र को 9 माह कोस में रखती है, उस महिला पर क्या गुजरती है। लेकिन भरतपुर पुलिस ने उनके घर जाकर मारपीट की यह आरोप श्रीकांत की पत्नी कमलेश ने लगाए है। मुझे सोशल मीडिया के माध्यम से पता चला है कि भरतपुर की पुलिस ने जो किया वह भी एक जघन्य अपराध की श्रेणी में आता है भरतपुर पुलिस द्वारा गर्भवती महिला को लात मारने और हाथापाई करने से उसके बच्चे की मृत्यु हुई है। इस मामले में आप हस्तक्षेप करते हुए तुरंत जांच कमेटी बिठाकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ भ्रूण हत्या और मारपीट की रिपोर्ट दर्ज कर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें।
आरोपी की मां ने पुलिस पर लगाया ये आरोप
आरोपी श्रीकांत की मां दुलारी देवी ने राजस्थान पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए नगीना पुलिस थाने में शिकायत दर्ज करवाई है। दुलारी ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि 17 फरवरी को राजस्थान पुलिस की वर्दी और सादा कपड़ों में 30-40 लोग उनके घर पर आए। जिन्होंने आते ही परिवार के लोगों के साथ मारपीट शुरू कर दी और लड़के के बारे में पूछा। जब हमने कहा कि हमें पता नहीं है तो मेरे और मेरी बहू कमलेश के साथ मारपीट की। प्रेग्नेंट बहू के पेट में लात मारने के कारण उसकी हालत खराब हो गई, जिसे उसे मंडीखेड़ा अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां से गंभीर हालत में उसे नलहर मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया। जहां बहू के बच्चा मृत पैदा हुआ। महिला ने आरोप लगाया कि पुलिसकर्मियों के पिटाई से बहू के गर्भ में पल रहे बच्चे की जान चल गई। साथ ही पुलिस मेरे दो बच्चों को उठाकर ले गए, जिनका अब तक हमें कोई पता नहीं है और ना ही हमारा उनसे कोई संपर्क हो पा रहा है। महिला ने बेटे विष्णु व राहुल का पता लगाने और दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कानूनी कार्यवाही की जाए।
राजस्थान पुलिस ने आरोपों से पल्ला झाड़ा
इधर, राजस्थान पुलिस ने आरोपों को खारिज कर दिया है। भरतपुर एसपी श्याम सिंह ने कहा कि कामां एडिशनल एसपी और नगर डीवाईएसपी के नेतृत्व में गठित टीम हरियाणा की नगीना थाना पुलिस के साथ आरोपी श्रीकांत के घर दबिश देने गई थी। आरोपी की मां जो आरोप लगा रही है, वो गलत है। सच्चाई तो ये है कि भरतपुर पुलिस आरोपी के घर के अंदर ही नहीं गई। आरोपी के दो भाई भी गांव में दूसरी जगह पर मिले, जहां पर उनसे पूछताछ की गई। पूछताछ के बाद दोनों भाइयों को भी छोड़ दिया गया। यह पूरी कार्रवाई हरियाणा पुलिस के साथ हुई थी। उल्लेखनीय है कि भरतपुर की पहाड़ी तहसील के घाटमीका गांव के रहने वाले नासीर (25) और जुनैद (35) के शव गुरुवार को भिवानी के लोहारू में जले हुए वाहन में मिले थे। इन दोनों का कथित रूप से कु छ ‘गोरक्षकों’ ने अपहरण कर लिया था। इस मामले में गोपालगढ़ थाने में पांच नामजद लोगों के खिलाफ मामला दर्ज हुआ है। जिनमें अनिल, श्रीकांत, रिंकू सैनी, लोकेश सिंगला और मोनू शामिल हैं।
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