जयपुर। राष्ट्रीय सेवा भारती की ओर से जयपुर में 7 से 9 अप्रैल तक राष्ट्रीय सेवा संगम-2023 कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। केशव विद्यापीठ जामडोली में आयोजित होने वाले तीन दिवसीय कार्यक्रम में स्वावलंबी भारत, समृद्ध भारत का दृश्य साकार होगा। संगम में सामाजिक विकास के क्षेत्र में कार्य कर रहे एक हजार से अधिक संस्थाओं के साथ ही 4 हजार से अधिक प्रतिनिधि शामिल होंगे, जिसका उद्घाटन 7 अप्रैल को सर संघचालक मोहन भागवत करेंगे।
कार्यक्रम में भागवत के साथ जॉर्डन आश्रम के स्वामी महेश्वरानंद महाराज सहित देशभर के कई संत शामिल होंगे। वहीं पिरामल ग्रुप के अजय पीरामल भी संगम में हिस्सा लेंगे। तीन दिवसीय सेवा संगम के लिए केशव विद्यापीठ को अलग-अलग नगरों का रूप दिया जा रहा है। इस कार्यक्रम का ध्येय स्वावलंबी भारत, समृद्ध भारत है।
संगठन का उद्देश्य समृद्ध भारत का निर्माण
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के राजस्थान क्षेत्र सेवा प्रमुख शिवलहरी ने बताया कि संगठन का मुख्य उद्देश्य उससे जुड़े स्वैच्छिक संगठनों के सामूहिक प्रयासों के बीच तालमेल स्थापित करके एक सामंजस्यपूर्ण, सक्षम और आत्मनिर्भर समाज और समृद्ध भारत का निर्माण करना है। उन्होंने सेवा भारती से जुड़े कार्यों के बारे में बताते हुए कहा कि सेवा भारती ने पिछले वर्ष 25 हजार से अधिक लोगों को रोजगार प्रदान किया है। साथ ही दक्षता, स्वास्थ्य, कौशल विकास और महिला सशक्तीकरण जैसे क्षेत्रों में संगठन ने निरंतर योगदान दिया है।
जयपुर में हो रहा तीसरे सेवा संगम का आयोजन
शिवलहरी ने बताया कि प्रत्येक पांच साल में राष्ट्रीय सेवा संगम आयोजित किया जाता है। जिस कड़ी में तीसरा सेवा संगम जयपुर में होने जा रहा है। दरअसल पहला सेवा संगम साल 2010 में बेंगलूरु में आयोजित किया गया था। इसमें 980 प्रतिनिधियों ने भाग लिया था। साल 2015 में दूसरा सेवा संगम नई दिल्ली में आयोजित हुआ। उसका श्रेय वाक्य समरस भारत, समर्थ भारत रहा, जिसमें 3500 प्रतिनिधियों ने भाग लिया था। वहीं तीसरा संगम जयपुर में हो रहा है, जिसकी विधिवत शुरुआत 9 मार्च को जामडोली में भूमि पूजन के साथ हो चुकी है।
प्रोत्साहन और पीड़ितों को सहयोग करने वाली संस्था
सेवा संगम से जुड़े कैलाश शर्मा ने बताया कि सेवा भारती ‘नर सेवा नारायण सेवा’ के ध्येय के साथ वंचित, अभावग्रस्त, उपेक्षित एवं पीड़ित लोगों की सेवा करने वाली स्वयंसेवी संस्थाओं को प्रोत्साहन और सहयोग करने वाली संस्था है। सेवा भारती 16 हजार 184 दक्षता प्रकल्प, 10 हजार 513 स्वास्थ्य प्रकल्प, 6 हजार 805 स्वावलंबन प्रकल्प, 9 हजार 543 सामाजिक प्रकल्प समेत कुल 43 हजार 45 सेवा परियोजनाओं द्वारा समाज को सशक्त, समरस बना एकता के सूत्र में बांधने के लिए प्रयासरत है। देश के 117 जिलों में 12 हजार 187 स्वयं सहायता समूह संचालित किए जा रहे हैं, जिनमें लगभग 12 लाख सदस्य हैं। इन समूहों में 2451 समूह स्वावलंबन के कार्यों में सक्रिय हैं।