जयपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अजमेर आगमन से पहले कांग्रेस ने एक बार फिर ईआरसीपी (ERCP) की मांग उठाई है। पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि राजस्थान के मुद्दों को बिना किसी सियासी पक्षपात के सुना जाना चाहिए। जलदाय मंत्री महेश जोशी ने भी मोदी को अपना वादा याद दिलाते हुए कहा कि पीएम मोदी 31 मई को अजमेर दौरे पर आ रहे है। ये वही जगह है, जहां पर मोदी ने पहले ईआरसीपी को लेकर घोषणा की थी। अजमेर की धरती उनको उनके किए गए वादे की याद दिला रही है। मेरी मांग है कि पीएम मोदी राज्य हित में ERCP की घोषणा करें या फिर नहीं करनी है तो मना करें। मंत्री जोशी ने केंद्रीय जल मंत्री शेखावत को भी आडे़ हाथ लेते हुए कहा कि वो भी अपना वादा नहीं निभा रहे है। राजनीति से सन्यास लेने की घोषणा करने वाले शेखावत अब तक क्यों पद पर बने हुए है?
9 साल, 9 सवाल को लेकर सोमवार को प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस के दौरान मंत्री महेश जोशी ने कहा कि 2018 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले जब पीएम मोदी जयपुर और अजमेर दौरे पर आए थे। तब पीएम मोदी ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि था कि ईआरसीपी एक संवेदनशील मुद्दा है और यह राजस्थान के हितों से जुड़ा हुआ है। ईआरसीपी से राजस्थान के 13 जिले जुड़े हुए है। ईआरसीपी के माध्यम से 2 लाख हेक्टेयर भूमि सिंचित होगी और प्रदेश की 40 प्रतिशत आबादी को पेयजल मिलेगा। ये बयान पीएम मोदी ने अजमेर और जयपुर में दिया था। साथ ही पीएम ने वादा किया था कि केंद्र सरकार ईआरसीपी के मुद्दे पर संवेदनशीलता से सकारात्मक निर्णय लेगी। ईआरसीपी के लिए डीपीआर साल 2017 में भेजी गई थी, जब वसुंधरा राजे मुख्यमंत्री थी। केंद्र सरकार को एक साल तक ईआरसीपी में कोई कमी नजर नहीं आई। लेकिन, जब राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बन गई तो ईआरसीपी के मुद्दे को ये लोग भूल गए। इस मुद्दे पर पीएम मोदी को गुमराह किया गया।
केंद्रीय मंत्री शेखावत पर भी बोला तीखा हमला
मंत्री जोशी ने गजेंद्र सिंह शेखावत पर निशाना साधते हुए कहा कि जब वो केंद्रीय जल शक्ति मंत्री बने तो हम सोच रहे थे ये कि राजस्थान के लिए सौभाग्य की बात है और ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करवाएंगे। लेकिन, उन्होंने उल्टा काम चालू कर दिया। वो इस मुद्दे को ऐसा मानने लगे कि जैसे उन्हें इसे रोकना है। एक जोनल वर्कशॉप के दौरान जब मैंने ईआरसीपी का जिक्र किया तो शेखावत ने कहा कि इस मुद्दे पर पीएम मोदी ने जयपुर और अजमेर में एक भी शब्द कहा होगा तो मैं राजनीति से सन्यास ले लूंगा या फिर आप और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राजनीति छोड़ देना। लेकिन, इतनी बड़ी घोषणा करने के बावजूद भी ये लोग भूल गए। ये सभी को पता है कि पीएम मोदी ने क्या कहा था। इसके बावजूद भी गजेंद्र सिंह शेखावत अभी तक मंत्री बने हुए है। उन्हें जहां भी मौका मिलता है, वो राजस्थान के हितों के प्रतिकूल बात करते है।
ईआरसीपी पर हमारा स्टैंड साफ, मोदी के पास सुधार का मौका
मंत्री जोशी ने कहा कि ईआरसीपी पर हमारा स्टैंड साफ है। मुख्यमंत्री गहलोत ने विधानसभा में कहा था कि केंद्र सरकार अगर ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना घोषित नहीं करती है, तब भी हम राजस्थान में ईआरसीपी को लेकर आएंगे। इसके लिए सीएम गहलोत ने बजट में 9 हजार 600 करोड़ रुपए की घोषणा करके काम चालू कर दिया है। पीएम मोदी 31 मई को उसी जगह आ रहे हैं, जहां पर उन्होंने ईआरसीपी की बात कही थी। मोदी से मेरी मांग है कि या तो वे ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करें या फिर यह साफ करें कि वो इसे राष्ट्रीय परियोजना नहीं बनाएंगे। पीएम मोदी के लिए ये एक मौका है, उनसे जो चूक हुई है उसे वो अजमेर दौरे पर सुधारे और राजस्थान की जनता से उसका हक ना छीने।
नई संसद को लेकर पूर्व केंद्रीय मंत्री ने मोदी पर बोला हमला
पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा ने कहा कि एक ओर पीएम मोदी नई संसद का आगाज कर रहे थे तो दूसरी ओर महिला खिलाड़ियों के साथ अपमान हो रहा था। उन लड़कियों के साथ जो देश के लिए पदक लाती है, मैं गिरफ्तार किए जाने की निंदा करता हूं। उन्होंने कहा कि संसद नई बना दी, लेकिन पुरानी संसद से जुड़ा इतिहास है। संसद में बैठकर संविधान लिखा गया था। आजादी पर पंडित नेहरू का यहीं ऐतिहासिक भाषण हुआ था। आज तो नहीं हुआ ये सब। हमने भारत को बुलंदियों पर जाते हुए देखा है। 2014 से पहले भारत महा शक्ति था, क्या भारत अंतरिक्ष में नहीं गया, हरित क्रांति कब आई? आईआईएम, आईआईटी, एनआईएफटी कब आए ? आईटी के क्षेत्र में भारत बड़ी शक्ति बन चुका था।