कोटा। राजस्थान के कोटा में एक युवती ने अपने हिस्ट्रीशीटर दोस्त से मिलकर अपने नाना और मामा पर जानलेवा हमला करवा दिया। युवती ने हिस्ट्रीशीटर दोस्त के साथ मिलकर दोनों के हाथ-पैर तुड़वा दिए। हैरान कर देने वाली बात यह है कि आरोपी युवती एमबीए पास है उसने प्रॉपटी के लिए वारदात को अंजाम दिया। घटना के करीब 3 महीने बाद पुलिस ने वारदात की साजिश रचने वाले आरोपी अदिति को 13 जून को गिरफ्तार किया, जहां से उसे जेल भेज दिया है।
पुलिस ने बताया कि घटना 15 मार्च की है। सुबह करीब 10 बजे कुछ बदमाशों ने कोटा शहर की सरोवर टॉकीज के पास कपड़ा कारोबारी नेमीचंद और उनके बेटे राकेश पर हमला कर दिया था। बदमाशों ने लोह के पाइप से पिता-पुत्र से मारपीट की थी। वारदात में दोनों पिता-पुत्र के पैर में फैक्चर हो गए थे। पुलिस ने जब मामले की जांच की तो एक हिस्ट्रीशीटर और इनामी आरोपियों सहित करीब आधा दर्जन बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस की पूछताछ में हिस्ट्रीशीटर ने मुख्य आरोपी अदिति का नाम लिया। जिसके बाद पुलिस ने आरोपी युवती को गिरफ्तार कर लिया।
दरअसल, कुछ साल पहले अदिति के पिता की मौत हो चुकी है। जिसके बाद से उसकी मां अपने पीहर आकर रहने लगी थी। अदिति एमबीए कर चुकी है और वह अपने नाना-मामा के साथ मिलकर दुकान संभालती थी। इसी बीच अदिति को पैसों को लेकर लालच आ गया। जिसके बाद उसने अपने हिस्ट्रीशीटर दोस्त इमरान पर्ची के साथ मिलकर नाना और मामा पर हमले की साजिश रची थी। ताकि, मामा और नाना के हाथ पैर तुड़वाने के बाद वह खुद दुकान पर कब्जा कर सके।
पीड़ित नेमीचंद अपने बेटे राकेश के साथ हर रोज कार से दुकान जाया करते थे। लेकिन, वारदात वाले दिन घर के बाहर खड़ी उनकी कार के 3 टायरों की किसी ने हवा निकाल दी थी। इस कारण दोनों स्कूटी से दुकान जाना पड़ा। जांच में ये बात सामने आई तो पुलिस को शक हो गया कि वारदात को घर का कोई ना कोई सदस्य शामिल है। इसके बाद से पुलिस घर के सदस्यों पर नजर रखे हुए थी।
वहीं, पुलिस की जांच में यह बात भी सामने आई कि वारदात से पहले अदिति अपने नाना नेमीचंद के यहां लाडपुरा इलाके में रहती है, लेकिन बाद में वह बजरंग नगर इलाके में रहने लगी। इसके बाद पुलिस ने अदिति को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की, पहले तो उसने वारदात में शामिल होने से इंकार किया, लेकिन सख्ती से पूछताछ करने पर उसने वारदात कराना कबूल कर लिया।
पुलिस की पूछताछ में आरोपी अदिति ने बताया कि मार्च से जून महीने तक दुकान पर खूब बिक्री होती है। ऐसे में उसके मन में पैसों को लेकर लालच आ गया, उसने सोचा कि अगर दुकान पर नाना-मामा नहीं आएंगे तो सारा हिसाब किताब उसके पास ही रहेगा। साथ ही अदिति एक मकान में हिस्सा भी चाहती थी। इसीलिए उसने अपने हिस्ट्रीशीटर दोस्त इमरान उर्फ पर्ची के साथ मिलकर पूरी वारदात रची। इमरान ने इस साजिश में अपने अन्य साथियों को शामिल किया था।