Nauksham Chaudhary : जयपुर। राजस्थान में बीजेपी के नए मंत्रिमंडल को लेकर प्रदेशवासी बेसब्री से इंतजार कर रहे है। ऐसे में नए मंत्रिमंडल को लेकर अटकलों का बाजार भी गर्म है। हर किसी के मन में एक ही सवाल है कि कौन-कौन से विधायकों को मंत्री बनने का मौका मिलेगा? इसी बीच कयास लगाए जा रहे है कि भरतपुर जिले की कांमा विधानसभा से बीजेपी विधायक नौक्षम चौधरी को भी मंत्री बनाया जा सकता है। क्योंकि नौक्षम ने गहलोत सरकार में मंत्री रही जाहिदा खान को हराकर बड़ी जीत हासिल की हैं।
बता दें कि भरतपुर जिले में सात विधानसभा सीटों में से बीजेपी ने पांच सीटों पर कब्जा किया है। खुद मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा भी भरतपुर जिले के रहने वाले है। ऐसे में माना जा रहा है कि महिला मंत्रियों के कोटे को देखते हुए नौक्षम चौधरी को भी मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है।
विधायक नौक्षम चौधरी कौन?
बीजेपी की नौक्षम चौधरी वर्तमान में कांमा से विधायक है, जो हरियाणा के पुन्हाना में पैमा खेड़ा गांव की रहने वाली हैं। नौक्षम चौधरी की मां रंजीत कौर हरियाणा कैडर में आईएएस ऑफिसर हैं और पिता आरएस चौधरी हरियाणा के सेवानिवृत्त जज हैं। दिल्ली के मिरांडा कॉलेज में छात्रसंघ नेता रहीं नौक्षम तीन साल तक लंदन में रही। लेकिन, अपने पूर्वजों की धरती के पिछड़ेपन की खबर ने उन्हें विदेश की सुख-सुविधाएं छोड़कर पुन्हाना आने पर मजबूर कर दिया। इसके बाद उनका रुझान राजनीति की तरफ हो गया।
ऐसा है राजनीतिक सफर
नौक्षम ने साल 2019 में भाजपा के टिकट पर हरियाणा की पुन्हाना विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा। लेकिन, जीत नहीं पाई। इसके बाद भाजपा ने साल 2023 के राजस्थान विधानसभा चुनाव में भरतपुर जिले की कांमा विधानसभा सीट से टिकट दिया। जहां से नौक्षम ने कांग्रेस की मंत्री जाहिदा खान को 20 हजार 516 वोटों के अंतर से हराकर जीत दर्ज की। ऐसे में अब उनके मंत्री बनने को लेकर अटकलें तेज है।
एक करोड़ की नौकरी का ऑफर ठुकराया
नौक्षम की शिक्षा ट्रिपल एमए तक बताई जाती है। दिल्ली से दो विषयों में एमए करने के बाद उन्होंने आगे की पढ़ाई लंदन से की थी। नौक्षम चौधरी के लंदन में पढ़ाई करने के बाद उनका मन राजनीति की तरफ बढ़ गया था। नौक्षम ने राजनीति में आने के लिए एक करोड़ की नौकरी का ऑफर भी ठुकरा दिया था। नौक्षम चौधरी अपने एक इंटरव्यू में कहा था कि मुझे एक कंपनी जॉइन करनी थी। मैं पब्लिक रिलेशन और कम्यूनिकेशन में एक्सपर्ट हूं लेकिन मैंने सारी चीजें छोड़ दीं। मुझे 85 लाख रुपये प्रति वर्ष का ऑफर था, लेकिन में उस जॉब मना कर दिया था। नौक्षम को दस भाषाओं का ज्ञान है।
मंत्री बनने की रेस में ये महिला विधायक
नौक्षम चौधरी के अलावा मंत्री बनने की रेस में अनिता भदेल, दीप्ति माहेश्वरी और सिद्धि कुमारी का नाम भी शामिल है। माना जा रहा है का महिला आरक्षण को लागू करने वाली केंद्र सरकार महिला मंत्री बनाकर एक अच्छा संदेश देने की कोशिश कर सकती है।
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