Sangod MLA Bharat Singh: राजस्थान में कोटा के सांगोद से आने वाले कांग्रेस विधायक भरत सिंह कुंदनपुर एक बार फिर चर्चा में है जहां उन्होंने फिर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को एक लेटर लिखा है. वहीं इस बार सिंह ने लेटर के साथ अपना सिर मुंडर करवाकर बाल भी साथ भेजे हैं. उन्होंने लेटर में लिखा है कि मंत्री प्रमोद जैन भाया के भ्रष्टाचार को आपने खुला समर्थन दिया जो आपके गांधीवादी स्वभाव को शोभा नहीं देता है.
भरत सिंह ने लेटर में सीएम को कहा है कि आपका ईमान मर चुका है ऐसे में आपके ईमान के मरने पर में मुंडन करवा कर अपने केश आपको भेंट कर रहा हूं, कृपया यह तुच्छ भेंट स्वीकार करें. वहीं विधायक ने आखिर में हिदायत देते हुए सीएम को कहा है कि आप महात्मा गांधी को याद कर उनके बताए गए ‘सात’ पाप पर चिंतन करें क्योंकि मुख्यमंत्री का यह पद स्थाई नहीं है.
CM ने दिया भ्रष्ट लोगों को संरक्षण
भरत सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मैंने आज सांकेतिक तौर पर मुंडन करवा कर मेरा विरोध दर्ज करवाया है क्योंकि कई मुद्दों पर वह मुख्यमंत्री को लंबे समय से कह रहे हैं लेकिन उनका दावा है कि उनकी समस्याओं पर कोई ध्यान नहीं दिया गया.
सिंह का कहना है कि हमारे मुख्यमंत्री गांधीवादी माने जाते हैं और मुख्यमंत्री के रूप में उन्होंने 5 साल में शानदार काम किया है लेकिन मेरे ध्यान दिलाए गए मुद्दों पर उनकी चुप्पी रही. सिंह ने सीएम पर भ्रष्ट लोगों को संरक्षण देने का भी आरोप लगाया.
सिंह ने आगे कहा कि अब मेरे दोबारा बाल आएंगे तो मैं फिर कटवा लूंगा और मैं सिर को अब ऐसे ही रखूंगा. उन्होंने कहा कि मैं चाहता हूं कि मेरे चेहरे से पूरे प्रदेश में एक संदेश जाए कि किसी विधायक ने इस मुद्दे पर अपना मुंडन तक करवा दिया था.
मुखर अंदाज के लिए फेमस भरतसिंह
गौरतलब है कि सांगोद विधायक भरत सिंह हाड़ौती के दिग्गज कांग्रेस नेता माने जाते हैं और वह गहलोत सरकार के दूसरे कार्यकाल में पंचायती राज मंत्री भी रह चुके हैं. हालांकि भरत सिंह के सियासी विरोधियों का तर्क रहता है कि उन्हें मंत्री नहीं बनाए जाने से वह नाराज चल रहे हैं और लगातार पिछले 4 साल से बीजेपी के इशारे पर काम करते हैं.
इधर भरत सिंह के लेटर लिखने पर नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा है कि कांग्रेस सरकार के खिलाफ पहले सरकार में मंत्री अशोक चांदना जी ने धरना दिया और अब पूर्व मंत्री भरत सिंह जी ने विरोध स्वरूप मुंडन करवाया है, भ्रष्टाचार में संलिप्त कांग्रेस सरकार का ईमान मर चुका है. राजस्थान में कांग्रेस की विदाई और भाजपा के सत्ता में आगमन के साथ ही सुशासन आयेगा और राजस्थान के माथे से भ्रष्टाचार का कलंक मिटेगा.