जयपुर। प्रदेश में कई जगह सोमवार को आंधी व बारिश के साथ ओले गिरे। दूसरी तरफ पिछले दिनों प्रदेशभर हुई बारिश से दिन और रात के तापमान में चार से पांच डिग्री की गिरावट दर्ज हुई है। वैसे, आज और बुधवार को आंधी और बारिश से राहत मिलेगी। इधर, सोमवार को सबसे अधिक बारिश श्रीगंगानगर में 3.6 मिमी दर्ज हुई। वहीं सोमवार को प्रदेश की सबसे ठंडी जगह सिरोही रही, जहां न्यूनतम तापमान 11.5 डिग्री दर्ज हुआ। राज्य में सबसे अधिक तापमान जोधपुर के फलौदी में 31.6 डिग्री रहा। वहीं, एक-दो जगहों को छोड़कर सभी जगह अधिकतम तापमान 30 डिग्री से नीचे पहुंच गया। राजधानी में सोमवार को न्यूनतम तापमान 15.8 एवं अधिकतम 26 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ।
सामान्य से 6 डिग्री नीचे पहुंचा तापमान
प्रदेश की कई जगहों पर सोमवार को अधिकतम तापमान में 6 डिग्री तक गिरावट दर्ज हुई। इनमें राजधानी में पारा सामान्य से 6.7 डिग्री गिरा, जिससे अधिकतम तापमान 26 डिग्री हुआ। चूरू में पारा सर्वाधिक 8.5 गिरने से टेम्परेचर 25.2 डिग्री रहा। वहीं, अजमेर में पारा 6.9, सीकर में 6.6, डबोक में 6.1, जोधपुर में 5.8 डिग्री गिरा ।
दो दिन मौसम रहेगा शुष्क
मौसम विभाग के अनुसार मंगलवार और बुधवार पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव कम होने से आंधी व बारिश की गतिविधियों में कमी होगी। इस दौरान मौसम शुष्क रहने की संभावना है। दूसरी तरफ एक और नया पश्चिमी विक्षोभ 23-24 मार्च को सक्रिय होगा और 23 मार्च को पश्चिमी राजस्थान के जोधपुर, बीकानेर संभाग व पूर्वी राजस्थान के कुछ भागों में मेघ गर्जन के साथ आंधी, बारिश व ओलावृष्टि की गतिविधियों में बढ़ोतरी होगी।
किसान के अरमानों पर ‘बर्फ’ से सदन में गरमाया माहौल
प्रदेश में पिछले तीन दिन से अचानक मौसम में हुए बदलाव के बाद बारिश और ओलावृष्टि से खेतों में तैयार फसलें तबाह हो गई हैं। फसल खराबे पर किसानों की आवाज विपक्ष ने विधानसभा में उठाई, जहां बीजेपी विधायकों ने खराबे के आकलन पर सवाल उठाते हुए हंगामा किया। आपदा राहत मंत्री गोविंद मेघवाल के जवाब से नाराज विधायकों ने वैल में आकर नारेबाजी की और सदन से वॉकआउट कर गए। सदन में आपदा राहत मंत्री गोविंदराम मेघवाल ने जनवरी में पाला और बारिश से हुए खराबे की जानकारी देने पर विपक्ष ने कम खराबा बताने पर हंगामा किया। उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि इस बार किसानों पर चार-चार बार कहर टूटा है। सरकार ने गिरदावरी के नाम पर लीपा-पोती की है। राठौड़ ने कहा कि जनवरी में हुए स्पेशल गिरदावरी के बाद खराबे का एक पैसा तक नहीं दिया। पूरी गिरदावरी करवाएं। किसानों को हुए नुकसान पर 15 दिन में सहायता दी जाए।
इधर, आपदा मंत्री ने बताया कि मार्च तक पाला, शीतलहर और ओलावृष्टि से प्रभावित फसलों में 33 फीसदी से ज्यादा खराबा हुआ है। उन्हें जल्द स्टेट डिजास्टर रिलीफ फंड से इनपुट सब्सिडी के तौर पर सहायता दी जाएगी। इसके साथ ही नुकसान की विशेष गिरदावरी करवाई जा रही है। बीते तीन दिन हुई बारिश से प्रदेश के दो दर्जन जिले में बारिश और ओलावृष्टि से फसलें खराब हुई हैं। इनमें से सात जिलों में 40 फीसदी तक खराबा हुआ है। जोधपुर, बीकानेर, अजमेर, जयपुर, उदयपुर, कोटा और भरतपुर संभाग में गेहूं की फसल में 15 से लेकर 40 फीसदी तक नुकसान हुआ है। वहीं चने की फसल में 30 फीसदी तक नुकसान हुआ है। इसके अलावा जौ, सरसों की जहां कटाई नहीं हुई है, वहां 50 फीसदी से अधिक नुकसान है। ओलावृष्टि से सब्जियों में भी 35 फीसदी तक खराब हुई है।
पूनियां ने खेतों में जाकर देखा नुकसान
बारिश से हुए फसलों के नुकसान को लेकर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने सोमवार सुबह खेतों में जाकर जायजा लिया। साथ ही किसानों से बात करने के बाद राज्य सरकार से जल्द मुआवजा राशि जारी करने की मांग रखी।किसानों से पूरे हालात की जानकारी ली। प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि राज्य सरकार से आग्रह है कि जल्द फसल खराबे का आकलन करवाकर किसानों को मुआवजे के रूप में संबल प्रदान करें। गांवों में ओलावृष्टि से फसल पूरी तरह नष्ट हो गई। अतिवृष्टि और ओलावृष्टि से किसानों के पशुओं की भी मौत हुई है। वहीं विधानसभा में पूर्व मंत्री एवं बायतु विधायक हरीश चौधरी ने सरकार से किसानों को स्पेशल पैकेज देने की मांग की है। उन्होंने कहा कि इस नुकसान की भरपाई फसल बीमा, अनुदान व विशेष पैके ज के माध्यम से करने का प्रावधान है।
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ओलावृष्टि से इन क्षेत्रों में अधिक खराबा
तीन दिन की बारिश और ओलावृष्टि के अधिक मामले जयपुर, सीकर, दौसा, अलवर समेत झुंझुनूं, हनुमानगढ़ और हाड़ौती के बूंदी और मारवाड़ के बाड़मेर से सामने आए हैं। रविवार को जयपुर के आमेर, चौमूं क्षेत्र में ओलावृष्टि से गेहूं की फसल में 40 फीसदी तक नुकसान हुआ है। दौसा के लालसोट, रामगढ़ पचवारा, चांदराना और भांडारेज सहित कई जगह चने के आकार के ओले गिरने से फसलें 30 फीसदी तक खराब हुई हैं। भरतपुर में भी 40 प्रतिशत तक फसलों में नुकसान हुआ है।झुंझुनूं के चिड़ावा में भी ओलावृष्टि से फसलों में भारी नुकसान हुआ है। कोटा, बारां, बूंदी, झालवाड़ में बारिश और ओलावृष्टि से 30 से 40 फीसदी फसलें खराब हुई हैं। जोधपुर, बाड़मेर, पाली में गेहूं, चना के साथ जीरे की फसल में भी नुकसान है। अलवर जिले के बहरोड़ समेत आस-पास के क्षेत्र में सुबह बारिश और ओलावृष्टि से फसलों में भारी नुकसान हुआ है।
चार वर्ष में साढ़े 18 हजार करोड़ का बीमा क्लेम मिला किसानों को
कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने बताया कि नुकसान के आकलन की गिरदावरी रिपोर्ट तैयार करने, प्राकृतिक आपदा राहत कोष से मुआवजा दिलवाने, पीएम फसल बीमा सहित किसानों के व्यक्तिगत फसल बीमा एवं अन्य मदों से राहत दिलाने के लिए प्रदेश सरकार प्रयासरत है। उन्होंने बताया कि कृषक द्वारा 72 घंटों में बीमा कंपनी, कृषि विभाग के अधिकारी, राजस्व विभाग के अधिकारी, राज किसान सुविधा एप और कंपनी के हेल्पलाइन नम्बरों पर सूचना देना आवश्यक है। कटी हुई फसल को नुकसान होने पर 14 दिवस के लिए बीमा कवर उपलब्ध है।कटारिया ने कहा कि पिछले 4 वर्षों में राज्य सरकार द्वारा लगभग 1 करोड़ 90 लाख फसल बीमाधारक किसानों को 18 हजार 500 करोड़ का क्लेम वितरित है।
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