जयपुर। शहीद जवानों के परिवार और उनकी वीरांगनाओं के साथ पहले विधानसभा के गेट पर और अब शहीद स्मारक पर धरने पर बैठे किरोड़ी लाल मीणा ने दो टूक में सरकार को जवाब दे दिया है कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं की जाएंगी तब तक यह धरना भी खत्म नहीं होगा।
गृह राज्य मंत्री राजेंद्र यादव ने फोन पर की बात
दरअसल प्रदेश के गृह राज्य मंत्री राजेंद्र यादव ने किरोड़ी लाल मीणा के साथ फोन पर लंबी बातचीत की। उन्होंने धरना समाप्त को लेकर किरोड़ी मीणा से समझाइश भी की लेकिन किरोड़ी मीणा ने उनसे दो टूक कह दिया कि जब तक उनकी मांगे नहीं मानी जाएंगी, वीरांगनाओं का दुख कम नहीं होगा, तब तक वह धरने पर से नहीं उठेंगे और इसी तरह शहीदों के परिजनों के साथ यह प्रदर्शन जारी रहेगा।
#Jaipur: शहीद स्मारक पर पहुँचे डॉ किरोड़ीलाल मीणा
— Sach Bedhadak (@SachBedhadak) February 28, 2023
शहीद स्मारक हुआ छावनी मे तब्दील, भारी पुलिस जाप्ते के बीच धरने पर बैठे सांसद डॉ किरोड़ीलाल मीणा@DrKirodilalBJP @DrGovindMeena pic.twitter.com/IFl4DRCxDf
विधानसभा में नहीं मिली एंट्री तो गेट पर ही धरने पर बैठ गए
किरोड़ी लाल मीणा शहीद जवानों के साथ पहले विधानसभा के गेट पर ही धरने पर बैठ गए थे क्योंकि उन्हें अंदर जाने का पास नहीं दिया गया था इसलिए विरोध स्वरूप वे गेट पर ही शहीद के परिजनों के साथ बैठ गए लेकिन इसके बाद पुलिस ने उन्हें शहीद स्मारक पर जाने को कह दिया। जिसके बाद में शहीद स्मारक पर पहुंचे।
शहीद स्मारक पर किसान महापंचायत के प्रदर्शन में हुए शामिल
यहां पर पहले से ही किसान महापंचायत का प्रदर्शन जारी था, जिसको किरोड़ी मीणा का साथ मिला। यहां किरोड़ी मीणा ने कहा कि हम किसानों की आवाज को पुरजोर तरीके से उठाएंगे, किसान इस देश का अन्नदाता है। बता दें कि प्रदेश के कई हिस्सों से ये किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट के नेतृत्व में 5 दिन की पैदल यात्रा कर जयपुर के शहीद स्मारक पहुंचे थे। जहां पर ये अपनी मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन कर रहे हैं।
भरतपुर, कोटा और शाहपुरा के शहीदों के परिवार के साथ बैठे किरोड़ी
इधर किरोड़ी लाल मीणा भरतपुर, कोटा और शाहपुरा के शहीदों के परिवार के साथ धरने पर बैठे हैं। इनमें भरतपुर के शहीद जीतराम गुर्जर के पिता और 2 छोटी बच्चियां, कोटा के सांगोद के शहीद हेमराज मीणा की पत्नी और शाहपुरा के शहीद रोहिताश लांबा की पत्नी शामिल हैं।
4 साल पहले तीन-तीन मंत्रियों ने प्रतिमा स्थापित करने का किया था वादा
बता दें कि कुछ दिनों पहले 12 फरवरी को भी कोटा के सांगोद के शहीद हेमराज मीणा की पत्नी मधुबाला ने इसी मामले को लेकर प्रदर्शन किया था। उनका कहना था कि जब उनके पति 4 साल पहले हुए पुलवामा अटैक में शहीद हुए थे तब राजस्थान के 3 मंत्रियों ने आकर उनकी प्रतिमा स्थापित करने की बात कही थी लेकिन अब तक इस और कुछ भी नहीं हो चुका है। जिसकी वजह प्रतिमा स्थापित करने वाले स्थान पर राजनीतिक रसूख रखने वाले कब्जा धारी हैं। जिसके चलते वहां पर प्रतिमा का निर्माण नहीं हो पा रहा है।
कई सालों से सरकारी दफ्तरों के लगा रही चक्कर
इस बात को लेकर भी कई सालों से सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगा रहे हैं लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। उन्होंने कहा था कि अगर आगे भी इस पर कोई सुनवाई नहीं हुई तो वे अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठ जाएंगी।