Janmashtami 2023 : जयपुर। रात को जैसे ही 12 बजे घर-मंदिर भगवान कृष्ण के जयकारों से गूंज उठे। भक्त हाथी-घोड़ा-पालकी, जय कन्हैया लाल की जैसे बधाई गान गाते हुए नवजात कृष्ण को पालना झुलाने लगे। यह भक्तिमय माहौल था गुरुवार को कृष्ण जन्माष्टमी पर। भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव शहरभर में श्रद्धा से मनाया गया। जयपुर के आराध्य भगवान गोविंददेवजी मंदिर में श्रीकृष्ण के रात ठीक 12 बजे प्राकट्य पर अभिषेक और पूजा-अर्चना की गई।
इस पावन अवसर पर उमड़े श्रद्धालुओं के सैलाब ने ‘नंद के आनंद भयो, जै कन्हैया लाल की’ के उद्घोष और श्रीकृष्ण गोविंद हरे मुरारी…’ जैसे भजनों के साथ कान्हा का उत्साह और उमंग से स्वागत किया। यहां कृष्ण जन्मोत्सव में पूर्व राज परिवार से दिया कुमारी, पद्मनाभ भी शामिल हुए। इस मौके पर मंदिरों में विशेष सजावट की गई थी। दिनभर मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ने लगी जो आधीरात तक रही।
31 तोपों की सलामी के बाद दर्शन के लिए पट खुले
जयपुर के आराध्यदेव गोविंददेवजी मंदिर में ठाकुरजी का विशेष शृंगार किया गया। पीले वस्त्र पहनाए गए। मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ को देखते हुए मंदिर प्रशासन की ओर से विशेष व्यवस्था की गई। गोविंददेव जी मंदिर में रात 12 बजे 31 तोपों की सलामी के बाद दर्शन के लिए पट खुले।
दामोदरजी के मंदिर में दिन में ही मनाया जन्मोत्सव
इसके बाद शालिग्राम पूजन और उसके साथ ही ठाकुर जी का पंचामृत अभिषेक हुआ। इसके बाद पंडितों ने वेद पाठ किया। चौड़ा रास्ता स्थित राधा दामोदरजी के मंदिर में दिन में 12 बजे ही जन्मोत्सव मनाया गया। इसके बाद दिन में ही ठाकुर जी को पीले कपड़े धारण कराए गए और विशेष फूलों से शृंगार झांकी सजाई गई।
श्री प्रेमभाया मंदिर में मनाई जन्माष्टमी
श्री प्रेमभाया मंडल समिति की ओर से मंदिर श्री प्रेमभाया सरकार, श्री हरियुगल विहार, चन्दलाई, शिवदासपुरा टोंक रोड में जन्माष्टमी उत्सव धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर मंदिर को विशेष रूप से सजाया गया। शाम 8 बजेसे भक्ति संगीत प्रारंभ हुआ, जिसमें दीपक शर्मा ने गणेश वंदना से उत्सव प्रारंभ किया। मध्यरात्रि 12 बजे श्री प्रेमभाया सरकार का वैदिक मंत्रोचारण से पंचामृत अभिषेक कराया गया एवं भक्तो में प्रसाद बांटा गया। समिति के अध्यक्ष विजय किशोर शर्मा ने बताया कि 10 सितंबर को नंदोत्सव मनाया जाएगा।
विशेष झांकियां सजाई गईं
जगतपुरा स्थित श्रीकृष्णबलराम मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव रात 12 बजे मनाया गया। उसके बाद महाआरती की गई। मानसरोवर स्थित इस्कॉन मंदिर में सुबह 4:30 बजे से भक्त मंगला झांकी के दर्शन करने पहुंचे। देसी-विदेशी फूलों से मंदिर की विशेष सजावट की गई। वैशाली नगर स्थित अक्षरधाम मंदिर में भगवान स्वामीनारायण का पंचामृत अभिषेक कर मंगला आरती की गई। भगवान के मंदिर में जन्माष्टमी पर विशेष साज-सज्जा की गई है। इसमें निज मंदिर में मोर पंख की विशेष शृंगार झांकी सजाई गई है।