जयपुर: राजस्थान की राजधानी में दूदू को नया जिला बनाए जाने के बाद सांभर-फुलेरा की जनता में उपजी नाराजगी को अब सरकार ने साधने की दिशा में पहल कर दी है जहां रविवार को अजमेर हाइवे पर दिनभर हुए बवाल के बाद सीएम अशोक गहलोत एक्शन मोड में दिखाई दिए. जानकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री गहलोत ने उदयपुर जाने से पहले सोमवार को अपने आवास पर जयपुर के सभी विधायकों की एक बैठक बुलाई जहां नए जिलों के गठन को लेकर विस्तृत चर्चा की गई. बताया जा रहा है कि सरकार अब जयपुर शहर और जयपुर देहात 2 नए जिले और बना सकती है जिन पर सहमति बन गई है. हालांकि सरकार की ओर से अधिकारिक घोषणा का अभी इंतजार है.
वहीं इससे पहले सरकार की ओर से जयपुर उत्तर और जयपुर दक्षिण जिले बनाने की घोषणा हुई थी जिसके खिलाफ जयपुर के जनप्रतिनिधियों ने ही मोर्चा खोल दिया था. इधर बीते रविवार को सांभर-फुलेरा जिला बनाओ संघर्ष समिति की ओर से सांभर-फुलेरा को संयुक्त रूप से जिला बनाने और कुछ कस्बों की दूदू में नहीं जाने की मांग पर जमकर बवाल हुआ जहां अजमेर हाइवे जाम करने के बाद पथराव और आंसू गैस के गोले छोड़े गए. वहीं पुलिस ने लाठीचार्ज में कई लोग और पुलिसवाले घायल हो गए.
दरअसल रविवार को सांभर-फुलेरा को जिला बनाने की मांग को लेकर लोगों ने पहले अजमेर हाईवे को जाम किया और फिर हाइवे पर पत्थर डाल दिए. वहीं इस दौरान पुलिस ने भीड़ को खदेड़ने के लिए लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले दागे जिसमें 24 लोग घायल हो गए. वहीं पुलिस ने 50 लोगों को हिरासत में भी लिया है.
जयपुर शहर में बनेंगे 2 नए जिले
मुख्यमंत्री ने सोमवार को आवास पर दूदू और जयपुर जिले को लेकर एक बैठक ली जहां मंत्री लालचंद कटारिया, प्रताप सिंह खाचरियावास और अन्य जनप्रतिनिधि मौजूद रहे. वहीं बैठक के बाद दो नए जिले बनाने पर सहमति बन गई जहां जयपुर शहर और जयपुर देहात 2 नए जिले बनेंगे.
वहीं जयपुर देहात का मुख्यालय भी जयपुर शहर में रहेगा और झोटवाड़ा, चौमूं, जमवारामगढ़, बस्सी, चाकसू, आमेर को उसमें शामिल किया जा सकता है. बताया जा रहा है कि शाहपुरा को भी जयपुर देहात में डाला जा सकता है.
वहीं दूदू जिले में भी सांभर फुलेरा को शामिल नहीं किया जाएगा, ऐसे में अब जो जनता दूदू और कोटपूतली में नहीं जाना चाहती वो जयपुर देहात में जा सकती है और दूदू में भी कुछ बदलाव किया जाएगा. इसके साथ जयपुर में जयपुर शहर, जयपुर देहात, कोटपूतली और दूदू कुल 4 जिले होंगे.
जनभावनाओं का सम्मान करना प्राथमिकता
वहीं बैठक के बाद मंत्री खाचरियावास ने कहा कि मुख्यमंत्री ने जनभावनाओं को देखकर ही फैसला लेने का कहा है और जनता की सुविधाओं को देखते हुए उनकी भावनाओं का सम्मान करना हमारी सरकार की प्राथमिकता है. उन्होंने कहा कि हम किसी तरह का टकराव नहीं चाहते हैं और सीएम ने खुद कहा है कि हम लोगों के साथ किसी तरह की जबरदस्ती नहीं करेंगे जो जहां रहना चाहता है वहां रह सकता है.
वहीं इस बैठक में दूदू विधायक बाबूलाल नागर नहीं थे. बताया जा रहा है कि नागर का नेगेटिव फीडबैक सीएम के पास पहुंचा है जहां दूदू विधायक बाबूलाल नागर के भाषण के बाद सांभर-फुलेरा के लोग नाराज होकर दूदू की सीमा तक पहुंच गए थे.