OBC Reservation in Rajasthan: राजस्थान में विधानसभा चुनावों से पहले अशोक गहलोत लगातार जनता को सौगात दे रहे हैं जहां हाल में मानगढ़ धाम में राहुल गांधी की जनसभा के दौरान सीएम ने ओबीसी वर्ग के लिए एक बड़ी राहत का ऐलान करते हुए प्रदेश में ओबीसी का आरक्षण 21 फीसदी से बढ़ाकर 27 फीसदी कर दिया.
सीएम ने बताया कि यह मूल ओबीसी को अलग से 6 फीसदी यह आरक्षण दिया जाएगा. मालूम हो कि ओबीसी आरक्षण बढ़ाने को लेकर लंबे समय से मांग उठ रही थी और इसको लेकर कई आंदोलन भी हुए लेकिन इस बीच सीएम के इस ऐलान से प्रदेश में राजनीतिक हलचल पैदा हो गई है और बीजेपी नेता हमलावर मोड में दिखाई दे रहे हैं.
इसी कड़ी में मीडिया से बातचीत करते हुए विधानसभा उपनेता प्रतिपक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि भारत के संविधान ने देश के सभी नागरिकों को उनकी योग्यता और क्षमता के आधार पर अवसर देने की बात कही गई है लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को चुनाव के वक्त ही यह आरक्षण क्यों याद आता है?
पॉलिटिकल माइलेज वाला ऐलान – पूनिया
पूनिया ने कहा कि यदि मुख्यमंत्री की नीति और नीयत साफ होती तो इस तरीके की चीजों की पहले ही चर्चा की जा सकती थी, इन सभी चीजों की कानूनी और संवैधानिक मर्यादाएं क्या हैं, उसका भी ख्याल रखने की आवश्यकता है.
उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि मुख्यमंत्री अब जो घोषणाएं और जिस तरीके की बातें कर रहे हैं, यह पॉपुलिस्टिक चीजें हैं जो केवल मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए हैं, लेकिन राजस्थान का मतदाता बुनियादी मुद्दों पर आक्रोशित है, वह चाहे किसान कर्जमाफी के नाम पर वादाखिलाफी हो, चाहे बेरोजगारी हो, चाहे भ्रष्टाचार हो, चाहे बिगड़ी कानून व्यवस्था हो, इसलिए मुख्यमंत्री के सियासी दांव किसी के गले नहीं उतरेंगे.
पूनिया ने कहा कि उनको लगता होगा कि इस तरीके के बयानों से वह पॉलिटिकल माइलेज ले लेंगे, लेकिन राजस्थान की जनता जन धारणा के हिसाब से फैसला करेगी और जन धारणा कांग्रेस सरकार के खिलाफ है.
50 सीटों पर ओबीसी वोटर्स प्रभावी
गौरतलब है कि राजस्थान में 50 विधानसभा सीटों पर ओबीसी वर्ग की जातियों का दबदबा है जहां यह वोटर्स चुनावी गणित बिगाड़ सकता है. वहीं लोकसभा की 12 सीटों पर भी ओबीसी वोट हार जीत का हिसाब तय करता है. ऐसे में माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री के इस ऐलान का चुनावों से पहले काफी असर हो सकता है.