Rajendra Gudha: राजस्थान विधानसभा में मणिपुर हिंसा की तुलना राजस्थान में महिला अपराधों से कर सरकार को अपने गिरेबां में झांकने की सलाह देने वाले बर्खास्त मंत्री राजेंद्र गुढ़ा सरकार के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकते हैं जहां बुधवार को गुढ़ा ने मीडिया से बात करते हुए कथित लाल डायरी बम फोड़ते हुए उसके राज खोलने का दावा किया है. गुढ़ा ने मीडिया से बात करते हुए अशोक गहलोत सरकार पर संगीन आरोप लगाते हुए आरसीए चुनावों में धांधली के आरोप लगाए हैं.
गुढ़ा ने मीडिया के सामने लाल डायरी पढ़ने का दावा किया और इस दौरान उन्होंने कुछ पन्ने भी दिखाए. गुढ़ा ने बताया कि इस डायरी में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ओएसडी सौभाग सिंह, पर्यटन विकास निगम के चेयरमैन धर्मेंद्र राठौड़ के बीच राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन (आरसीए) के चुनावों के दौरान हुए लेनदेन का जिक्र है.
दरअसल राजेंद्र गुढ़ा ने पिछले महीने विधानसभा में महिलाओं के खिलाफ अपराधों को लेकर अपनी ही सरकार पर संगीन आरोप लगाए थे जहां उन्होंने कहा कि हम महिलाओं की सुरक्षा में असफल हो गए और राजस्थान में महिलाओं के खिलाफ अत्याचार बढ़े हैं हमें मणिपुर पर चिंता करने की बजाय अपने गिरेबां में झांकना चाहिए. वहीं इस बयान के बाद काफी हंगामा हुआ और गुढ़ा को मंत्री पद से बर्खास्त करने के बाद विधानसभा से भी निष्कासित कर दिया.
धर्मेंद्र राठौड़ की हैंडराइटिंग का दावा
गुढ़ा ने आरोप लगाया कि डायरी में राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन (RCA) के चुनावों के दौरान हुए लेनदेन की बातें कई कोडवर्ड में लिखी हुई है और इसमें वैभव गहलोत सहित मुख्यमंत्री के सचिव को लेकर भी कई बातें लिखे होने का आरोप लगाया गया है.
उन्होंने कहा कि इस डायरी में लिखी हैंडराइटिंग धर्मेंद्र राठौड़ की ही है. हालांकि इसको लेकर गुढ़ा ने कुछ पुख्ता सबूत नहीं दिए हैं जिसके बाद डायरी की विश्वसनीयता पर अभी भी सवाल उठ रहे हैं. वहीं गुढ़ा ने डायरी के कुछ पन्ने भी मीडिया के सामने पढ़कर सुनाए.
माफी का बनाया जा रहा दबाव
वहीं गुढ़ा ने कहा कि आज वह डायरी के 3 पन्ने ही दिखा रहे हैं जो उनकी रणनीति का एक हिस्सा है और आने वाले दिनों में वह बाकी राज भी खोलेंगे. वहीं पूर्व मंत्री ने कहा कि मुझे सरकार जेल में भी डाल सकती है लेकिन इसके बाद किसी और तरीके से मैं मेरी आवाज बुलंद करूंगा. इसके अलावा गुढ़ा ने आरोप लगाया कि सुखजिंदर सिंह रंधावा ने मुझ पर माफी मांगने के लिए दबाव बनाया है.
गौरतलब है कि राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने 24 जुलाई को विधानसभा में स्पीकर के सामने लाल डायरी लहरा दी थी जिसके बाद वहां हुई धक्का मुक्की के बाद गुढ़ा को मार्शलों ने विधानसभा के बाहर कर दिया था और इस घटनाक्रम के बाद गुढ़ा को पूरे सत्र के लिए विधानसभा से सस्पेंड भी कर दिया गया था.