जयपुर: राजस्थान में विधानसभा चुनावों से पहले मुद्दों की राजनीति गरम होने लगी है जहां पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना का मसला एक बार फिर तूल पकड़ने लगा है. ताजा मामला पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट से जुड़ा है जहां उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी के अजमेर दौरे से ठीक पहले ईआरसीपी (पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना) की मांग उठाई है. पायलट ने ट्वीट करते हुए कहा है कि गजेंद्र सिंह शेखावत जल शक्ति मंत्री हैं और प्रदेश से ही चुने हुए जनप्रतिनिधि हैं लेकिन इसके बावजूद ईआरसीपी पर उनकी चुप्पी समझ से परे है.
पायलट ने सीधे तौर पर ट्वीट में केंद्रीय मंत्री का नाम लिया है. दरअसल पीएम मोदी के अजमेर दौरे से पहले पायलट का ईआरसीपी का मुद्दा उठाया कई मायनों में अहम माना जा रहा है. इसके अलावा पायलट ने बीजेपी में जाने की अटकलों को भी एक बार फिर खारिज किया है.
केंद्र सरकार का रवैया द्वेष पूर्ण क्यों : पायलट
पायलट ने ट्वीट कर लिखा है कि प्रधानमंत्री ने पूर्व में ईआरसीपी को साकार करने का आश्वासन दिया था, मगर अब बीजेपी का कोई भी नेता ईआरसीपी का नाम तक नहीं लेता. उन्होंने कहा कि आखिर इस योजना के प्रति केंद्र सरकार का रवैया द्वेष पूर्ण क्यों है?
पायलट ने आगे लिखा कि पीएम मोदी फिर राजस्थान आ रहे हैं, ऐसे में मेरा निवेदन है कि ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देने की घोषणा करें क्योंकि यह राजस्थान का हक है और ईआरसीपी के मुद्दे को लेकर लगातार प्रतिनिधिमंडल मिल रहे हैं मैं आशा करता हूं कि जल्द ही यह मांग पूरी होगी.
31 मई को पीएम का राजस्थान दौरा
बता दें कि 31 मई को पीएम मोदी अजमेर दौरे पर आ रहे हैं जहां वह केंद्र सरकार के 9 साल पूरे होने पर एक जनसभा को संबोधित कर सकते हैं. इसके अलावा 2018 के विधानसभा चुनावों के दौरान अजमेर की ही एक सभा में पीएम ने ईआरसीपी को लेकर सकारात्मक रुख अपनाने का वादा किया था जिसको लेकर कई मौकों पर अशोक गहलोत हमला कर चुके हैं. गहलोत ने कई बार पीएम को पत्र लिखने के साथ ही उनका वादा भी याद दिलाया है.