Mayor Munesh Gurjar: जयपुर हैरिटेज नगर निगम में कांग्रेस की मेयर मुनेश गुर्जर के घर पर कैश और उनके पति द्वारा घूस लेने के मामले में मेयर को बड़ी राहत मिली है. मिली जानकारी के मुताबिक राजस्थान हाईकोर्ट ने बुधवार को मेयर के निलंबन आदेश पर रोक लगा दी है. दरअसल मुनेश गुर्जर ने सरकार के निलंबन आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी जिसके बाद उनके निलंबन पर कोर्ट ने रोक लगाई.
मालूम हो कि मेयर मुनेश गुर्जर के पति सुशील गुर्जर को एसीबी ने रिश्वत कांड में ट्रैप किया था जिसके बाद मेयर पर गाज गिरी और राजस्थान सरकार ने महापौर को पद से सस्पेंड कर दिया था.
बता दें कि जस्टिस इंद्रजीत सिंह की एकलपीठ ने मेयर के पक्ष में यह फैसला सुनाया है जहां मुनेश गुर्जर ने अपने निलंबन को गलत बताते हुए याचिका दाखिल की थी. वहीं मुनेश गुर्जर की ओर से एडवोकेट विज्ञान शाह ने कोर्ट में पैरवी की.
आनन-फानन में कर निलंबन – मेयर के वकील
वहीं जस्टिस इंद्रजीत सिंह की अदालत में राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता पक्ष रखने के बाद याचिका में मुनेश गुर्जर की ओर से कहा गया कि ‘बिना प्रारंभिक जांच के उन्हें पद से निलंबित किया गया और उन्हें सुनवाई के लिए मौका नहीं मिला.
वहीं मेयर के वकील ने कहा कि याचिकाकर्ता का नाम FIR में भी नहीं है और उनके घर में मिली रकम बेचे गए प्लॉट की थी. इसके अलावा मुनेश गुर्जर की ओर से एडवोकेट विज्ञान शाह ने पैरवी करते हुए कहा कि बिना प्रारंभिक जांच के आनन-फानन में मुनेश को पद से निलंबित कर दिया था.
ACB ने रिश्वत कांड में किया था ट्रैप
बता दें कि जयपुर हैरिटेज नगर निगम में कांग्रेस की मेयर मुनेश गुर्जर के पति सुशील गुर्जर को एसीबी ने रिश्वत कांड में ट्रैप किया था जहां एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम को बीते 4 अगस्त को मेयर के पति सुशील सुशील गुर्जर सहित 2 दलालों को 2 लाख रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा था. वहीं मेयर के निवास से 40 लाख रुपए कैश भी मिले थे.