EXCLUSIVE :(कुणाल भटनागर) Rajasthan PTI Recruitment 2022 : राजस्थान में कर्मचारी चयन बोर्ड द्वारा आयोजित शारीरिक शिक्षा अध्यापक भर्ती 2022 (PTI Recruitment 2022) को लेकर 47 अभ्यर्थियों के अंतिम चयन पर खतरे की घंटी बज गई है जहां उनकी भर्ती के बाद अब माध्यमिक शिक्षा विभाग द्वारा इन अभ्यर्थियों की शैक्षणिक योग्यता की जांच करने पर इनके द्वारा प्रस्तुत किए गए प्रमाण पत्र वैध नहीं पाए गए हैं. जानकारी के मुताबिक अब इन अभ्यर्थियों का अंतिम चयन निरस्त कर दिया गया है.
बता दें कि ‘सच बेधड़क’ ने हाल में पीटीआई भर्ती-2022 में डमी कैंडिडेट और संदिग्ध डिग्रियों को लेकर एक बड़ा खुलासा किया था जिसके बाद सरकार ने इस पर संज्ञान लेते हुए अब एक्शन लिया है. बेधड़क की पड़ताल में पाया गया था कि कैसे फर्जी दस्तावेजों की मदद से अभ्यर्थियों ने सरकारी नौकरी हासिल की है.
सच बेधड़क’ ने किया था खुलासा
पीटीआई भतीं 2022 के संबंध में ‘सच वेधड़क’ ने संदिग्ध डिग्रियों के मामले में सवाल खड़े करते हुए अपात्र लोगों की लिस्ट जारी करने की मांग की थी क्योंकि इस भर्ती में ऐसे अभ्भार्थियों के चयन होने की खबर थी जिनकी डिग्रियों को एनसीटीई से मान्यता नहीं है. वहीं बोर्ड द्वारा काफी समय बीत जाने के बाद भी ऐसे अभ्यर्थियों को अपात्र घोषित नहीं किया जा रहा था. सच बेधड़क में मामला उठने के बाद अब जाकर बोर्ड द्वारा 2 फरवरी को कार्रवाई करते हुए 47 अभ्यर्थियों को डिबार कर दिया है.
पीटीआई भर्ती 2022 में फर्जी अभ्यर्थियों को डिबार करने के लिए इस संबंध में मुख्यमंत्री के विशेषाधिकारी विकास राजपुरोहित ने शासन सचिव, स्कूल शिक्षा विभाग को एक लेटर लिखा है. बता दें कि पीटीआई अभ्यर्थी रामचरण सिहाग द्वारा मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को इस संबंध में शिकायत दी गई थी जिसके बाद अब तक इस मामले में नियमानुसार आवश्यक कार्रवाई की जानकारी सरकार ने मांगी है.
वहीं कर्मचारी चयन बोर्ड के अध्यक्ष आलोक राज का कहना है कि अभी बोर्ड ने केवल एक ही यूनिवर्सिटी के अभ्यर्थियों को अपात्र किया है लेकिन अभी कुछ और यूनिवर्सिटी की डिग्री को लेकर पत्र लिखा गया है और भविष्य में और भी अभ्यर्थी अपात्र घोषित किए जा सकते हैं.
डिग्रियों की गहनता से होनी चाहिए जांच
वहीं इस मामले में युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय, भारत सरकार में पूर्व सदस्य बॉक्सर जुबेर खान का कहना है कि चयनित अभ्यर्थियों में राजस्थान सहित अन्य राज्यों की यूनिवर्सिटी द्वारा जारी शारीरिक शिक्षा डिग्रियों की गहनता से जांच होनी चाहिए। कई ऐसे संस्थान भी है जिनके पास एनसीटीई की मान्यता नहीं है. इसके साथ ही कई ऐसे संस्थान भी है जो एनसीटीई की मान्यता के बावजूद आवंटित सीटों से अधिकतम अभ्यर्थियों को शारीरिक शिक्षा डिग्रियां जारी करा चुके हैं। राज्य सरकार को लोकसभा चुनाव से पूर्व उच्च स्तरीय जांच कर उचित कार्रवाई करनी चाहिए.