जयपुर: राजस्थान सरकार ने विधानसभा चुनावों से पहले एक और बड़ा दांव खेलते हुए महाराणा प्रताप के नाम से बोर्ड बनाने का फैसला किया है जिसका नाम वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप बोर्ड रखा जाएगा. जानकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री गहलोत ने महाराणा प्रताप के नाम से बोर्ड बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी जारी कर दी है. वहीं इस बोर्ड में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष के अलावा 7 सदस्य होंगे. सरकार की ओर से बताया गया है कि महाराणा प्रताप की प्रतिबद्धता, देशभक्ति, दानशीलता, जनसेवा और कर्तव्य परायणता का संदेश देने के लिए इस बोर्ड का गठन किया जा रहा है.
बता दें कि बोर्ड में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष तथा 7 अन्य सदस्य होंगे और बोर्ड में सचिव एवं कार्यकारी स्टाफ अलग से होगा. मालूम हो कि मुख्यमंत्री ने उदयपुर में 22 मई को कालजयी योद्धा की स्मृति में बोर्ड का गठन करने का ऐलान किया था.
प्रताप के इतिहास पर सिलेबस बनाएगा बोर्ड
वहीं सरकार का कहना है कि बोर्ड के गठन का उद्देश्य नई पीढ़ी को महाराणा प्रताप के महान चरित्र के बारे में पढ़ाने के साथ ही उन पर आधारित पुरातात्विक धरोहरों का संरक्षण एवं नव-निर्माण, भारत की विभिन्न भाषाओं में रचित प्राचीन साहित्य का संकलन, संरक्षण, शोध, प्रकाशन एवं प्रचार-प्रसार, संबन्धित सिलेबस तैयार करना होगा.
इसके अलावा प्रताप पर आधारित मेलों, प्रदर्शनी, समारोह, सम्मेलन, फिल्मों, सांस्कृतिक कार्यक्रमों, संगोष्ठियों तथा कवि सम्मेलनों का आयोजन करना एवं देश-विदेश में उनके विचारों का प्रचार-प्रसार का कार्य भी बोर्ड की ओर से किया जाएगा.
प्रताप के नाम से शुरू होंगे राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार
वहीं सरकार की ओर से बोर्ड की द्वारा महाराणा प्रताप के नाम से राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कारों की शुरूआत भी की जाएगी. इसके अलावा बोर्ड प्रताप पर पर आधारित मेलों, प्रदर्शनी, समारोह, सम्मेलन, फिल्मों, सांस्कृतिक कार्यक्रमों, संगोष्ठियों और कवि सम्मेलनों का भी आयोजन करेगा. गौरतलब है कि गहलोत सरकार ने इस बार कई जातीय बोर्ड बनाए हैं जहां अब राजपूत वोटों को साधने की दिशा में महाराणा प्रताप बोर्ड अहम माना जा रहा है.