जयपुर: कोरोना महामारी के बाद लंपी बीमारी पिछले साल पशुओं के लिए काल बनकर आई थी जहां देश में लाखों की संख्या में पशु इसकी चपेट में आए थे. केंद्र सरकार ने जिन राज्यों में लंपी ने कहर बरपाया था वहां टीकाकरण अभियान चलायाथ था लेकिन लंपी बीमारी से सबसे ज्यादा प्रभावित राजस्थान रहा जहां पिछले साल लंपी बीमारी से राजस्थान में हजारों गायें काल का ग्रास बन गई. वहीं कितने ही लोगों की जीवनदायिनी गायों की मौत होने के बाद पशुपालकों को लाखों का नुकसान हुआ था जिसके बाद गहलोत सरकार ने पशुपालकों को मुआवजा देने का ऐलान किया था.
ऐसे में शुक्रवार को अब सीएम गहलोत पशुपालकों को मुआवजा देने जा रहे हैं जहां शुक्रवार को जयपुर के जेईसीसी सीतापुरा में राजस्थान किसान महोत्सव आयोजित किया जा रहा है जिसमें 16 से 18 जून तक लंपी से प्रभावित 41 हजार से अधिक पशुपालकों के खाते में 40-40 हजार रुपये प्रति पशु बीमा सहायता राशि के हिसाब से 175 करोड़ से अधिक की राशि ट्रांसफर की जाएगी.
बता दें कि करीब 175 करोड़ से अधिक पशुपालकों के खाते में सीएम गहलोत डीबीटी के माध्यम से सीधे राशि ट्रांसफर करेंगे. मालूम हो कि 10 फरवरी 2023 को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बजट में पशुपालकों को राहत देने के लिए से दुधारू गोवंश की मौत पर हर गाय के हिसाब से 40 हजार रुपये देने का ऐलान किया था. वहीं अब लंपी पर मुआवजा देने वाला राजस्थान पहला राज्य बन गया है.
कामधेनु पशु बीमा योजना में मिलेगी राहत
दरअसल सीएम गहलोत ने कहा कि लंपी बीमारी के बाद हुए नुकसान को लेकर पशुपालकों को 40 हजार रुपये हर पशु के हिसाब से मुआवजा दिया जा रहा है. इसके अलावा भविष्य में अगर पशुपालकों को ऐसे किसी हालातों का सामना करना पड़े तो कामधेनु पशु बीमा योजना के तहत 40 हजार हर पशु के हिसाब से और भैंस का बीमा दो पशुओं के लिए फ्री दिया जाएगा. कोई भी पशुपालक इस योजना का लाभ महंगाई राहत कैंप में रजिस्ट्रेशन करवाकर राहत ले सकता है.