जयपुर: राजस्थान में विधानसभा चुनावों से महज 5 महीने पहले भ्रष्टाचार का मुद्दा तूल पकड़ने लगा है जहां शुक्रवार की देर रात सचिवालय के पीछे योजना भवन के बेसमेंट में एक बंद पड़ी अलमारी से करोड़ों की नकदी और सोना मिलने के बाद ब्यूरोक्रेसी हल्के में खलबली मच गई है. जानकारी के मुताबिक योजना भवन में पड़ी फाइलों को कम्यूटराइज्ड करने का अभियान काफी दिनों से चल रहा है इसी कड़ी में भवन के बेसमेंट में 2 संदिग्ध अलमारियों की चाबी नहीं मिलने के बाद अशोक नगर थाना पुलिस की मदद से इन अलमारियों के ताले तुड़वाए गए जहां एक अलमारी में फाइलें और दूसरी में रखी एक ट्रॉली-सूटकेस में 2000 और 500 के नोट मिले जिनकी कीमत 2.31 करोड़ रुपए से ज्यादा बताई गई है.
वहीं एक किलो सोने का एक बिस्किट भी बरामद हुआ है. पुलिस का कहना है कि नकदी और सोना जब्त कर लिया गया है और जल्द ही मामले का खुलासा किया जाएगा. मालूम हो कि सूबे में पिछले महीने भर से करप्शन का मुद्दा गरमाया हुआ है जहां पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट लगातार राजे सरकार के दौरान हुए भ्रष्टाचार के मामलों पर एक्शन नहीं लेने का आरोप लगा रहे हैं.
वहीं दूसरी ओर सरकार के मंत्री राजेंद्र गुढा ने हाल में भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए कहा था कि हमारी सरकार में खुलेआम भ्रष्टाचार हो रहा है और भ्रष्टाचार के मामलों में हमनें सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. माना जा रहा है कि चुनावों से पहले सरकारी भवन में इतनी भारी मात्रा में नकदी मिलना सरकार के खिलाफ हवा बनाने में सहायक साबित हो सकता है. वहीं नकदी मिलते ही विपक्ष सरकार पर हमलावर हो गया है जहां राजेंद्र राठौड़ से लेकर गजेंद्र सिंह शेखावत ने सीएम गहलोत पर हमला बोला है.
इसके अलावा कर्नाटक में जिस तरह से कांग्रेस ने भ्रष्टाचार और 40 फीसदी कमीशन की सरकार का मुद्दा उठाकर चुनावों में प्रचंड जीत हासिल की है, वहीं दूसरी ओर कांग्रेल शाषित राज्य राजस्थान में सरकारी भवन में इस तरह करोड़ों कैश मिलना कई गंभीर सवाल खड़े करता है.मालूम हो कि इसी भवन में पिछले साल एसीबी ने बायोफ्यूल के ऑफिस में सीईओ सुरेंद्र स्वामी को 5 लाख की घूस लेते हुए दबोचा था.
गुढा ने खोला था खुलेआम मोर्चा!
दरअसल बीते दिनों सचिन पायलट की भ्रष्टाचार के मुद्दे पर निकाली गई जन संघर्ष यात्रा के समापन के दौरान राज्य मंत्री राजेंद्र गुढा ने मंच से अपनी ही सरकार पर करप्शन के आरोप लगाए थे. गुढा ने कहा था कि हमारी सरकार का अलाइनमेंट बिगड़ गया है और हमारी सरकार ने भ्रष्टाचार के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं.
उन्होंने कहा था कि कर्नाटक में बीजेपी की सरकार के खिलाफ हमनें जो 40 प्रतिशत भ्रष्टाचार का मामला उठाया था हमारी सरकार उससे भी आगे चली गई है और हमनें भ्रष्टाचार के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. दरअसल हाल में कांग्रेस ने कर्नाटक के विधानसभा चुनावों में बीजेपी के खिलाफ 40 प्रतिशत कमीशन को मुद्दा बनाया था और जनता के बीच कई रैलियों में इस मुद्दे पर सरकार को घेरा था.
वहीं इधर सचिन पायलट ने पिछले 11 अप्रैल को पिछली वसुंधरा सरकार के दौरान हुए भ्रष्टाचार के मामलों पर कोई कार्रवाई नहीं करने पर मोर्चा खोलते हुए एक दिन का अनशन किया था. इसके बाद भी कोई एक्शन नहीं होने पर पायलट ने 5 दिन की जन संघर्ष यात्रा निकाली जो 11 मई से अजमेर से शुरू होकर 15 मई को जयपुर पहुंची. हालांकि पायलट पिछली सरकार के दौरान हुए भ्रष्टाचार के मामलों को उठा रहे हैं.
इसी भवन में पकड़ा गया था सुरेंद्र राठौड़
गौरतलब है कि पिछले साल अप्रैल में योजना भवन में चलने वाले बायोफ्यूल के ऑफिस में एसीबी ने घूसखोरी पकड़ी थी. एसीबी ने बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए जैव ईंधन प्राधिकरण के 5 लाख की घूस लेते हुए सीईओ सुरेंद्र सिंह राठौड़ को रंगे हाथों गिरफ्तार किया था. वहीं सीईओ के साथ एक दलाल भी पकड़ा गया था. वहीं इसके बाद राठौड़ के घर, फार्महाउस और अपार्टमेंट की तलाशी के दौरान करोड़ों की नकदी मिली थी.
इस मामले पर नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि भ्रष्टाचार की गंगोत्री आखिरकार सचिवालय तक पहुंच ही गई है और राजस्थान सचिवालय जहां मुख्यमंत्री बैठकर शासन चलाते हैं वहां करोड़ों की नकदी और सोना बरामद होना इस बात का प्रमाण है कि गहलोत सरकार भ्रष्टाचार के संरक्षणदाता की भूमिका में है.