जयपुर। राजधानी जयपुर में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए अंतरराष्ट्रीय साइबर के 4 ठगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस की पूछताछ में आरोपियों ने ठगी की वारदात करना कबूल की। आरोपियों की बात सुनकर पुलिस भी हैरान रह गई। बदमाशों ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए।
पुलिस की पूछताछ में सामने आया कि सभी बदमाश 12वीं फेल है, लेकिन ये अपने दिमाग से करोड़ों रुपए की साइबर ठगी कर चुके हैं। बदमाशों ने कई राज्य बिहार, तेलंगाना, जामताड़ा (झारखंड) के साइबर ठगों से संपर्क कर हैकिंग के गुर सीखे। इसके बाद साइबर ठगी करना शुरू कर दिया। इन बदमाशों ने यूट्यूब में वीडियो देख कर ठगी-हैकिंग के तरीके सीखे।
ये इतने शातिर हैं कि अलग-अलग ऐप के माध्यम से खुद की ऑनलाइन लोकेशन को बार-बार बाउंस करवाते हैं, ताकि इनकी सही लोकेशन को ट्रेस नहीं किया जा सके। पुलिस ने बदमाशों के पास से एक हाईटेक मॉडिफाइड कंप्यूटर, एक लैपटॉप, 3 आईफोन, कई महंगे स्मार्टफोन, जियो फाइबर राउटर, 2 हेडफोन, 2 इयरबड और 7 क्रेडिट/डेबिट कार्ड बरामद किए। पुलिस ने सभी आरोपियों को विद्याधर नगर में दबिश देकर दबोचा है।
किराए के मकान में रहते थे चारों बदमाश
डीसीपी नॉर्थ राशि डोगरा ने बताया कि गिरफ्तार बदमाश बाबानी (19) पुत्र महेश बाबानी निवासी मकान नंबर 44 ग्रीन वाटिका नागल जैसा बोहरा, करधनी (जयपुर), राहुल कुमार सिंधी (21) पुत्र मनोज निवासी वार्ड नंबर-09 रामपुरा बस्ती, शाहपुरा (भीलवाड़ा), रोहित कुमार सिंधी (19) पुत्र मनोज कुमार निवासी वार्ड नंबर-09 रामपुरा बस्ती, शाहपुरा (भीलवाड़ा) और अभिषेक कुमार (22) पुत्र राजेश रोशन निवासी रोड नंबर 03 ज्वाला सिंह हाउस के पास पोस्टल पार्क कॉलोनी, कंकड़बाग, जिला पटना (बिहार) वर्तमान में विद्याधर नगर में किराए का मकान लेकर रह रहे थे।
मकान पर रोजाना आता था ऑनलाइन सामान…
डीसीपी राशि डोगरा ने बताया- ये चारों बदमाश वर्तमान में जयपुर के विद्याधर नगर में एक मकान रहते थे। स्थानीय लोगों ने पुलिस को जानकारी दी थी कि इस मकान में रहने वाले युवक कुछ काम नहीं करते हैं, लेकिन इनके घर में आए दिन ऑनलाइन सामान देने वालों की भीड़ लगी रहती है। ये लोग कौन हैं और क्या काम करते हैं, इसकी किसी को जानकारी नहीं है। इस पर पुलिस टीम एक्टिव हुई। करीब 10 दिन तक इनके मकान और इनके आसपास रेकी की गई। इसके बाद पुलिस ने छापेमारी कर इन चारों बदमाशों को पकड़ लिया। इनके पास से मिले कम्प्यूटर-लैपटॉप और अन्य डिवाइस से जानकारी सामने आई कि ये लोग साइबर ठगी और हैकिंग का काम करते हैं।
पुलिस की पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि सभी बदमाश 12वीं फेल है और करोड़ों रुपए की साइबर ठगी कर चुके हैं। इन बदमाशों ने कई राज्यों के साइबर ठगों से संपर्क कर हैकिंग के तरीके सीखे और फिर ठगी करना शुरू कर दिया। इन बदमाशों ने यूट्यूब में वीडियो देख कर ठगी-हैकिंग के तरीके सीखे। ये इतने शातिर हैं कि अलग-अलग ऐप के माध्यम से खुद की ऑनलाइन लोकेशन को बार-बार बाउंस करवाते हैं, ताकि इनकी सही लोकेशन को ट्रेस नहीं किया जा सके।
डीसीपी डोगरा ने बताया कि चारों बदमाशों ने पूछताछ में बताया कि करीब 15 करोड़ लोगों के डेबिट-क्रेडिट कार्ड की वैध तारीख और सीवीवी की जानकारी उनके डाटा में सेव है। 2 करोड़ से ज्यादा लोगों के फेसबुक और इंस्टाग्राम के पासवर्ड को हैक किया हुआ है। 1 करोड़ से अधिक लोगों के आधार कार्ड का डाटा इनके सिस्टम में सेव मिला है। इन बदमाशों ने कई वेबसाइट्स और ऐप को अलग-अलग साफ्टवेयर/एप्स के माध्यम से क्रैक करके चुराया। फिर अंतरराष्ट्रीय डेबिट/केडिट कार्ड डाटा व अन्य निजी जानकारियां निकाली।
लोगों के डेबिट-क्रेडिट कार्ड से करते खरीदारी…
गिरफ्तार बदमाशों ने पुलिस पूछताछ में बताया के ये लोग डिसकोर्ड ऐप के माध्यम से ऑनलाइन स्क्रीन शेयर करके ठगी करते थे। साइबर ठग लोगों के डेबिट/क्रेडिट कार्ड से विदेशी साइटों से खरीदारी करते थे और फिर खरीदे गए सामान को वापस बेचकर अवैध कमाई करते थे। इसके बाद साइबर ठगी से मिले रुपए को विभिन्न तरीकों से खातों में लेकर अवैध क्रिप्टो करेंसी में निवेश कर रहे थे।
रिश्तेदारों से बैंक खाते किराए पर लिए…
ये बदमाश ठगी के काम में इस्तेमाल की जाने वाली अलग-अलग ऐप्स को डाउनलोड करने के लिए क्रिप्टों करेंसी में भुगतान करते थे। इन साइबर ठगों और इनके जानकारों के खातों में करोड़ों रुपए के ट्रांजैक्शन मिले हैं। यह अपने रिश्तेदारों और जानकारों के बैंक खातों को किराए पर लेकर इस्तेमाल कर रहे थे।