Ivory Smuggling in Udaipur: राजस्थान के उदयपुर में हाथी दांत की तस्करी का मामला सामने आया है, लेकिन इसमें आश्चर्य की बात यह है कि इस तस्करी को करने वाला कोई और नहीं बल्कि सीआरपीएफ का एक एसआई है। पुलिस ने इस मामले में एसआई समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया है।
आरोपियों में एक महिला भी शामिल है। पुलिस ने आरोपियों के पास से भारी मात्रा में हाथी दांत भी बरामद किए है। तस्कर इस खेप को बेचने के लिए उदयपुर के सबीना इलाके में आए थे, लेकिन ग्राहक तक पहुंचने से पहले ही पुलिस के हत्थे चढ़ गए।
सीआरपीएफ का सब इंस्पेक्टर गिरफ्तार
उदयपुर पुलिस के मुताबिक सबीना पुलिस टीम को जयपुर क्राइम ब्रांच से हाथी दांत तस्करी की सूचना मिली थी। बताया गया कि उदयपुर में कुछ लोग अवैध रूप से हाथी दांत लेकर आये थे और उसे बेचने की कोशिश कर रहे थे। इस सूचना पर पुलिस हरकत में आई और सर्विलांस की मदद से आरोपी का पता लगाकर उन्हें गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में पता चला कि गिरफ्तार आरोपी सीआरपीएफ का सब इंस्पेक्टर है। इस तस्करी में एक महिला भी शामिल है।
CRPF सब इंस्पेक्टर गैंग का सरगना
सबीना पुलिस के मुताबिक इन आरोपियों को नेला तालाब के पास से गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने आरोपियों के पास से हाथी दांत की खेप भी बरामद की है। पुलिस पूछताछ में पकड़े गए सीआरपीएफ सब इंस्पेक्टर ने अपनी पहचान अलवर निवासी राहुल मीना बताई। बताया कि उनका परिवार फिलहाल दिल्ली में रह रहा है।
वह खुद कश्मीर में तैनात हैं। पुलिस पूछताछ में उसने खुद को गिरोह का मुख्य सरगना बताया। पुलिस के मुताबिक राहुल मीना के साथ गिरफ्तार अन्य आरोपियों में दौसा निवासी अमृत सिंह, भरतपुर निवासी अर्जुन मीना और संजय और जयपुर निवासी रीता शाह शामिल हैं।
गैंडे का सींग 2.5 करोड़ में बिका है
आरोपियों ने बताया कि वे काफी समय से पशु अवशेषों की तस्करी कर रहे हैं। विशेष रूप से कोयंबटूर से, वे हाथी दांत और गैंडे के सींग उठाते हैं और उन्हें देश के विभिन्न हिस्सों में तस्करी करते हैं। इसमें उन्हें भारी मुनाफा होता है। आरोपी राहुल मीना ने बताया कि राजस्थान में गैंडे के सींग 2.5 करोड़ रुपये में आसानी से बिक जाते हैं। इसी तरह हाथी दांत के लिए भी अच्छी खासी रकम मिल जाती है। आरोपी ने पुलिस पूछताछ में बताया कि सीआरपीएफ में नियुक्ति के बाद उसकी पोस्टिंग कश्मीर के सोपोर में हुई थी।
जल्दी बनना चाहता था अमीर
चूँकि वह जल्दी अमीर बनना चाहता था, इसलिए उसने अगस्त के महीने में छुट्टी ले ली और सीधे कोयम्बटूर चला गया। वहां से उसने स्थानीय तस्करों से हाथी दांत और गैंडे का सींग लिया और अलवर अपने घर लौट आया। अब वह तस्करी के माल को राजस्थान में बेचने लगा। इसी मकसद से उदयपुर पहुंचा था। पुलिस ने आरोपी के पास से करीब तीन फीट लंबा और 8 किलो वजनी हाथी दांत बरामद किया है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी कीमत करीब 1.5 करोड़ रुपये आंकी गई है।