जयपुर। प्रदेशवासियों को नई तकनीक की चिकित्सा सुविधाएं देने के लिए गहलोत सरकार जयपुर में आईपीडी टॉवर (IPD Tower) का निर्माण करवा रही है। यह टॉवर प्रदेश SMS अस्पताल से संबद्ध है। इस टॉवर का निर्माण कार्य प्रदेश की स्वास्थ्य सुविधाओं को पूरे देश में पहले पायदान में लाकर खड़ा कर देगा। जैसा कि मुख्यमंत्री का विजन है कि किसी भी प्रदेशवासी को स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए एक-एक बेड के लिए इधर-उधर न भटकना पड़े, यह IPD टॉवर उस विजन को पूरा होते हुए दिखा रहा है।
1200 बेड 6 ओपीडी, 53 ICU, एयर एबुलेंस…IPD Tower में बहुत कुछ
इस मेडिकल टॉवर की खासियतों की बात करें तो जयपुर में इस 24 मंजिल के 115.5 मीटर ऊंचे आईपीडी को सिर्फ ऊंचाई ही नहीं सुविधाओं ने भी ऊंचा बना दिया है। यहां पर एक ही छत के नीचे 6 ओपीडी, 34 जनरल वार्ड, 53 आईसीयू, 5 कैथ लैब, 3 ऑपरेशन थिएटर हैं। यहां सभी बीमारियों का बेहतर इलाज हो सकेगा। इसमें दो मंजिला भूमिगत पार्किंग भी की गई है। इस अस्पताल में लोग हर तरह की जांच जैसे सीटी स्कैन, एमआरआई, कार्डियक, डायग्नोस्टिक करा सकते हैं।
हैलिपेड के निर्माण से एयर एंबुलेंस से रेफर हो सकेंगे मरीज
वहीं IPD Tower की सबसे ऊंची मंजिल पर हेलीपैड भी बनाया जा रहा है, जिससे इमरजेंसी में किसी भी मरीज को एयर एंबुलेंस से रेफर किया जा सकता है। इस टॉवर में ऑडिटोरियम भी बना हुआ है। मेडिकल साइंस गैलरी, एडमिन ब्लॉक की सुविधा दी गई है। साथ ही प्रो और पोस्ट आईसीयू वार्ड दिन-रात मरीजों की इलाज के लिए तत्पर होंगे इस अस्पताल में सामान्य और डीलक्स, प्राइवेट कमरों सहित 1200 बेड , 20 ऑपरेशन थिएटर , 100 ओपीडी काउंटर होंगे।
IPD Tower से SMS अस्पताल का भार होगा कम
इस समय SMS असपताल में बेड की संख्या 2 हजार 461, ओपीडी काउंटर 25 और ऑपरेशन थियेटर 18 हैं। साथ ही 8 माइनर ऑपरेशन थियेटर हैं। आईपीडी टॉवर (IPD Tower) के बनने से 1 हजार 243 बैड की अतिरिक्त क्षमता उपलब्ध होगी। इससे मरीजों को बेहतर और समय पर इलाज मिल सकेगा और भीड़-भाड़ से निजात मिलेगी।
अभी SMS अस्पताल में हर दिन 9 हजार से ज्यादा लोग आउटडोर में इलाज के लिए आते हैं और करीब 500 लोगों को इलाज के लिए भर्ती किया जाता है। इसी तरह करीब 30 हजार जांचें की जाती हैं। इसलिए अस्पताल पर मरीजों का भार बेहद ज्यादा है। इसके चलते मरीजों को बेड मिलने की समस्या बनी रहती है। साथ ही आउटडोर में भी मरीजों की संख्या ज्यादा होने से इलाज में देरी भी होती है। आईपीडी टॉवर के बनने से इसमें काफी सहूलियत मिलेगा।
पहले फेज में उपलब्ध होंगे 1100 बेड
इस आईपीडी टॉवर (IPD Tower) का निर्माण 588 करोड़ रूपए की लागत से किया जा रहा है। पहले फेज में टॉवर की 12वीं मंजिल तक का निर्माण और हैलीपैड बनाए जाने का काम किया जा रहा है। यह चरण पूरा होने पर टॉवर में 1100 बैड की क्षमता उपलब्ध हो जाएगी। साथ ही कार्डियोलॉजी संस्थान का काम पूरा कर अस्पताल का संचालन शुरू किया जायेगा। पहले चरण का कार्य आगामी 15 महीनों में पूरा किया जाएगा। बाकी का काम दूसरे फेज में होगा। जिसमें कम से कम एक साल का समय लगेगा।
तेजी से जमीन पर उतरता गहलोत का विजन
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कई मौकों पर कह चुके हैं कि पैसे के अभाव में किसी को भी इलाज से वंचित न होना पड़े। सरकारी अस्पताल में ही उसे दुनिया का बेहतरीन इलाज मिले। उनका यह विजन अब तेजी से जमीन पर उतरता दिख रहा है। इस IPD टॉवर का काम समय से पूरा हो इसके लिए मुख्यमंत्री और चिकित्सा विभाग पूरी कोशिश कर रहा है, वे खुद समय-समय पर निर्माण स्थल पर जाकर इसकी मॉनिटरिंग भी करते हैं।
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