जयपुर। टीआईएमएम के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि पूरे इतिहास में व्यापार ने विचारों, संस्कृतियों और प्रौद्योगिकी के आदान-प्रदान को बढ़ावा दिया है। इसने लोगों को करीब ला दिया है। व्यापार और वैश्वीकरण ने भी करोड़ों लोगों को अत्यधिक गरीबी से बाहर निकाला है। अब भारत लाल फीताशाही से रेड कार्पेट की ओर बढ़ गया है। पिछले नौ साल के दौरान हमारे निरंतर प्रयासों से भारत विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है, अब सरकार अगले कुछ वर्षों में भारत को तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने के प्रति कटिबद्ध है।
मोदी होटल रामबाग में जी-20 भारत 2023 इंडिया ट्रेड और इन्वेस्टमेंट मिनिस्टर्स मीटिंग शुरू होने से पहले वर्चुअली विशेष संबोधन दे रहे थे। उन्होंने कहा कि अब हम उदारीकृत एफडीआई प्रवाह की ओर बढ़ गए हैं। उन्होंने विनिर्माण को बढ़ावा देने वाली ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ जैसी पहलों और देश में नीतिगत स्थिरता का भी उल्लेख किया।
लघु और मझोले उद्योगों को दें ज्यादा सहयोग
मोदी ने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में महत्ता को देखते हुए एमएसएमई पर अधिक ध्यान देना होगा। एमएसएमई 60 से 70 प्रतिशत रोजगार देते हैं और वैश्विक जीडीपी में 50 प्रतिशत का योगदान देते हैं। ऐसे में छोटे और मझोले उद्योगों को लगातार समर्थन देने की आवश्यकता हैं।
उन्होंने कहा कि भारत ने ऑनलाइन प्लेटफॉर्म-सरकारी ई-मार्केटप्लेस के माध्यम से एमएसएमई को सार्वजनिक खरीद से जोड़ा है और पर्यावरण पर जीरो डिफेक्ट, जीरो इफेक्ट को अपनाने के लिए एमएसएमई क्षेत्र के साथ काम कर रहा है। सीमा पार ई-कॉमर्स में कई चुनौतियां हैं। मोदी ने कहा कि भारत एक नियम-आधारित, खुली, समावेशी, बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली में विश्वास करता है, जिसके मूल में डब्ल्यूटीओ है।
चुनौतियों पर की बात
मोदी ने कहा कि कोविड महामारी से लेकर जियो पॉलिटिकल टेंशन तक मौजूदा वैश्विक चुनौतियों ने दुनिया की अर्थव्यवस्था की परीक्षा ली है। जी-20 देशों के रूप में यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम अंतरराष्ट्रीय व्यापार और निवेश में विश्वास बहाल करें। जीएसटी से इंटर स्टेट व्यापार को बढ़ावा मिला, साथ ही इंटीग्रेटेड बाजार बनाने में भी मदद मिली।
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