राहुल गांधी के मामले में अशोक गहलोत ने बड़ा बयान दिया है उन्होंने कहा कि इस तरह का काम करने वाली सरकार को जनता इन्हें बख्शेगी नहीं। एक लोअर कोर्ट के फैसले पर आपने इने बड़े नेता की सदस्यता रद्द कर दी। अभी हाईकोर्ट है, सुप्रीम कोर्ट है, मतलब साफ है कि ये भारत जोड़ो यात्रा से घबरा गए हैं।
कहां जाएगा विपक्ष
सीएम अशोक गहलोत ने कहा- यह देश किस दिशा में जा रहा है किस दिशा में जाएगा, यह किसी को नहीं मालूम है। इस समय देश में जो भय का माहौल है, ऊपर से जो ईडी, इनकम टैक्स, सीबीआई का दुरुपयोग हो रहा है। ज्यूडिशरी पर दबाव है, चुनाव आयोग पर दबाव है, यह जो देश का मिजाज लोगों को बता रहा है कि सरकार की मंशा ठीक नहीं है। यह तानाशाही प्रवृत्ति है। आप देखे संसद चल नहीं पा रही है, एक सांसद को बोलने का मौका नहीं दिया जाता है। यह पार्लियामेंट चल रही है। सत्ता पक्ष खुद ही संसद की कार्यवाही में डिस्टरबेंस कर रहा है तो फिर विपक्ष कहां जाएगा।
भारत जोड़ो यात्रा से घबराई है भाजपा
जब से भारत जोड़ो यात्रा भी है पूरे देश के अंदर एक मैसेज गया है महंगाई का, बेरोजगारी का, हिंसा मुक्त भारत का, प्रेम मोहब्बत भाईचारे की राजनीति हो, गरीब अमीर के बीच में जो खाई बढ़ती जा रही है वह कम हो, यह चारों मुद्दे लेकर राहुल गांधी चले थे। पूरे देश की जनता ने साथ दिया था, तब से सरकार घबराई हुई है। कोई ना कोई बहाना करके यह प्रयास किया जा रहा है कि किसी तरह संसद के अंदर कांग्रेस और विपक्ष को बोलने ना दिया जाए। इसलिए कोई मांग कर ले विपक्ष, वह परवाह ही नहीं करते।
जिस गांधी खानदान ने देश के लिए खुद को समर्पित कर दिया…
राहुल गांधी देशभक्त है जिनके पूरे खानदान ने खुद को देश के लिए समर्पित किया है। जिनके पास खुद के रहने के लिए मकान नहीं हो। उस व्यक्ति के बारे में जिस तरह की बातें की जा रही हैं। जिस देशभक्ति का उदाहरण इन्होंने दिया है, जेल में बंद रहकर इनके परिवार के लोगों ने, जिस प्रकार से उनकी दादी इंदिरा गांधी की हत्या हुई, देश को खालिस्तानी बनने नहीं दिया। उनके पिता की हत्या हुई है। उस व्यक्तित्व के धनी राहुल गांधी इन्हें बहुत नजदीक से जानता हूं कि वह किस तरह से देशवासियों के लिए देश के लिए दलित हो, पिछड़े हों, गरीब हों, कोई भी हो उनके दिल में उनके प्रति हमदर्दी है। वह कोई सोच भी नहीं सकता।
इंदिरा, वाजपेई जैसे महान नेता जब चुनाव हार गए तो ये क्या हैं ?
सीएम ने कहा कि इंदिरा गांधी को भी उन्होंने तंग किया था। संसद से निष्कासित कर दिया था, उसके नतीजों इन्होंने भुगत लिए, तब इंदिरा गांधी की आंधी चली थी, फिर चुनाव में वह भारी बहुमत से विजयी हुईं। वापस लोकसभा पहुंची। अब 2024 के चुनाव में इस तानाशाही प्रवृति की एनडीए गवर्नमेंट बचेगी नहीं। हिंदू मुस्लिम करते हुए उन्होंने 2 चुनाव जीत लिए लेकिन अब जनता इसे पसंद नहीं कर रही है। एक सीमा होती है उस सीमा के बाद में जनता ने किसी को नहीं बख्शा। इंदिरा गांधी जैसी महान नेता चुनाव हार गईं, वाजपेई जी चुनाव हार गए तो मोदी जी को चाहिए कि वह अपने सलाहकार के चक्कर में नहीं आए। वह खुद सोचे कि वह देश में क्या कर रहे हैं।
इतने बड़े नेता की सदस्यता रद्द करने की इतनी क्या जल्दी थी
सीएम ने कहा कि मोदी के बारे में लोग क्या सोच रहे हैं। उन्हें ओबीसी का नेता कहते हैं। उनकी पार्टी के लोगों ने कह दिया कि राहुल गांधी ओबीसी के खिलाफ धारणा रखते हैं। यह तो बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण बात है। राहुल गांधी किसी भी वर्ग के लोगों के लिए जान लगाने वाले इंसान हैं।
अब आप भारत जोड़ो यात्रा से घबराकर इस तरह का फैसला देते हो कल डिफेमेशन केस में उन्हें सजा दे दी। अब हाईकोर्ट भी है, सुप्रीम कोर्ट भी है, इतनी क्या जल्दी थी जो आपने इतना बड़ा फैसला कर दिया मेंबरशिप खत्म कर दी इतने बड़े नेता की। जिसका एक मैसेज है, जिसका एक ओहदा है, देश के अंदर जिसकी फॉलोइंग है, उसको आपने इस तरह से मेंबरशिप से निष्कासित कर दिया तो लोग आपको बख्शने वाले नहीं हैं।