नई दिल्ली/ जयपुर। राजस्थान समेत देशभर के अधिकांश राज्यों में आने वाले दो महीनों में भीषण गर्मी पड़ेगी। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) नई दिल्ली ने अप्रैल से जून तक का फोरकास्ट जारी किया है। आईएमडी के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. नरेश कुमार ने कहा कि अप्रैल और मई के महीने में सामान्य से अधिक तापमान रहने की उम्मीद है। इतना ही नहीं, अप्रैल और मई के महीनों में लू चलने की संभावना है।
वहीं अप्रैल में देश के मध्य भाग में लू की स्थिति बन सकती है। मई सबसे गर्म रहने वाला है और उत्तर पश्चिम के साथ ही मध्य भारत में लू चलने की भी तीव्र संभावना है। इसमें राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश समेत मध्य और दक्षिण भारत के राज्यों में भीषण गर्मी पड़ने की आशंका जताई है।
गर्मी का सबसे ज्यादा असर राजस्थान के पश्चिमी इलाके (जालोर, बाड़मेर, जैसलमेर, जोधपुर, बीकानेर, पाली) के अलावा गुजरात, पूर्वी मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, कर्नाटक और केरल में रहेगा। इन हिस्सों को तापमान सामान्य से ज्यादा रहने की आशंका को देखते हुए रेड जोन में रखा है।
राजस्थान की बात करें तो अप्रैल से जून तक जोधपुर, जैसलमेर, बाड़मेर, जालोर, पाली, बीकानेर, श्रीगंगानगर, चूरू, बांसवाड़ा, डूंगरपुर, भरतपुर, धौलपुर और करौली गर्मी के रेड जोन (टेम्प्रेचर 40 डिग्री से अधिक) में रहेंगे। वहीं, बाकी सभी जिले येलो जोन में रहेंगे।
अप्रैल के पहले सप्ताह में तापमान थोड़ा कंट्रोल में रहेगा, लेकिन बाद में सामान्य से ऊपर जा सकता है। तेज गर्मी रहेगी। इस बीच एक-दो बार हीटवेव भी चल सकती है। राजस्थान के पश्चिमी जिलों में अप्रैल में पारा 46 डिग्री सेल्सियस तक जा सकता है।
वेस्टर्न डिस्टर्बेंस से होगी बारिश अच्छी
IMD ने बताया कि एक सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ है जो उत्तर पश्चिम भारत को प्रभावित कर सकता है। जिसके चलते अप्रैल में वेस्टर्न डिस्टर्बेंस ज्यादा आने और उनसे बारिश भी अधिक होने की संभावना जताई है। जम्मू-कश्मीर, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश के अलावा राजस्थान के कई हिस्सों में अप्रैल में सामान्य से ज्यादा बारिश होने का अनुमान है। राजस्थान में सामान्य तौर पर अप्रैल में 4.4MM औसत बारिश होती है।
इस बार अच्छे मानसून का संकेत
मौसम वैज्ञानिकों ने इस बार मानसून सीजन आने तक प्रशांत महासागर में ला नीना कंडीशन बनने की संभावना जताई है। ये संकेत भारत में अच्छे मानसून के हैं। दरअसल, अभी प्रशांत महासागर में अल-नीनो कंडीशन है। जो न्यूट्रल हो रही है। जून-जुलाई तक अल-नीनो कंडीशन के खत्म होने और ला नीना कंडीशन बनने की प्रबल संभावना है। ला नीना स्थिति में अमेरिकी महाद्वीप के पास पश्चिम में प्रशांत महासागर का तापमान सामान्य से नीचे जाने लगता है। यानी सी-सरफेस ठंडा होने लगता है। इसके प्रभाव से भारत में मानसून अच्छा रहने की प्रबल संभावना रहती है।
चूरू में सामान्य से चार डिग्री नीचे रहा पारा
राजस्थान में आज अधिकांश जिलों में पारा सामान्य से नीचे दर्ज हुआ। मौसम केंद्र जयपुर से जारी रिपोर्ट के मुताबिक, चूरू में मंगलवार को अधिकतम तापमान 32.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ, जो यहां के सामान्य तापमान से 4.6 डिग्री नीचे रहा। जैसलमेर में अधिकतम तापमान 35, जोधपुर में 35.8, बीकानेर में 33.8, श्रीगंगानगर में 32.6 और बाड़मेर में 37.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ।
वहीं जयपुर में अधिकतम तापमान 34.5, भीलवाड़ा में 36.2, पिलानी में 33.5, कोटा में 37.6 और उदयपुर में 36 डिग्री सेल्सियस रहा। सबसे ज्यादा गर्मी डूंगरपुर जिले में रही। यहां पारा 37.7 डिग्री सेल्सियस रहा।