जयपुर। राजधानी जयपुर में एक पति 7 कट्टों में पैसे भरकर अपनी पत्नी को तलाक के बाद भरण पोषण की राशि चुकाने के लिए कोर्ट में पहुंचा। कोर्ट में पति के कट्टों में भरकर लाए पैसे देखकर जज के साथ वहां मौजूद सभी लोग हैरान रह गए। पति के लाए पैसे देखकर पत्नी भी चौंक गई और उसने उन पैसे को लेने से मना किया। इसके बाद कोर्ट ने पत्नी को समझाते हुए पैसे लेने को कहा और पति को अगली तारीख को दोबारा पैसे लेकर आने का आदेश दिया।
दरअसल, पति दशरथ कुमावत और उसकी पत्नी सीमा कुमावत का कोर्ट में तलाक का केस चल रहा है। पति दशरथ कुमावत अपनी पत्नी सीमा कुमावत को भरण पोषण की राशि चुकाने के लिए 55 हजार रुपए के सिक्के लेकर कोर्ट में पहुंचा। इतने सारे सिक्के देखकर पत्नी सीमा ने विरोध करते हुए ये पैसे लेने से मना कर दिया। वहीं दशरथ कुमावत ने कहा कि यह भारतीय वैध मुद्रा है और इसे स्वीकार किया जाए। जिसके बाद कोर्ट ने दशरथ कुमावत को अगली तारीख को कोर्ट में सिक्कों गिनती करवाकर एक-एक हजार की थैलियां बनाकर पत्नी को देने का आदेश दिया। कोर्ट ने मामलें में अगली तारीख 26 जून दी है।
दशरथ के वकील रमन गुप्ता ने बताया कि दोनों का मामला पारिवारिक विवाद से जुड़ा हुआ है। करीब 10 साल पहले दशरथ कुमावत की शादी सीमा कुमावत से हुई थी। शादी के 3 से 4 साल बाद ही पति और पत्नी के बीच विवाद शुरू हो गया। इसके बाद पति ने कोर्ट में तलाक के लिए अर्जी दायर कर दी। मामले की सुनवाई के दौरान फैमली कोर्ट ने पति को हर माह पत्नी को भरण पोषण के 5 हजार रुपए देने के आदेश दिया।
पिछले 11 महीने से पति दशरथ कुमावत यह राशि पत्नी सीमा को नहीं दे रहा था। इसके बाद फैमिली कोर्ट ने पति दशरथ के खिलाफ वसूली वारंट जारी कर दिया। इसके बाद भी राशि नहीं चुकाने पर यह गिरफ्तारी वारंट में तब्दील हो गया। जिस पर हरमाड़ा थाना पुलिस ने पति को गिरफ्तार करके कोर्ट में पेश किया। राशि चुकाने पर कोर्ट ने पति को जमानत पर रिहा कर दिया।
जयपुर के फैमिली कोर्ट-1 में यह मामला चल रहा हैं। कोर्ट की छुट्टियां होने की वजह से इस बार मामला लिंक कोर्ट एडीजे-8 जयपुर महानगर-1 में किया गया। यहां पुलिस ने पति को 17 जून को गिरफ्तार करके कोर्ट में पेश किया। उसी दिन परिजन 7 कट्टों में एक व दो रुपए के सिक्के लेकर कोर्ट पहुंचे। इन कट्टो का वजन करीब 280 किलो के आसपास था।
सिक्कों की एक-एक हजार की थैलियां बनाकर दें…
इस पर पत्नी सीमा के अधिवक्ता रामप्रकाश कुमावत ने कहा- यह मानवीयता नहीं है। पति 11 माह से भरण पोषण की राशि नहीं चुका रहा हैं। अब पत्नी को प्रताड़ित करने के लिए 55 हजार के सिक्के लेकर आ गया हैं। इन्हें तो गिनने में ही 10 दिन लग जाएंगे। इस पर कोर्ट ने पति को निर्देश दिए कि वह कोर्ट में ही सिक्कों की गिनती करवाकर एक-एक हजार की थैलियां बनवाएं।
पति पर 75 हजार रुपए अभी भी बकाया…
एडवोकेट कुमावत ने बताया कि पति पर 55 हजार रुपए भरण-पोषण देने के बाद भी 75 हजार रुपए भरण-पोषण भत्ता बकाया चल रहा है।