Historysheeter Niranjan Meena murder case : दौसा। हिस्ट्रीशीटर निरंजन मीना हत्याकांड के विरोध में परिजन व ग्रामीणों का धरना लगातार दूसरे दिन गुरुवार को भी जारी है। सुबह धरने पर बैठी महिलाओं की अचानक तबीयत खराब हो गई। ऐसे में धरना स्थल पर ही महिलाओं के ड्रिप चढ़ाई गई। इधर, 36 घंटे से ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी निरंजन मीना के शव का पोस्टमार्टम नहीं हो पाया है। जिसके चलते हिस्ट्रीशीटर मीना का शव दौसा के जिला अस्पताल की मोर्चरी में रखा हुआ है। वहीं, किसी तरह की अप्रिय घटना नहीं हो, इसके लिए मेहंदीपुर बालाजी में पांच थानों की पुलिस डेरा डाले हुए है।
हिस्ट्रीशीटर निरंजन मीना की हत्या से गुस्साएं परिजन व ग्रामीण बुधवार सुबह मेहंदीपुर बालाजी थाने के सामने धरने पर बैठे गए। परिजनों की मांग है कि जब तक पुलिस आरोपियों को गिरफ्तार नहीं करेगी, तब तक शव का अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा। साथ ही परिजनों की मांग है कि आरोपियों ने पुलिस थाने की जिस जमीन पर अवैध कब्जा कर रखा है, उसे अतिक्रमण मुक्त कराया जाएं। लेकिन, पुलिस दो दिन बाद भी कोई एक्शन नहीं ले पाई है। जिसके चलते गुरुवार को भी धरना-प्रदर्शन जारी है।
धरने की बैठी महिलाओं की तबीयत बिगड़ी
मृतक के परिजन व ग्रामीण मेहंदीपुर बालाजी थाने के सामने टैंट लगाकर धरने पर बैठे हुए है। दो दिन से भूखे प्यासे होने के कारण सुबह कई महिलाओं की अचानक तबीयत बिगड़ गई। जिसके बाद डॉक्टरों की टीम ने धरना स्थल पर ही महिलाओं के ड्रिप चढ़ाई। हालांकि, महिलाओं की हालत अब ठीक बताई जा रही है। लेकिन, ग्रामीणों का साफ कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होगी, तब तक धरना खत्म नहीं करेंगे और ना ही शव का अंतिम संस्कार किया जाएगा।
36 घंटे बाद भी नहीं हो सका शव का पोस्टमार्टम
परिजनों की जिद के चलते हिस्ट्रीशीटर मीना का शव पिछले 36 से दौसा जिला अस्पताल की मोर्चरी में रखा हुआ है। जब तक परिजन मौके पर नहीं पहुंचते, तब तक शव का पोस्टमार्टम भी नहीं हो पाएगा। ऐसे में मेहंदीपुर बालाजी में पांच थानों की पुलिस डेरा डाले हुए है। पुलिस-प्रशासन के अधिकारी धरने पर बैठे लोगों से बार-बार समझाइश कर रहे हैं, लेकिन वो अपनी मांगों पर अड़े हुए है।
ये है पूरा मामला
मेहंदीपुर बालाजी में मीन भगवान मंदिर के पास मंगलवार देर रात बालाजी थाने के हिस्ट्रीशीटर निरंजन मीना उर्फ घुंडा का शव पड़ा हुआ मिला था। परिजनों का आरोप है कि बालाजी थाने के पास ही रहने वाले सीताराम मीना और टोडाभीम निवासी यादराम बैरवा उर्फ रंगा ने हत्या की वारदात को अंजाम दिया है। परिजनों का कहना है कि 2 अगस्त को किसी बात को लेकर निरंजन का यादराम बैरवा से विवाद हो गया था। जिस पर यादराम के साथी सीताराम मीना ने निरंजन को धमकी दी। गुस्से में हिस्ट्रीशीटर निरंजन ने अपने साथियों के साथ मिलकर रात को सीताराम और यादराम पर हमला बोल दिया था।
इस मामले में 3 अगस्त को बालाजी थाने में मामला दर्ज हुआ था। इसके बाद मंगलवार दोपहर को हिस्ट्रीशीटर मीना ने सोशल मीडिया पर लाइव आकर सीताराम को गाली दी थी। इस धमकी का वीडियो भी सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा था। वीडियो में हिस्ट्रीशीटर मीना बांदीकुई-बालाजी के बीच चलने वाली गाड़ियों से वसूली के बारे में कहता दिखाई दे रहा था। साथ ही पिस्टल लहराते हुए सीताराम को जान से मारने की धमकी दे रहा था।
हिस्ट्रीशीटर ने कहा कि था या तो मेरे वाट्सऐप पर मुझसे माफी मांग ले, नहीं तो तुझे और तेरे बाप को गोली मार दूंगा। इस धमकी के 9 घंटे बाद ही हिस्ट्रीशीटर निरंजन मीना का शव मीन भगवान मंदिर के पास मिला था। ऐसे में परिजनों का कहना है कि सीताराम और यादराम ने ही अपने साथियों के साथ मिलकर इस हत्याकांड को अंजाम दिया था। पुलिस संदिग्ध आरोपियों की तलाश में जुटी हुई है। लेकिन, अभी तक दोनों आरोपियों का कहीं पता नहीं चला है।
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