Hijab row: : जयपुर हवामहल से बीजेपी विधायक बालमुकुंद आचार्य के बयान के बाद राजस्थान में हिजाब विवाद पर खूब बवाल हो रहा है। राजस्थान के कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने भी इसका समर्थन किया था। अब शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि स्टूडेंट्स की स्कूलों में तय ड्रेस में ही एंट्री होगी यानी मामला साफ है कि स्टूडेंट्स हिजाब पहनकर स्कूल नहीं आ सकते। उन्होंने कहा कि अगर किसी स्टूडेंट को इससे आपत्ति है तो वह किसी दूसरे स्कूल में जा सकता है, जहां स्कूल ड्रेस में छूट दी जाती है। अगर स्टूडेंट्स स्कूल ड्रेस में नहीं आते हैं तो टीचर के खिलाफ भी कार्रवाई होगी।
स्कूल यूनिफॉर्म में ही होगी एंट्री
शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि हम हिजाब विरोधी नहीं है। मुझे हिजाब से किसी तरह की कोई आपत्ति नहीं है। हमारे देश में हर वक्ति को अपनी पसंद की ड्रेस पहनने का अधिकार है, लेकिन स्कूलों में तय ड्रेस में स्टूडेंट्स को एंट्री दी जाएगी। अगर इससे किसी को आपत्ति हो तो वो अपना स्कूल चेंज कर सकता है, जहां स्कूल ड्रेस में छूट दी जाती हो। स्टूडेंट्स के यूनिफॉर्म में नहीं आने पर छात्र के साथ टीचर भी इसका दोषी होगा और उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।
साइकिल ही नहीं पूरी कांग्रेस ही ‘काली’
शिक्षा मंत्री ने स्कूलों में छात्रों को दी जाने वाली साइकिल, लैपटॉप, टैबलेट के कलर को लेकर भी बात की। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने साइकिल को काला कर दिया, क्योंकि ये सरकार ही काली तो साइकिल भी काली ही होगी। पूरा देश इस समय राममयी हो रहा है। महापुरुषों और भगवान से लेकर सभी के झंडे भगवा थे और सृष्टी ही भगवा से जगमगाती है तो फिर साइकिल काली क्यों। साइकिल का रंग भी बदल जाएगा तो क्या दिक्कत है। शिक्षा मंत्री ने कहा कि अभी तो यह योजना जारी है, लेकिन आगे के लिए मुख्यमंत्री से इस बारे में बात करेंगे।
महात्मा गांधी का किया अपमान
शिक्षा मंत्री ने हिंदी मीडियम स्कूलों को इंग्लिश मीडियम में तब्दील करने के सवाल पर कहा कि हिंदी और संस्कृत की तरह अंग्रेजी का ज्ञान सभी को होना चाहिए। लेकिन स्कूल का नाम बदलकर वहां अंग्रेजी का बोर्ड लटका दें, लेकिन वहां शिक्षक ना हो। वो कोई पशुओं का बाड़ा नहीं, बल्कि ज्ञान का मंदिर है। बच्चें हैं पर न भवन और न शिक्षक है तो ये बच्चों को अंधकार में लाने की कोशिश हो रही है। कांग्रेस ने इंग्लिश स्कूलों को महात्मा गांधी का नाम तो दे दिया, लेकिन उसमें संसाधन नहीं दिए। ये बच्चों के साथ ज्यादती और महात्मा गांधी का घोर अपमान है।