जयपुर। राजस्थान की भजनलाल सरकार लगातार एक्शन मोड में है। इस बीच कमान संभालते ही चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर (Gajendra Singh Khinvsar) ने सरकारी डॉक्टरों को सख्त नसीहत दे डाली है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सरकारी चिकित्सालय में कार्यरत चिकित्सकों का अस्पताल समय के दौरान प्राइवेट प्रैक्टिस करना बेहद गंभीर मामला है और इस बारे में राज्य सरकार जल्द ही सख्त एक्शन लेने वाली है। अस्पताल समय में प्राइवेट प्रैक्टिस करने वाले चिकित्सकों को सस्पेंड तक किया जाएगा। इसकी हम पूरी मॉनिटरिंग कराएंगे।
चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर मंगलवार दोपहर खींवसर से जयपुर जाते वक्त कुचामन पहुंचे थे। इस दौरान पत्रकारों से चर्चा के दौरान मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने कहा कि ड्यूटी के समय कोई भी डॉक्टर अपनी प्राइवेट प्रैक्टिस नहीं करेगा। अगर पाया गया तो उसको सस्पेंड किया जाएगा। मैं किसी तरह का कंप्रोमाइज नहीं करूंगा। सरकार का पैसा लेकर आप ड्यूटी टाइम में निजी प्रैक्टिस नहीं कर सकते। इसे रोकने के लिए मैं फ्लाइंग स्क्वॉड लगाऊंगा और मैं खुद चेकिंग करूंगा। यह बहुत गंभीर विषय है और इस पर एक्शन लूंगा।
बोगस साबित हुई कांग्रेस की चिरंजीवी योजना
चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में चिरंजीवी योजना बोगस साबित हुई है। 5 लाख रुपए का वादा करके अधिकतम 8.50 लाख रुपए ही इलाज कराने वाले मरीजों को दिए गए। लेकिन, आने वाले दिनों में सरकार की आयुष्मान योजना का ज्यादा से ज्यादा लाभ प्रदेश की जनता को मिले, इस पर हम काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि राजस्थान के ग्रामीण इलाकों में चिकित्सा व्यवस्थाएं सुदृढ़ करना हमारा लक्ष्य है। प्रदेश में चिकित्सा सुविधाएं, संसाधन और चिकित्सालय भवन का निर्माण विशेष नीति के तहत किए जाएंगे।
अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाना पहली चुनौती
उन्होंने कहा कि प्रदेश की पिछली सरकार ने राजस्थान को भारी कर्ज में छोड़ा है। ऐसे में अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाना हमारी पहली चुनौती है। हमारी सरकार जल्द ही यह काम पूरा करेगी। इसके लिए वित्त विभाग काम पर लगा हुए है। आरजीएचएस के साथ-साथ अन्य योजनाओं में रुके हुए भुगतान के बारे में भी जल्द फैसला लिया जाएगा।
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