जयपुर। राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट जयपुर के शहीद स्मारक पर अनशन के लिए बैठ रहे हैं। वे यहां मौन धारण कर शाम 5 बजे तक अनशन पर बैठेंगे। धरना स्थल पर पायलट के समर्थक पहुंचना शुरू हो गए हैं। कोटा, बूंदी, अलवर समेत कई जिलों से दर्जनों गाड़ियों में सवार होकर कार्यकर्ता सचिन पायलट का समर्थन करने के लिए यहां आ रहे हैं। पायलट के समर्थकों का दावा है कि इस अनशन में वह ऐतिहासिक भीड़ जुटाएंगे।
रंधावा करेंगे डैमेज कंट्रोल
इधर कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा चंडीगढ़ से कुछ ही देर में जयपुर के लिए रवाना होंगे। यहां वे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा से बातचीत करेंगे। संभावना है कि वह पायलट से भी बातचीत करेंगे, क्योंकि इस समय जो राजनीतिक उठापटक चल रही है उसका डैमेज कंट्रोल रंधावा के हाथ में ही हैं।
पार्टी विरोधी गतिविधि है पायलट का अनशन
गौरतलब है कि सुखजिंदर सिंह रंधावा ने देर रात बयान जारी करते हुए कहा था कि सचिन पायलट का आज दिन भर का अनशन पार्टी के हितों के खिलाफ है और पार्टी विरोधी गतिविधि है। अगर अपनी ही सरकार के साथ उनकी कोई समस्या है तो मीडिया और जनता के वजह पार्टी के प्लेटफार्म पर चर्चा की जा सकती है। मैं पिछले 5 महीनों से एआईसीसी प्रभारी हूं लेकिन पायलट ने अब तक मुझे कभी इस मुद्दे के बारे में नहीं बताया। ना ही मुझसे कोई चर्चा की।
मैं उनके साथ संपर्क में हूं और अभी भी उनसे शांतिपूर्ण ढंग से बातचीत करने की अपील करता हूं, क्योंकि वह निर्विवाद रूप से कांग्रेस पार्टी के एक मजबूत स्तंभ है एक असेट हैं। बीती देर रात सचिन पायलट को लेकर दिल्ली में भी बड़ी बैठक हुई थी। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के आवास पर हुई इस मीटिंग में खड़गे, राहुल गांधी और जयराम रमेश भी मौजूद थे।
अनशन के बाद आज ही पार्टी छोड़ने का ऐलान करें पायलट – बेनीवाल
वहीं सचिन पायलट को लेकर RLP अध्यक्ष हनुमान बेनीवाल ने आज फिर एक बड़ा बयान दे दिया है। उन्होंने कहा है कि सचिन पायलट इस अनशन के बाद कांग्रेस पार्टी को छोड़ने का ऐलान करें और वह यह कहना बंद करें कि वह कांग्रेसी हैं। पायलट को मैदान में मोर्चा खोलना चाहिए। वह हमारे साथ मिल जाएं, हम मिलकर चुनाव लड़ सकते हैं। वे नई पार्टी बना लें।
बेनीवाल ने कहा कि यही समय है कुछ नया करने का, फिर दो-तीन महीने बाद चुनाव हैं, जनता खुद ही मन बना लेती है बदलाव का। उन्होंने कहा कि पायलट ने जो वसुंधरा सरकार पर आरोप लगाए हैं उसके लिए कार्रवाई जरूरी है और कार्रवाई करने के लिए सत्ता में आना जरूरी है। इसलिए मैं बार-बार कहता हूं कि सचिन पायलट नई पार्टी बनाएं और अगर नहीं बनाएं तो और किसी दूसरी पार्टी में जाएं जहां उन्हें समझ में आता है।
चुनाव के ठीक 6 महीने पहले घोटाले का जिन्न कहां से आया – राठौड़
इधर नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि सचिन पायलट इतने साल विधानसभा में रहे। अब विधानसभा के सभी बजट सत्र खत्म हो गए हैं लेकिन इस दौरा एक शब्द अगर उन्होंने बोला होता तो मैं मानता। क्योंकि विधानसभा ही तो लोकतंत्र का मंच है। वे उपमुख्यमंत्री रहे, कैबिनेट की बैठक में प्रस्ताव लाकर बात करते। अब क्योंकि सितंबर के आखिरी सप्ताह में आचार संहिता आ जाएगी। छह-सात महीने पहले इस तरह का आरोप लगाना क्या सिद्ध करता है।
मैं उनसे सवाल करता हूं कि उनकी चुप्पी क्या सिद्ध करती है कि आखिर 4 साल 4 महीने तक चुप क्यों रहे। अचानक यह भ्रष्टाचार का जिन्न कहां से ले आए। वह गहलोत सरकार में कोयले खरीद के घोटाले की बात करते, महंगी बिजली खरीद घोटाले की बात करते, टीएडी के अंदर फर्नीचर घोटाले के नाम पर जिस तरह जनजाति बजट का दुरुपयोग किया गया उसकी बात करते।
नेताओं ने बयान दिया तो मामला बड़ा हुआ- खाचरियावास
वहीं सचिन पायलट का कांग्रेस के मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने समर्थन किया है। उन्होंने कहा है कि पायलट तो अपनी बात कह रहे हैं और लोकतंत्र में सबको अपनी बात कहने का हक है। वह अपना काम कर रहे हैं। सरकार और जो हमारे पॉलीटिकल लीडर है, उन्होंने उस पर बयान दे दिया तभी यह मामला बड़ा हुआ है।