अजमेर। राजस्थान के अजमेर रेलवे स्टेशन पर रामेश्वरम ट्रेन के पार्सल कोच में साधु के ब्लाइंड मर्डर का जीआरपी थाना पुलिस ने 24 घंटे से पहले पर्दाफाश कर दिया। पुलिस ने हत्या के आरोप में दो साधुओं को गिरफ्तार किया है। हत्यारों ने शराब के नशे में हुई कहासुनी को लेकर मौत के घाट उतारने की बात कबूल की है। जीआरपी के एएसपी नरेन्द्र प्रताप सिंह ने बताया कि रामेश्वर से चलकर अजमेर पहुंची ट्रेन के लगेज कोच में साधु का शव पड़ा होने की लोडर ने सूचना दी थी। जिसके बाद जांच की गई और कोच के ड्राइवर से पूछताछ की तो उसने बताया कि भीलवाड़ा से भागते हुए तीन चार-साधु कोच में चढ़े थे।
इसके बाद सिंगावल और झड़वासा में क्रॉसिंग के चलते ट्रेन रूकी भी थी। ऐसे में भीलवाड़ा रेलवे स्टेशन से फुटेज मंगवाए गए, साथ ही नसीराबाद जीआरपी चौकी व जिला पुलिस का सहयोग लेकर बदमाशों की तलाश करवाई गई। जिसमें सामने आया कि उक्त बदमाश कल्पना ट्रेवल्स की बस में बैठकर भागने की फिराक में है। पुलिस ने किशनगढ़ में नाकाबंदी कर साधु के वेश में बस में सवार दोनों हत्यारों को गिरफ्तार कर लिया है।
एएसपी नरेन्द्र प्रताप सिंह ने बताया कि दोनों से पूछताछ की गई तो बताया कि तीनों साथ ही नाथ सम्प्रदाय के यज्ञ में शामिल होने गए थे। वहां से आकर उन्होंने भीलवाड़ा में शराब का सेवन किया। इसके बाद शराब लेकर ट्रेन में चढ़े। तीनों ने ट्रेन के लगेज कोच में भी शराब का सेवन किया। इसी दौरान उनके आपस में कहासुनी हो गई। जिसके चलते वृद्ध साधु रामदिया के सिर के पीछे कनपटी पर डंडे से चोट मारी गई और कान के पीछे चाकू से वार किया गया। जिसके बाद रामदिया लहुलुहान हो गया था।
आरोपियों का खून देखकर उतर गया नशा…
खून देखने के बाद दोनों का नशा भी उतर गया और वह ट्रेन से जैसे-तैसे उतरकर भागने की फिराक में थे। इसी दौरान सिंगावल में ट्रेन क्रॉसिंग के लिए रूकी तो दोनों उतरकर हाईवे तक पहुंचे। इसके बाद दोनों आरोपी कल्पना ट्रेवल्स की बस में जयपुर के लिए सवार हुए। आरोपियों ने पुलिस को बताया कि जयपुर से हरियाणा भागने का उनका मानस था, लेकिन पुलिस ने उन्हें पहले ही दबोच लिया। पकड़े गए हत्यारों में संजय कांकडौली हरियाणा का रहने वाला है और घनश्याम उर्फ योगी छत्तीसगढ़ निवासी है। दोनों को अपने किए पर अब पछतावा हो रहा है।
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इस टीम का रहा विशेष योगदान…
एएसपी नरेन्द्र प्रताप सिंह ने बताया कि इस ब्लाइंड मर्डर का पर्दाफाश करने में जीआरपी थानाप्रभारी मनोज चौहान, एएसआई भगवान सिंह, हेडकांस्टेबल संजय सिंह, गिरधारी सिंह, भवानी सिंह, भंवर लाल, रमेशचंद, कांस्टेबल मानसिंह, सुमेरचंद, अनिल कुमार, रूद्रप्रताप सिंह, जावेद, किरण सिंह, तेजपाल, अलीरजा, किशनगढ़ शहर थाने के एएसआई गोविन्द राम, कांस्टेबल किशनाराम सहित अन्य का विशेष योगदान रहा।