नई दिल्ली। राजस्थान में कांग्रेस मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की जन कल्याणकारी योजनाओं को प्रमुख मुद्दा बना चुनाव में जाएगी। राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे जल्द ही राजस्थान कांग्रेस के नेताओं के साथ बैठक कर दिशा-निर्देश देंगे। बैठक के पहले एक जुलाई को होने की संभावना थी, लेकिन प्रशिक्षण शिविर के चलते बाद में होने के संकेत मिल रहे हैं।
दो दिन से दिल्ली में राजस्थान के नेताओं की प्रमुख नेताओं के साथ हुई बैठक में यही तय हुआ कि मुख्यमंत्री गहलोत और प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा की अगुवाई में पार्टी चुनाव में जाएगी और दोनों नेता अपना संयुक्त अभियान भी जारी रखेंगे। आलाकमान दोनों नेताओं की तरफ से चलाए गए महंगाई राहत कैंप अभियान से काफी खुश हैं। इसी तरह के अभियान दूसरे चुनाव वाले राज्यों में चलाने को कहा जा रहा है।
पायलट आदि को केंद्रीय संगठन में करेंगे एडजस्ट
राजस्थान में सरकार और संगठन के बीच बने तालमेल की दिल्ली में भी चर्चा है। हालांकि इस तालमेल को तोड़ने की कुछ नेताओं ने कोशिश जरूर की, लेकिन आलाकमान ने कोशिशों को दरकिनार कर अब केवल सरकार रिपीट कराने की रणनीति पर फोकस किया हुआ है। साल 2020 में पार्टी तोड़ने की कोशिश कर चुके सचिन पायलट समेत कुछ नेताओं को केंद्रीय संगठन में होने वाले फेरबदल में एडजस्ट किया जा सकता है। मुख्यमंत्री गहलोत की योजनाओं ने दूसरे राज्यों को भी ताकत दी है। अब इन्हीं योजनाओं को प्रमुख आधार बना मध्यप्रदेश कांग्रेस भी चुनाव में जा रही है।
गहलोत की योजनाओं से बीजेपी परेशान
आलाकमान मानता है कि गहलोत की योजनाएं कांग्रेस के लिए गेम चेंजर साबित हो रही है। इसमें कोई दो राय नहीं है कि 2020 में बीजेपी के आपरेशन लोटस को असफल करने के बाद सीएम गहलोत ने पहले राज्य को कोरोना जैसी महामारी से बचाया, जिसकी तारीफ देश विदेश में हुई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी राजस्थान के कोरोना प्रबंधन की तारीफ की थी। इसके बाद ओपीएस, चिरंजीवी, 100 यूनिट बिजली मुफ्त जैसी तमाम योजनाएं लाकर गहलोत ने बीजेपी को परेशानी में डाल दिया।
ये खबर भी पढ़ें:- फिर खुलकर सामने आई भाजपा नेताओं की गुटबाजी, राजनाथ के सामने ही पूर्व विधायक से छीन लिया माइक
चुनावों में कांग्रेस पड़ी भारी
गहलोत और डोटासरा की जोड़ी ने बीते तीन साल में 6 में से 5 विधानसभा चुनाव जितवाए। पार्टी ने 4 में से 3 राज्यसभा चुनाव जीते। वहीं, 182 पंचायत समितियों में कांग्रेस के बोर्ड बनवाकर प्रधान बनाए, जबकि बीजेपी सिर्फ 139 में ही अपने बोर्ड बनवा पाई। तीन साल में हुए नगर निगम चुनाव में 6 में 4 जगह कांग्रेस के मेयर बने। वहीं, निकाय चुनाव में भी कांग्रेस का प्रदर्शन शानदार रहा।
राहुल गांधी ने भी की थी तारीफ
राजस्थान में सफल भारत जोड़ो यात्रा की राहुल गांधी ने खुद तारीफ की। उन्होंने ही बगावत करने वाले सचिन पायलट को बर्खास्त कर डोटासरा को अध्यक्ष बनाया था। इसलिए आलाकमान गहलोत और डोटासरा की जोड़ी के भरोसे राजस्थान में सरकार रिपीट होने की पूरी उम्मीद कर रहा है।
ये खबर भी पढ़ें:-जरा सोचिए सरकार! अस्पतालों में इलाज, दवा, जांच ‘सब फ्री’ तो पार्किंग शुल्क वसूली क्यों?