जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत आज SMS मेडिकल कॉलेज के प्लैटिनम जुबली सेलिब्रेशन में शामिल हुए। उन्होंने यहां पर कॉलेज की स्मारिका का विमोचन किया और कई डॉक्टर्स को सम्मानित किया। यहां उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित भी किया।
कोरोना में एसएमएस ने दिखाई अपनी क्षमता
उन्होंने कहा कि 75 सालों में SMS मेडिकल कॉलेज का सफर शानदार रहा, यह देशभर के प्रतिष्ठित मेडिकल संस्थानों में से शामिल है। ये हम सभी के साथ ही उन चिकित्सकों के लिए भी गौरव का पल है। जो यहां से पढ़ाई करके गए। कोरोना काल में जिस तरह से SMS के डॉक्टर्स ने अपनी जान की बाजी लगाकर लोगों को जीवन दिया। कठिन परिस्थितियों में भी वह इतनी बड़ी संख्या में लोगों का इलाज करने के लिए सक्षम है।
शिक्षा और चिकित्सा हमारी पहली प्राथमिकता
सीएम ने कहा कि हमारी सरकार में हमने कई मेडिकल कॉलेज खोल दिए हैं, मेडिकल कॉलेज खोलना आसान है, लेकिन फेकल्टी और स्टाफ लगाना बड़ी चुनौती है। फिर भी हमने इस चुनौती को स्वीकार किया, जल्द ही हर जिले में मेडिकल कॉलेज व नर्सिंग कॉलेज होंगे। शिक्षा और चिकित्सा हमारी पहली प्राथमिकता है, हमारी योजना के तहत हम 500 से अधिक प्रतिभाशाली बच्चों को विदेश में भेज रहे हैं।
राइट टो हेल्थ कोई कॉमर्शियल काम नहीं
चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना को लेकर सीएम ने कहा कि चिरंजीवी योजना देश में मील का पत्थर साबित होगी, हम राइट टू हेल्थ बिल भी लेकर आ रहे, लेकिन कुछ निजी डॉक्टर्स इस का विरोध कर रहे, उन्हें आप लोगों को समझाना चाहिए, क्योंकि यह प्रोफेशन कमर्शियल नहीं है, सेवा है। मुझे उम्मीद है कि जल्द ही विरोध करने वाले चिकित्सक भी समझ जाएंगे।
अब बने सोशल सिक्योरिटी का एक्ट
सीएम ने कहा मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर्स से कहा कि आप एक संस्था से जुड़े हुए हैं, जो संस्था इतिहास बना चुकी, 75 वर्ष का सफर करके हम यहां पहुंचे, कोरोना के अंदर SMS ने अलग पहचान बनाई, पूरे देश में इतना शानदार काम नहीं हुआ।
सीएम ने सोशल सिक्योरिटी को लेकर कहा कि हमने अपने बजट में सोशल सिक्योरिटी को जगह दी है लेकिन मैं चाहता हूं कि यह एक्ट के रूप में भारत में लागू हो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मैंने इसे राष्ट्रीय योजना घोषित करने की मांग की थी अब अगर इसका एक्ट बनेगा तो इसका फायदा बहुत सारे जरूरतमंदों को होगा यूपीए की सरकार में मनमोहन सिंह जी ने देश को राइट टू एजुकेशन राइट टू इन्फॉर्मेशन जैसे एक्ट दिए। अब देखना है कि यह सरकार राइट टू सोशल सिक्योरिटी की बात मानती है या नहीं।