प्रदेश को भय मुक्त बनाने से लेकर मोदी गारंटी लागू करने तक, CM भजन लाल शर्मा की क्या रहेगी प्राथमिका?

राजस्थान 15 दिसंबर को भजन लाल शर्मा सीएम पद की शपथ लेगें। राजस्थान में बीजेपी सरकार बनने क से पहले कई भाजपा द्वारा कई बड़ी गांरटियों का जिक्र किया गया था। इसी के साथ राज्य में पहले से गहलोत सरकार के राज में कई योजनाओं का भार पहले से ही राज्य कोष पर है।

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Rajasthan CM Bhajan Lal Sharma: राजस्थान 15 दिसंबर को भजन लाल शर्मा सीएम पद की शपथ लेगें। राजस्थान में बीजेपी सरकार बनने क से पहले कई भाजपा द्वारा कई बड़ी गांरटियों का जिक्र किया गया था। इसी के साथ राज्य में पहले से गहलोत सरकार के राज में कई योजनाओं का भार पहले से ही राज्य कोष पर है। ऐसे में अब नये मुख्यमंत्री से प्रदेश की जनता को नई आशा है। प्रदेश के नये मुख्यमंत्री के सामने राह भी आसान नहीं रहने वाली है। सीएम की गद्दी पर बैठने के साथ ही कई चुनौतियों का सामना भजन लाल शर्मा को करना पड़ सकता है।

प्रदेश के ऊपर भारी कर्जा

आरबीआई की एक रिपोर्ट में सामने आया है कि 2022-23 में राजस्थान पर कर्ज बढ़कर 537013 करोड़ हो गया है। अप्रैल से अगस्त तक राज्य सरकार 12288 करोड़ रुपये का कर्ज ले चुकी है। पिछले साल यह आंकड़ा 45809 करोड़ रुपये था। इसके अलावा आरबीआई की ओर से वित्त विभाग को सीमा से अधिक कर्ज न लेने की चेतावनी भी जारी की गई है। राज्य ने तीन तिमाहियों में तय सीमा से ज्यादा कर्ज लिया है। अब नए सीएम भजन लाल शर्मा के सामने सबसे बड़ी चुनौती तो प्रदेश को कर्ज से निकालने की है।

OPS को लेकर क्या रहेगा रुख

राज्य में बढ़ते हुए कर्ज के पीछे का बढ़ा कारण सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का माना जा रहा है। चुनाव से पहले पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत हर महीने 200 यूनिट और किसानों को 2 हजार यूनिट बिजली मुफ्त, चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना और बढ़ी हुई वृद्धावस्था पेंशन के कारण सरकार पर भारी दवाब है।

कानून व्यवस्था को लेकर खड़े किए सवाल

भाजपा ने विपक्ष ने रहते हुए प्रदेश की कानून व्यवस्था पर बड़े सवाल खड़े किए है। प्रदेश में बढ़ता महिला अत्याचार का मुद्दा भी सरकार के लिए बड़ी चुनौती बन सकता है। इस लिए नये मुख्यमंत्री की प्राथमिकता रहेगी कि कैसे प्रदेश में कानून के राज को स्थापित कर पाएंगे।

पेट्रोल-डीजल की कीमतें कम करने का वादा

पूरे देश में आज सबसे ज्यादा पट्रोल डीजल की कीमत राजस्थान में है। इस मुद्दे को लेकर बीजेपी कांग्रेस को चुनाव में भी घेरती नजर आई थी। अब अगर राजस्थान में बीजेपी पट्रोल डीजल की कीमत में कमी करती है तो उसे बीजेपी राज्यों के स्तर पर 10 से 11 रुपये कम करने पड़ेगे। प्रदेश के राजकोष की खस्ता हाल स्थिति में इस तरह का निर्णय करना बीजेपी के लिए चुनौती पूर्ण रह सकता है।