जयपुर। राजस्थान में होने वाले विधानसभा चुनाव की सरगर्मियां तेज हो गई। ऐसे में कांग्रेस-बीजेपी सहित अन्य राजनीतिक दलों के नेताओं ने पूरी तरह कमर कस ली है। लेकिन, चुनावी शक्ति प्रदर्शन को लेकर जब ‘सच बेधड़क’ के संवाददाता ने सवाल किया तो पूर्व मंत्री देवी सिंह भाटी बुरी तरह भड़क गए। पूर्व मंत्री भाटी को ‘सच बेधड़क’ के सवाल इस कदर चुभे की उन्होंने खुलेआम संवाददाता को ही धमकी दे डाली। देवी सिंह भाटी ने कहा कि कंठ पकड़कर यही लंबा कर दूंगा, किसी के भरोसे रहे हो। चुनाव आ गया है तो क्या मैं चुनाव के हिसाब से बोलता हूं। बकवास करते हो..क्या इस तरीके की बातें करते हुए शर्म नहीं आती? मैं चुनाव से वोट से तौलता हूं, अपने काम को। आग लगा दूंगा ऐसी बात की तो। दिखा देना, जहां दिखाना है। नेता के इस रैवये की हर कोई निंदा कर रहा है। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल ये है कि अगर एक नेता ही पत्रकारों को तरह धमकी देगा तो फिर आम जनता का क्या होगा?
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दरअसल, पूर्व मंत्री देवी सिंह भाटी सड़कों की खराब हालत को लेकर पीडब्ल्यूडी ऑफिस के सामने विरोध-प्रदर्शन कर रहे थी। भाटी ने खस्ताहाल सड़कों को लेकर पीडब्ल्यूडी अधिकारियों से कहा कि अगर समय रहते सड़कों की हालत नहीं सुधरी तो उग्र प्रदर्शन किया जाएगा। तभी भीड़ में मौजूद पूर्व मंत्री भाटी से ‘सच बेधड़क’ के बीकानेर ब्यूरो चीफ श्याम मारू ने सवाल कि ये चुनावी साल है, ऐसे में क्या इसे चुनावी शक्ति प्रदर्शन माना जाए। जिस पर पूर्व मंत्री भाटी बुरी तरह भड़क गए और आग लगा देने की धमकी तक दे डाली।
पूर्व मंत्री भाटी ने कहा-लंबा कर दूंगा
चुनावी शक्ति प्रदर्शन के सवाल पर 77 साल के देवी सिंह भाटी ने सच बेधड़क के संवाददाता को धमकी देते हुए कहा कि कंठ पकड़कर यही लंबा कर दूंगा, किसी के भरोसे रहे हो। चुनाव आ गया है तो क्या मैं चुनाव के हिसाब से बोलता हूं। बकवास करते हो..क्या इस तरीके की बातें करते हुए शर्म नहीं आती? मैं चुनाव से वोट से तौलता हूं, अपने काम को। आग लगा दूंगा ऐसी बात की तो। दिखा देना, जहां दिखाना है।
कांग्रेस ने कहा-लोकतंत्र का अपमान बर्दाश्त नहीं
भाटी की धमकी पर कांग्रेस प्रवक्ता आरसी चौधरी ने कहा कि पत्रकार एक व्यक्ति नहीं होता है, वो लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है। वो जनता की आवाज को नेताओं तक पहुंचाता है। पत्रकार का नेता और सरकारी अफसरों से सवाल पूछने का अधिकार है। ऐसे नेताओं पर कार्रवाई होनी चाहिए। लोकतंत्र का अपमान किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं है।
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कौन है देवी सिंह भाटी?
देवी सिंह भाटी बीकानेर के दिग्गज नेताओं में शुमार है और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के करीबी माने जाते हैं। साल 1980 से लगातार सात बार विधायक रहे हैं। भाटी को पहली बार राजनीति में माणक चंद सुराणा लेकर आए थे। देवी सिंह भाटी तीन बार मंत्री रह चुके हैं। भैरों सिंह शेखावत की सरकार में मंत्री रहते हुए आईएएस पीके सिंह के थप्पड़ मारने के मामले के तूल पकड़ लेने के बाद भाटी को मंत्री पद छोड़ना पड़ा था। देवी सिंह भाटी ने जाटों को आरक्षण देने के विरोध में साल 2003 में अपनी अलग पार्टी सामाजिक न्याय मंच का गठन करते हुए विधानसभा चुनाव लड़ा। इस चुनाव में देवी सिंह भाटी तो जीत गए। लेकिन उनके सारे प्रत्याशी हार गए थे।
वसुंधरा राजे से भाटी के मतभेद भी रहे हैं। लेकिन बाद में वे वसुंधरा राजे के करीबी हो गए। भाटी के पुत्र महेंद्र सिंह भाटी 1996 में सांसद बने। 2003 में सड़क दुर्घटना में महेंद्र सिंह का निधन हो गया। बेटे की असमय मौत ने देवी सिंह भाटी को तोड़ दिया। साल 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले मार्च में पूर्व मंत्री भाटी ने केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल को लोकसभा चुनाव में टिकट देने पर नाराजगी जाहिर करते हुए बीजेपी छोड़ दी थी। पिछले साल अक्टूबर में भाटी ने वसुंधरा राजे के बीकानेर दौरे पर बीजेपी में आने का खुद ही ऐलान कर दिया था। लेकिन, बाद में बीजेपी ने इसे अनुशासनहीनता के तौर पर देखा। इसके बाद भाटी की बीजेपी में वापसी को ठंडे बस्ते में डाल दिया।