जयपुर। राजस्थान विद्युत तकनीकी कर्मचारी एसोसिएशन के तत्वावधान मेें राजस्थान राज्य के विद्युत निगम के कर्मचारियों ने गुरुवार को अपनी मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान बिजली कर्मियों ने प्रदेश सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि सात दिन में ओपीएस में सुधार करें, वर्ना बड़ा आंदोलन किया जाएगा।
विद्युत भवन के सामने प्रदर्शन में आरवीयूएनएल, आरवीपीएनएल, जेवीवीएनएल, एवीवीएनएल और जेडीवीवीएनएल के कर्मचारी शामिल हुए। एक दिवसीय सांकेतिक धरने में पांचों कंपनियों के हजारों की संख्या में तकनीकी सहायकों ने एवं हेल्परों ने भाग लिया।
खामियां सुधार कर राज्य कर्मियों के अनुसार कर देंगे
प्रदर्शन के बाद एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष पृथ्वीराज गुर्जर के नेतृत्व में 6 सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल ने प्रमुख शासन सचिव भास्कर ए सावंत से सचिवालय में वार्ता की। वार्ता में मंडल ने सचिव को 13 सूत्री मांग पत्र सौंपा। प्रमुख शासन सचिव ने कहा कि वर्तमान में ओपीएस में कुछ खामियों को सुधार करके शीघ्र राज्य सरकार के कर्मचारियों के अनुसार कर दी जाएगी।
आगामी दिनों में तीनों वितरण कं पनियों को एक करने की योजना बनाई जा रही है। जयपुर की तर्ज पर अजमेर और जोधपुर में भी डेट ऑफ जॉइनिंग से 240 एवं 2800 ग्रेड पे फिक्सेशन शीघ्र किया जाएगा। ए पार्टी टीम एवं जीएसएस संचालन में ठेकेदार मुक्त कर शीघ्र भर्ती कर उन्हें स्थाई किया जाएगा।
विद्युत कर्मचारियों की ये हैं प्रमुख मांग
-पुरानी पेंशन योजना का विकल्प चुनने वाले राजस्थान राज्य के विद्युत निगमों के कार्मिकों के पेंशन निधि खातों (ईपीएस योजना-1995) में जमा हुए नियोक्ता अंशदान की कुल राशि/फण्ड को चक्रवृत्ति ब्याज सहित विधुत निगम कार्मिकों से वसूलने की कार्रवाई को तत्काल रोका जाए। -छत्तीसगढ़ की तर्ज पर राजस्थान ऊर्जा विभाग का गठन किया जाए।
-विद्युत निगमों में दिसंबर 2015 में हुई टूल डाउन हड़ताल से पीड़ित प्रसारण निगम के कर्मचारियों के विरुद्ध की गई समस्त दमनात्मक कार्रवाई को निरस्त करवाया जाए।
-नए के डर का ऑप्शन ले चुके टेक्नीकल हेल्पर कर्मचारियों के 2400 एवं 2800 ग्रेड पे फिक्सेशन डेट ऑफ जॉइनिंग से किए जाएं।
-हेल्पर द्वितीय की ग्रेड पे1750 या 1850 से बढ़ाकर 2000 की जाए या स्केल नं.4 दी जाए।
-आरजीएचएस स्कीम को विधुत निगमों में भी राज्य सरकार के अन्य विभागों के समान तरीके से लागू किया जाए।
-निगम के बिजली कर्मचारियों को अति आवश्यक सेवाओं के विभाग और भारतीय रेलवें की भांति हार्ड ड्यूटी अलॉउन्स राशि दिलवाई जाए एवं बिजली कर्मचारियों के लिए बिजली फ्री की जाए।
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