बड़े भाई का खौफनाक चेहरा, छोटे भाई को सुपारी देकर कार से कुचलवा दिया…नशे की आदत से था परेशान

वह नशे में इतना पालग हो गया था कि आए दिन नशे के इंजेक्शन लगाता था…मैंने और पूरे परिवार ने कई बार उसे समझाया, लेकिन उस पर हमारी बातों का कोई असर नहीं हुआ…

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जयपुर। मैं जयपुर के एक हॉस्पिटल में प्राइवेट जॉब करता हूं…इसके अलावा आय का कोई दूसरा स्त्रोत नहीं है…घर में दोनों भाइयों के अलावा मेरी पत्नी, बच्चे और बुजुर्ग माता-पिता रहते हैं…बुजुर्ग माता-पिता का भी इलाज मुझे ही करवाना पड़ता है। छोटे भाई की शादी हुई हुई थी कि वह नशे का आदी हो गया… वह रोजाना एक से दो हजार रुपए नशे के लिए खर्च कर देता था…वह नशे में इतना पालग हो गया था कि आए दिन नशे के इंजेक्शन लगाता था…मैंने और पूरे परिवार ने कई बार उसे समझाया, लेकिन उस पर हमारी बातों का कोई असर नहीं हुआ…वह न तो कोई काम करता था और न घर की कोई जिम्मेदारी समझता था…पैसे नहीं देने पर गांव में चोरियां भी कर लेता था। हारकर मुझे उसकी हत्या करवानी पड़ी। यह कहते हुए एक भाई चुप हो गया। उसने अपने छोटे भाई की हत्या करवाने की बात कबूल की।

दरअसल, 14 दिन पहले पुलिस को सड़क पर एक शव मिला। पुलिस ने शुरूआत जांच में पहले तो यह सड़क हादसा माना, लेकिन जब पोस्टमार्टम की रिपोर्ट आई तो युवक की हत्या कर शव को फेंकने की बात सामने आई। पुलिस ने अब युवक की हत्या के मामले में पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है।

पुलिस ने मृतक के बड़े भाई और दोस्त को उसकी हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया है। भाई ने ही दोस्त के साथ मिलकर डर और तंगी से परेशान होकर छोटे भाई हत्या की प्लानिंग रची। हत्या की प्लालिंग के तहत बड़े भाई ने बदमाशों को सुपारी दी, पहले गाड़ी से कुचलकर उसकी हत्या कर दी। फिर हादसा दिखाने के लिए उसके शव को सड़क पर छोड़ दिया। फिलहाल, पुलिस इस मामले में हत्या के लिए बुलाए बदमाशों की तलाश में जुटी है।

जयपुर साउथ के डीसीपी योगेश गोयल ने बताया कि 26 अगस्त को सुबह एक अज्ञात व्यक्ति का शव जयपुर के गोपीरामपुरा रोड पर पड़ा मिला। उसके दाएं हाथ पर केएमसी लिखा था। इसके आधार पर मृतक की पहचान कृष्ण मोहन उर्फ गणेश चौधरी (30) पुत्र रामप्रसाद चौधरी के रूप में हुई। मृतक कृष्ण मोहन निमोडिया चाकसू का रहने वाला था। उसके कपड़े शरीर से अलग-अलग जगहों पर पड़े थे। शरीर पर चोट के निशान भी थे। पुलिस को मृतक के शरीर में चोट के निशान से शक हुआ कि युवक की हत्या की गई है। पुलिस ने घटनास्थल पर साक्ष्य जुटाने के लिए एफएसएल टीम को बुलाकर सबूत जुटाए गए। पुलिस ने महात्मा गांधी हॉस्पिटल में पोस्टमॉर्टम करवाकर शव परिजनों को सौंप दिया।

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पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में हुआ हत्या का खुलासा…

वहीं घटना के बाद मृतक के बड़े भाई हनुमान प्रसाद चौधरी की शिकायत दर्ज करवाई। पुलिस को पहले की शक हो गया था कि यह रोड एक्सीडेंट नहीं है। फिर भी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने पर पुलिस का शक हकीकत में बदल गया। डॉक्टरों ने पुलिस को बताया कि मृतक के शरीर पर 4 गंभीर चोट हैं। 2 चोट एक्सीडेंट की वजह से आई। जबकि 2 चोट किसी वाहन के अलग-अलग एंगल से बॉडी पर चढ़े टायरों के कारण आई है। पुलिस ने बताया- वाहन से टक्कर मारने के बाद उसकी बॉडी पर टायरों से रौंदकर युवक की हत्या की गई। रोड एक्सीडेंट दिखाने के लिए प्लानिंग के तहत ऐसा किया गया।

पुलिस को बड़े भाई पर हुआ शक, फिर हुआ खुलासा…

शिवदासपुरा थानाधिकारी दौलतराम ने बताया कि मृतक नशे का आदी था। उसके खिलाफ चोरी के मामले दर्ज थे। पुलिस ने जब मामले की जांच की तो मृतक के बड़े भाई हनुमान प्रसाद के व्यवहार को देखकर डीएसटी के हैड कांस्टेबल राम सिंह को शक हो गया।

बार-बार पूछताछ के लिए बुलाने पर भी आनाकानी करने लगा। दबाव बनाकर बुलाकर सख्ती से पूछताछ में उसने छोटे भाई गणेश की दोस्त विजय कुमार के साथ मिलकर हत्या करना कबूल किया।

पुलिस ने हत्या के आरोप में बड़े भाई हनुमान प्रसाद चौधरी (32) निवासी निमोडिया चाकसू और दोस्त विजय कुमार शर्मा (31) पुत्र शंकर लाल शर्मा निवासी पीपलू टोंक को गिरफ्तार किया।

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तंगी से पूरी तरह टूट चुका था…

पुलिस की पूछताछ में आरोपी हनुमान प्रसाद ने बताया कि वह महात्मा गांधी हॉस्पिटल में प्राइवेट जॉब करता है। उसका छोटे भाई गणेश की हाल ही में शादी हुई थी। शादी के बाद वह नशे का इतना आदी हो गया था कि रोज एक-दो हजार रुपए खर्च कर देता था। नशे के इंजेक्शन लगाता था। पैसे नहीं देने पर गांव में चोरियां भी कर लेता था और बुजुर्ग माता-पिता और उसके साथ मारपीट करता था। कई बार तो कुल्हाड़ी लेकर जान से मारने की धमकियां देता था। डर के मारे रात को परिवार कमरे को अंदर से बंद कर सोता था। डर-तंगी से परेशान होकर छोटे भाई की हत्या करना ही आखिरी रास्ता दिखा। आरोपी हनुमान प्रसाद ने हॉस्पिटल में साथ काम करने वाले अपने साथी विजय कुमार शर्मा को अपनी परेशानी बताई।

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महीनेभर से कर रहे थे हत्या की प्लानिंग…

हनुमान चौधरी अपने दोस्त विजय कुमार शर्मा के साथ मिलकर कृष्ण मोहन की हत्या की प्लानिंग कर रहे थे। करीब एक महीने से वह छोटे भाई कृष्ण मोहन की हत्या की फिराक में थे। कृष्ण मोहन की हत्या करने के लिए उन्होंने बदमाशों को हायर किया। बदमाशों के साथ मिलकर छोटे भाई कृष्ण मोहन की हत्या की साजिश रची। इसके बाद 25 अगस्त की देर रात को जब कृष्ण मोहन नशे में घर लौट रहा था। तभी प्लानिंग के तहत बदमाशों से स्कॉर्पियों गाड़ी से कृष्ण मोहन को टक्कर मारकर रोड पर गिरा दिया। इसके बाद उसकी बॉडी पर टायर चढ़ाकर हत्या कर फरार हो गए। पुलिस ने युवक की हत्या के आरोप में उसके बड़े भाई और दोस्त को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं फरार बदमाशों की तलाश कर रही है।

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