जयपुर। राजधानी जयपुर के बहुचर्चित दुष्यंत शर्मा हत्याकांड की आरोपी प्रिया सेठ और उसके दो दोस्त दीक्षांत कामरा और लक्ष्य वालिया को डीजे कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। गुरुवार को कोर्ट ने तीनों अभियुक्तों को दोषी करार दिया था। प्रिया सेठ सहित तीनों पर दुष्यंत शर्मा का अपहरण कर मारने का आरोप था। कोर्ट ने तीनों को किडनैप का नहीं, हत्या का दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई। केस में फैसला आने के बाद दुष्यंत के पिता रामेश्वर प्रसाद रोने लगे। उन्होंने कहा- आज मेरे बेटे को न्याय मिला है।
इससे पहले शुक्रवार को कोर्ट में फैसला सुनाने से पहले प्रिया रो रही थी। कोर्ट में सजा सुनाने से पहले जज ने तीनों आरोपियों से पूछा- अगर आप कुछ कहना चाहते हो तो बोलो। इस पर पहले प्रिया आगे आई। आंखों में आंसू लेकर बोली- मुझे कुछ नहीं कहना। वहीं प्रिया का ब्वॉयफ्रेंड दीक्षांत ने कहा- मैं टेरिटोरियल आर्मी में जाना चाहता था। जवानी में गलती हो गई। मैं लंबे समय से जेल में हूं। मेरा करियर खराब हो जाएगा। वहीं लक्ष्य ने कहा- मुझे पुलिस ने फंसाया है। मेरा कोई लेना देना नहीं है। मेरी मां अकेली है। मैं इकलौता बेटा हूं।
195 सबूत और 45 गवाह पेश किए गए…
लोक अभियोजक राघवेंद्र पारीक ने कहा- हमने इस पूरे केस में 195 से ज्यादा सबूत पेश किए। वहीं, 45 गवाह करवाए। हम अब भी हाईकोर्ट में अपील करेंगे। कोशिश करेंगे कि आरोपियों को फांसी की सजा हो।
अब पढ़िए प्रिया सेठ की जुर्म की कहानी…
पाली की सीधी साधी लड़की आखिर जयपुर में कैसे अपराधों में लिप्त हो गई, आइए पूरे घटनाक्रम के बारे में विस्तार से जानते है। दरअसल, कहानी की शुरूआत साल 2011 से शुरू होती है। 2011 में पाली की रहने वाली प्रिया सेठ पढ़ने के लिए जयपुर आई थी। सरकारी कॉलेज में लेक्चरर पिता ने प्रिया का जयपुर के एक कॉलेज में दाखिला करवाया। यहां से प्रिया की जिंदगी पूरी तरह बदल गई और वह अपराधों में लिप्त हो गई। प्रिया जयपुर में विभिन्न इलाकों में किराए के फ्लैट लेकर मसाज पार्लर जैसे काम करने लगी। 4 जुलाई 2014 में श्याम नगर थाने में पीटा एक्ट में पकड़ी गई। 30 नवंबर 2014 को मानसरोवर में एटीएम काटते हुए पकड़ी गई। इसी साल 7 मार्च को रेप केस में फंसाने की धमकी देकर 7.50 लाख रुपए हड़पने के मामले में गिरफ्तार हुई।
5 साल में 1000 लोगों को बनाया शिकार…
साल 2011 में जयपुर आने के बाद प्रिया यहां के शातिर लोगों के संपर्क में आ गई। इसके बाद प्रिया ने खुद अपने स्तर पर लोगों को शिकार बनाना शुरू कर दिया। पुलिस के अनुसार, प्रिया एक वेबसाइट बनाकर पुरुषों को फंसाती और रुपए ऐंठने के बाद फरार हो जाती। पुलिस की पूछताछ में प्रिया ने अब तक 1000 से अधिक लोगों को फंसाना कबूल किया। इन अपराधों में प्रिया कुछ लोगों को पैसे का लालच देकर मदद लेती थी। दुष्यंत हत्याकांड में प्रिया ने दीक्षांत के दोस्त लक्ष्य वालिया की भी मदद ली।
प्रिया ने बॉयफ्रेंड की पत्नी बनकर लिया फ्लैट…
दीक्षांत प्रिया का बॉयफ्रेंड है और दोनों पति-पत्नी बनकर साथ रह रहे थे। प्रिया ने जयपुर के बजाज नगर में एक अपार्टमेंट में किराए से फ्लैट लिया था और वहीं से धंधा चला रही थी। जानकारी के अनुसार, दीक्षांत भी प्रिया का फायदा उठा रहा था। वह रहता प्रिया के साथ था, लेकिन उसके कई लड़कियों के साथ भी संबंध थे। वह प्रिया की ठगी की योजनाओं में अपने फायदे के लिए शामिल होता और अपना हिस्सा लेने के बाद अलग हो जाता।
रेप की धमकी देकर लोगों को लूटती थी प्रिया…
प्रिया अपराध की दुनिया में इतनी रच बस गई है कि उसे अब क्राइम रास आने लगा है। वह कुख्यात गैंगस्टर आनंदपाल की खास रही लेडी डॉन अनुराधा चौधरी से भी बड़ी डॉन बनने की इच्छा भी जता चुकी है। प्रिया का अपराध करने का तरीका बिल्कुल अलग था। वह पहले सोशल मीडिया पर युवकों से दोस्ती करती, उनका स्टेटस देखती और फिर अपने प्रेमजाल में फंसाती। अगले कदम में वह शख्स को अपने फ्लैट पर बुलाती और महंगी शराब पिलाती। फिर खुद ही अपने कपड़े फाड़ लेती और रेप के आरोप लगाने की धमकी देते हुए रुपयों की डिमांड करती। पीड़ित व्यक्ति इस जाल में फंस जाता। प्रिया अब तक शहर के कई नामचीन लोगों को फंसाना कबूल कर चुकी है। प्रिया ने दुष्यंत को अपने प्रेमजाल में ऐसे ही फंसाया था।
हत्या के बाद बॉडी को सूटकेस में डाल कर पहाड़ियों में फेंका…
प्रिया ने डेटिंग ऐप के जरिए दुष्यंत को अपने प्रेम जाल में फंसाया था। 2 मई 2018 को उसने दुष्यंत को मिलने बुलाया और रास्ते में उससे मिली। इसके बाद वह उसे बजाज नगर स्थित फ्लैट पर ले गई। जहां पहले से प्रिया का बॉयफ्रेंड दीक्षांत और उसका साथी लक्ष्य मौजूद था। फ्लैट पर पहुंचते ही तीनों ने दुष्यंत को बंधक बना लिया। उसके पिता रामेश्वर प्रसाद से 10 लाख रुपए फिरौती मांगी। पिता ने 3 लाख रुपए दुष्यंत के अकाउंट में जमा भी करा दिए। पकड़े जाने के डर से तीनों ने दुष्यंत का गला घोंटकर हत्या कर दी। पहचान छिपाने के लिए उसके चेहरे पर चाकू से कई वार किए। इसके बाद तीनों ने दुष्यंत की बॉडी को सूटकेस में बंद करके आमेर की पहाड़ियों में फेंक दिया था।
दुष्यंत की पिता की रिपोर्ट पर पुलिस ने की कार्रवाई…
वारदात के बाद दुष्यंत के पिता रामेश्वर प्रसाद ने प्रिया सहित अन्य के खिलाफ 3 मई 2018 को झोटवाड़ा पुलिस थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। आमेर थाना पुलिस को दुष्यंत का शव 3 मई की रात को मिला था। पुलिस ने पूरे मामले की जांच, एफएसएल और डीएनए रिपोर्ट में आरोपियों के खिलाफ हत्या सहित अन्य जुर्म प्रमाणित पाए गए थे। जांच के बाद पुलिस ने 4 मई को आरोपियों को गिरफ्तार किया था, जिसके बाद से ही प्रिया और दीक्षांत जेल में हैं। वहीं, लक्ष्य को जमानत मिल गई थी, लेकिन दोषी ठहराए जाने के बाद उसे फिर से न्यायिक हिरासत में ले लिया गया था।
बेटे की मौत के बाद पिता ने बहू को पढ़ाया…
करीब 4 साल बाद बेटे की मौत के बाद परिवार को न्याय मिला। ऐसे में बेटे के हत्यारों को सजा मिलने के बाद दुष्यंत के पिता रामेश्वर प्रसाद ने पैरवी करने वाले अधिवक्ता संदीप लुहाड़िया सहित सभी वकीलों का धन्यवाद दिया। जिन्होंने पूरे केस में उनकी तरफ से फ्री पैरवी की। दुष्यंत अपने पिता की एकमात्र संतान बचे थे। उसकी हत्या से कुछ साल पहले उसके छोटे भाई की सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी। दुष्यंत की मौत के समय घर में उनके माता-पिता, पत्नी और डेढ़ साल का बेटा था। पति की मौत के बाद रामेश्वर प्रसाद ने अपनी बहू को पढ़ाया। वर्तमान में दुष्यंत की पत्नी ग्रेड थर्ड टीचर हैं।